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Thursday 25 September 2014

जोगीबेड़ा के आदिवासी परिवारों को हुआ मनरेगा के पशुआश्रय से लाभ

जोगीबेड़ा के आदिवासी परिवारों को हुआ मनरेगा के पशुआश्रय से लाभ
प्रतिवर्ष बनने वाले कच्चे टप्परों और बीमारियों से मिली मुक्ती


खण्डवा (23, सितम्बर,2014) - खालवा जनपद की ग्राम पंचायत जोगीवेड़ा के 4 आदिवासी परिवारों के लिये मनरेगा योजना के पशुआश्रय बहुत उपयोगी साबित हो रहे हैं। यह वह परिवार है जो खेती की जमीन कम होने के कारण वर्ष के अधिकांश माह मजदूरी कर उनका जीवन यापन करते है। ऐसे मेे खुले में बंधे होने के कारण उनके पशुओ को होने वाले रोगों और पशुओ के द्वारा की जा रही गंदगी से परिजनों को होने वाले रोगों के इलाज पर अनावश्यक खर्चा हो जाया करता था। परंतुु मनरेगा योजना ने उनको इस समस्या से सदैव के लिये मुक्ति दिलाते हुये उन्हे पशुओ को बांधने हेतु पक्के पशुआश्रय का लाभ दिलाया है।  जोगीबेड़ा पंचायत में तोताराम पिता भागीरथ, सावित्री बाई शोभाराम, गोराबाई भागीलाल, भागीरथ बुद्ध को पशु आश्रय का लाभ दिया गया है। इन सभी के पास बैल एवं गाय है जिन्हे वे पूर्व में घर के समीप खुले मे बांधने पर मजबूर थे। जिससे पशुओं के मलमूत्र त्यागने पर घर के समीप गंदगी का फेलाव रहता था जिससे तरह-तरह के रोग जनित जीवाणु पनपते थे। 
इन परिवारों के मुखिया बतलाते है कि पूर्व में हमें पशुओं हेतु प्रति वर्ष घास पूस और लकड़ी आदि एकत्र कर टप्पर बनाना पड़ता था। पैसे के अभाव में निर्मित इन कच्चे पशु आश्रय में पशुओं हेतु तो जगह होती थी परंतु न तो घास व चारा रखने की व्यवस्था होती थी और न ही वहां सफाई हो पाती थी। बारिश के दिनों में पशुओं का आहार भी खराब हो जाता था साथ ही बारिश मे भीगने से पशुओं को कई बीमारियां भी हो जाती थी। घास-पूस की छत से निर्मित टप्पर के नीचे फर्स मी कच्चा होता था, जानवरों द्वारा त्यागा गया मल-मूत्र उस कच्ची मिट्टी में गंदगी व कीड़ों को जन्म देता था जिससे जानवरों के साथ-साथ परिवार के सदस्य भी बीमार हो जाते थे। यह हितग्राही आगे बताते है कि हर वर्ष कच्चे पशु आश्रय को बनाने एवं पशुओं के बीमार हो जाने पर उन्हे आर्थिक हानी होती थी, परंतु अब मनरेगा अंतर्गत पक्के पशु आश्रय पाकर वह प्रसंन्न व निशचिंत हैं। 
मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत खण्डवा अमित तोमर द्वारा बतलाया गया कि जिले में महात्मा गांधी नरेगा योजना अंतर्गत विगत दो वर्षो में 3231  पशु आश्रय स्वीकृत किये गये जिनमें से 721 पशु आश्रय पूर्ण करायाजाकर लाभ हितग्राहियों को दिया जा चुका जल्द ही शासन की इस योजना का लाभ सभी पात्र हितग्राहियों को दिया जाकर पशुपालन को प्रोत्साहित किया जावेगा।   
              क्रमांक/101/2014/1473/वर्मा

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