खुशियों की दास्ताँ
भण्डार गृह बनने से रामाजी की आय बढ़ी तो घर में आई खुशहाली
खण्डवा 28 फरवरी, 2021 - खालवा निवासी रामाजी पिछले कई वर्षो से अपनी ढाई एकड़ जमीन पर रबी और खरीफ दोनों फसलों में प्याज की खेती कर रहे हैं। पहले खेत से प्याज निकालकर सीधे मण्डी ले जाकर 4-5 रूपये किलो के चालू भाव पर बेच देते थे। जब से सरकार की योजना के तहत उन्होंने भण्डार गृह बनवाया है तो अब खेत से लाकर प्याज भण्डार गृह में रख देते है और जब बाजार मूल्य 20-25 रूपये किलो हो जाता है तो बेच देते है, जिससे उनकी आय लगभग 4-5 गुनी बढ़ गई है। रामाजी बताते है कि आय 4-5 गुना बढ़ जाने से घर में खुशहाली आ गई है और सभी परिवारजन बहुत खुश है।
रामाजी ने बताया कि गोदाम न होने पर प्याज को रखने की जगह नही थी, अतः कम भाव पर बेचना उनकी मजबूरी थी। वो हर बार लगभग 200 क्विंटल प्याज 5 रूपये किलो के भाव पर लगभग 1 लाख रूपये में बेचते थे। अब चूंकि सरकारी मदद से गोदाम बन गया है तो उन्होंने इस बार कुछ दिन प्याज नही बेची और गोदाम में रख दी। चार-पॉंच माह बाद जब प्याज का बाजार भाव 25 रूपये किलो हो गया तो उन्होंने अपनी 200 क्विंटल प्याज बेचकर लगभग 5 लाख रूपये की आय प्राप्त की। उप संचालक उद्यानिकी श्री राजू बडवाया ने बताया कि सरकार की प्याज भण्डार गृह की योजना के तहत प्याज उत्पादक किसानों को 50 मेट्रिक टन क्षमता का गोदाम बनवाने के लिए उसे 1.75 लाख रूपये का अनुदान भी मिलता है। रामाजी बताता है कि उसने जब से यह सुना है कि ‘‘आत्म निर्भर भारत योजना‘‘ के तहत ‘‘एक जिला एक उत्पाद‘‘ कार्यक्रम के तहत खण्डवा जिले में प्याज की फसल को चुना गया है‘‘ तो उसकी खुशी और बढ़ गई है, क्योंकि अब प्याज का और अच्छा मूल्य मिलेगा, जिससे उसका परिवार और अधिक खुशहाल होगा।