खुशियों की दास्ताँ
प्याज भण्डार गृह बनने से चम्पालाल की आय बढ़ी, घर में आई सम्पन्नता
खण्डवा 25 फरवरी, 2021 - खालवा विकासखण्ड के ग्राम खारकलां निवासी चम्पालाल पिछले कई वर्षो से प्याज व अन्य सब्जियों की खेती कर रहे है। भण्डार गृह की सुविधा न होने से खेत की फसल जैसी की तैसी बाजार में बेचना पड़ती थी। चम्पालाल बताते है कि बाजार मूल्य कम होता था तो भी फसल इसलिए बेचना पड़ती थी, क्योंकि उसे सुरक्षित रखने की जगह नहीं थी और रखी रखी फसल खराब हो जाती थी। एक दिन उद्यानिकी निरीक्षक ने चम्पालाल को बताया कि सरकार की प्याज भण्डार गृह की योजना के तहत 50 मेट्रिक टन क्षमता का गोदाम यदि वह बनवाता है तो उसे 1.75 लाख रूपये का अनुदान भी मिल जायेगा और प्याज रखने के लिए सुरक्षित जगह भी उपलब्ध हो जायेगी।
चम्पालाल ने भण्डार गृह बनवाने के लिए आवेदन कर दिया। कुछ ही दिनों में भण्डार गृह तैयार हो गया। उसने बताया कि इस वर्ष जब प्याज का उत्पादन हुआ तब प्याज का बाजार भाव 5 रूपये किलो था, इसलिए उस समय प्याज नही बेची, क्योंकि अब भण्डार गृह तैयार हो गया था। कुछ दिनों बाद प्याज का बाजार भाव बढ़ गया और जब बाजार में 35-40 रूपये किलो के भाव प्याज मिलने लगा, ऐसे में चम्पालाल ने अपनी प्याज बेचकर हर वर्ष की तुलना में लगभग 7-8 गुना लाभ कमाया। चम्पालाल ने बताया कि लगभग 4 एकड़ क्षेत्र में वह 520 क्विंटल प्याज उत्पादन कर लेता है। प्याज से 7-8 गुने दाम मिलने से चम्पालाल अब बहुत खुश है। चम्पालाल बताता है कि उसने जब से यह सुना है कि ‘‘आत्म निर्भर भारत योजना के तहत एक जिला एक उत्पाद कार्यक्रम के तहत खण्डवा जिले में प्याज की फसल को चुना गया है‘‘ तो उसकी खुशी दुगुनी हो गई है, क्योंकि अब प्याज का और अच्छा मूल्य मिलेगा, जिससे उसका परिवार और अधिक खुशहाल होगा।
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