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Monday 22 February 2021

समझाइश के बाद हठ छोड़कर पति पत्नि एक हुए, परिवार टूटने से बचा

 खुशियों की दास्ताँ

समझाइश के बाद हठ छोड़कर पति पत्नि एक हुए, परिवार टूटने से बचा 

खण्डवा 22 फरवरी, 2021 - सीमित आय और उपर से नशे की लत के कारण घर की आर्थिक स्थिति खराब होने से पारिवारिक विवाद बढ़ता गया। पति पत्नि के रोज रोज के विवाद के कारण  लगभग तलाक की नोबत आ गई। मामला विधिक सेवा प्राधिकरण तक पहुंचा तो प्राधिकरण के अध्यक्ष व डी.जे. श्री एल.डी. बोरासी तथा सचिव व एडीजे श्री हरिओम अतलसिया ने पति पत्नि दोनों को समझाइश दी। बार बार दोनों की काउंसलिंग कर परिवार को टूटने से बचाया। 

यह बात है तहसील पुनासा के ग्राम खैगांव निवासी 26 वर्षीय एक महिला पूजा ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में गत दिनों आवेदन प्रस्तुत कर अनुरोध किया कि उसका विवाह विशाल से लगभग 7 वर्ष पूर्व हुआ था, सास-ससुर दोनों शासकीय सेवा में है एवं पति प्राईवेट नौकरी में है। विशाल व पूजा का एक बेटा भी है जो कि साढ़े पांच वर्ष का है। विवाह के बाद सब ठीक-ठाक चल रहा था लेकिन पिछले कुछ माह से पति शराब का सेवन करने लगे थे, इस बात से रोकने पर घर में आये दिन विवाद एवं छोटी-छोटी बातों पर लड़ाई झगड़ा होने लगा। इतना ही नहीं पति द्वारा शंका करने से और विवाद बढ़ गया एवं महिला मानसिक रूप से परेशान होकर ससुराल छोड़कर मायके चली गई। 

वह अपने परिवार को तोड़ना भी नहीं चाहती थी लेकिन पति झुकने को भी तैयार नहीं था और दोनों पक्षों के परिवारों के बीच विवाद की स्थिति बनने लगी थी। इस आवेदन पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव एवं एडीजे श्री अतलसिया ने दोनों पति-पत्नि की तीन बार काउंसलिंग की। सोमवार को तीसरी काउंसलिंग में अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण तथा जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री एल. डी. बौरासी व सचिव श्री अतलसिया द्वारा पति-पत्नि की काउंसलिंग की गई । 

तीसरी काउंसलिंग में पति विशाल ने शराब छोड़ने व पत्नि पर शंका न करने का भरोसा दिया तथा घर में पत्नि और बच्चे को पर्याप्त समय देने व पत्नि को हमसफर के रूप में रखने का वादा किया। इस पर पत्नि पूजा भी मान गई और अपने पति विशाल के साथ ससुराल जाने को तैयार हो गई। इस प्रकार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की यह पहल रंग लाई और टूटने की कगार पर पहुॅंचा परिवार, आपसी सुलह समझौते के माध्यम से फिर एक हो गया। तीनों काउंसलिंग्स के दौरान पैरालीगल वॉलेंटियर श्री गणेश कानड़े का भी भरपूर सहयोग रहा।

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