AAPKI JIMMEDARI

AAPKI JIMMEDARI

Thursday 25 February 2021

‘सतत विकास लक्ष्यों द्वारा ही सामाजिक आर्थिक विकास संभव‘

 ‘सतत विकास लक्ष्यों द्वारा ही सामाजिक आर्थिक विकास संभव‘ 
एसएन कॉलेज में एक दिवसीय वेबीनार सम्पन्न

खण्डवा 25 फरवरी, 2021 - ‘सतत विकास लक्ष्यों द्वारा ही सामाजिक आर्थिक विकास संभव‘ विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय वेबीनार एस. एन. महाविद्यालय के अर्थशास्त्र विभाग एवं आइक्यूएसी के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम के प्रारंभ में वेबीनार के संरक्षक एवं प्राचार्य डॉ. मुकेश जैन ने स्वागत भाषण देते हुए सतत विकास के आशय को स्पष्ट करते हुए सामाजिक, आर्थिक विकास की रूपरेखा को स्पष्ट किया। तत्पश्चात आइक्यूएसी प्रभारी डॉ अविनाश दुबे ने वेबीनार की सार्थकता पर प्रकाश डाला। 

वेबीनार के प्रथम वक्ता के रूप में हिदायतुल्लाह राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय रायपुर के डॉ उत्तम पंड्या ने अपने विचार व्यक्त करते हुए बताया कि सतत् विकास लक्ष्यों का मुख्य उद्देश्य विश्व से गरीबी को पूर्णतया समाप्त कर प्रत्येक मनुष्य को रोटी कपड़ा एवं मकान की मूलभूत आवश्यकता उपलब्ध कराना है। संयुक्त राष्ट्र के माध्यम से 17 सतत् विकास लक्ष्यों को निर्धारित किया गया है। इन लक्ष्यों के द्वारा गरीबी, भूखमरी, शिक्षा, स्वास्थ्य, लैंगिक समानता, जल एवं स्वच्छता, ऊर्जा, आर्थिक वृद्धि, बुनियादी सुविधाओं में विस्तार, उद्योग एवं नवाचार, असमानता में कमी आदि के लक्ष्यों को पूरा करना है और इन समग्र एजेंडों में माना गया है कि अब केवल आर्थिक वृद्धि तथा विकास पर ही फोकस करना पर्याप्त नहीं है बल्कि निष्पक्ष और अधिक समतामूलक समाज तथा अधिक सुरक्षित एवं अधिक संपन्न पृथ्वी पर ध्यान केंद्रित करना भी परम आवश्यक है। सकल घरेलू उत्पाद अर्थात जीडीपी बढ़ाना ही एकमात्र विकास का मापदंड नहीं है, जन सामान्य को आवश्यक मूलभूत आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध हो जाए और जलवायु में कोई नकारात्मक परिवर्तन ना हो, यह भी विकास का मापदंड होना चाहिए। 

वेबीनार की दूसरी वक्ता के रूप में शासकीय महाकौशल कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय, जबलपुर के अर्थशास्त्र विभाग के प्रोफेसर डॉ. विभा निगम ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था एवं सतत् विकास पर अपने विचार व्यक्त करते हुए हमारी प्राचीन सभ्यता, संस्कृति, ग्रामीण अर्थव्यवस्था के उत्थान के साथ पर्यावरण संरक्षण के महत्व पर भी प्रकाश डाला। डॉ. निगम ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था एवं ग्रामीण स्वरोजगार पर बल देते हुए तकनीकी शिक्षा, शुष्क खेती एवं पर्यावरण संरक्षण के महत्व पर बल दिया। वेबीनार के संयोजक प्रोफेसर विकास वर्मा ने बताया कि वेबीनार में 15 से अधिक राज्यों के 1827 प्रतिभागियों ने पंजीयन कर अपनी सहभागिता दर्ज की।

वेबीनार का संचालन वेबीनार के संयोजक प्रोफेसर विकास वर्मा ने किया जबकि अतिथियों एवं प्रतिभागियों के प्रति आभार अर्थशास्त्र की विभागाध्यक्ष डॉ रश्मि प्रभा फरे ने व्यक्त किया। वेबीनार के दौरान परामर्श दात्री एवं आयोजन समिति के डॉ एस पी सिंह, डॉक्टर मनीषा साकल्ले, डॉ शुचि गुप्ता, प्रो पी.के. पाटील, डॉक्टर एस एस डाबर , प्रोफेसर चंद्रपाल सिंह रावत, श्री अमित कुमार अब्राहम, डॉ. मोक्षदा जौहरी अनिल पटेल आदि उपस्थित रहें। वेबीनार में तकनीकी सहयोग प्रोफेसर अभिषेक शिंदे, प्रोफेसर श्वेता दशोरे , प्रोफेसर आशीष दुबे एवं श्री मनीष गुप्ता का रहा।

No comments:

Post a Comment