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Monday 22 February 2021

चाइल्ड लाइन नम्बर 1098 का व्यापक प्रचार प्रसार करायें

 चाइल्ड लाइन नम्बर 1098 का व्यापक प्रचार प्रसार करायें

बाल संरक्षण समिति की बैठक सम्पन्न


खण्डवा 22 फरवरी, 2021 - जिला बाल संरक्षण समिति की बैठक कलेक्टर श्री अनय द्विवेदी की अध्यक्षता में सोमवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित हुई। बैठक में कलेक्टर श्री अनय द्विवेदी ने बाल सम्प्रेक्षण गृह की सुरक्षा के लिए बाउण्ड्रीवाल के उपर वायर फैसिंग कराने तथा परिसर में बगीचा विकसित करने के लिए एस्टिमेट तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने बच्चों की मदद के लिए स्थापित चाइल्ड हेल्पलाइन नम्बर 1098 का व्यापक प्रचार प्रसार कराने के निर्देश भी बैठक में दिए। इस दौरान अपर कलेक्टर श्री एस.एल. सिंघाड़े, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री प्रकाश परिहार, एसडीएम हरसूद डॉ. परीक्षित झाडे, जिला महिला बाल विकास अधिकारी श्रीमती नवीता शिवहरे सहित विभिन्न अधिकारी मौजूद थे। 

बैठक में सहायक संचालक महिला एवं बाल विकास अधिकारी श्रीमती मीना कांता एक्का ने बताया कि बाल सम्प्रेक्षण गृह में निवासरत बालकों के लिए सी.एस.ए. संस्था द्वारा कौशल उन्नयन का प्रशिक्षण, शिक्षा विभाग से एक शिक्षक द्वारा प्रतिदिन शिक्षण कार्य कराया जाता है एवं संस्था में निवासरत सभी बालकों की देखरेख संबंधी योजना बनाई जा रही है। उन्होंने बताया कि फॉस्टर केयर एवं स्पॉन्सरशिप योजना के तहत हितग्राहियों को प्रतिमाह फॉलोअप डिस्ट्रिक्ट चाइल्ड लाइन एवं रेल्वे चाइल्ड लाइन के माध्यम से कराया जा रहा है। श्रीमती एक्का ने बताया कि चाईल्ड लाइन नम्बर 1098 अंकित किये जाने एवं 1098 के प्रचार प्रसार के लिए पेम्पलेट्स, पोस्टर बनाकर सभी एसडीएम, तहसीलदार एवं सभी विभागों को वितरित कर दिए गए है। उन्होंने बताया कि रेल्वे चाइल्ड लाइन द्वारा बस स्टैंड एवं रेल्वे स्टेशन के आस पास माता पिता द्वारा बालकों से भिक्षावृत्ति करवाई जा रही है, जिसके रोकथाम के लिए रेल्वे चाइल्ड लाइन द्वारा बालकों को बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया जा रहा है।  

सहायक संचालक महिला एवं बाल विकास अधिकारी श्रीमती मीना कांता इक्का ने बताया कि शासकीय बाल सम्प्रेक्षण गृह रतागढ़ में 17 बालक तथा नवजीवन चिल्ड्रन्स होम गणेश तलाई में 22 बालक निवासरत है। उन्होंने बैठक में बताया कि फास्टर केयर योजना के तहत ऐसे बालक जिसकी उम्र 18 वर्ष से कम है, जिनके माता पिता, संरक्षक नही है, अनाथ बालकों का चिन्हांकन आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के माध्यम से किया जाकर उन बालकों का चयन कर प्रतिमाह 2 हजार रूपये की सहायता राशि बालकों के संरक्षण, शिक्षा एवं स्वास्थ्य इत्यादि के लिए बालकों के खाते में दी जाती है। स्पॉन्सरशि योजना के तहत संस्थाओं मे निवासरत बालकों का पारिवारिक पुनर्वास कर उन्हें प्रतिमाह 2 हजार रूपे की सहायता राशि बालकों के संरक्षण, शिक्षा एवं स्वास्थ्य इत्यादि के लिए बालकों के खाते में दी जाती है, जो कि 18 वर्ष की आयु तक दी जाती है। उन्होंने बताया कि फास्टर केयर योजना में 18 बालकों एवं स्पॉन्सरशिप योजना में 11 बालकों को लाभान्वित किया गया है।

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