मिजल्स-रूबैला टीकाकरण अभियान संबंधी जिलास्तरीय कार्यशाला संपन्न
खण्डवा 15 दिसम्बर, 2018 - आगामी जनवरी माह में आयोजित होने वाले मिजल्स रूबैला वैक्सिन अभियान के प्रति जिले के चिकित्सकों व पैरामेडिकल स्टाॅफ में जागरूकता लाने के लिए शनिवार को स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिलास्तरीय कार्यशाला आयोजित की गई। इस कार्यशाला में बताया गया कि जिले में मिजल्स रूबैला वैक्सिन अभियान के तहत जिले के सभी प्रायवेट, शासकीय, अध्र्दशासकीय, मदरसा स्कूलो तथा अंागनवाडी केन्द्रो मे दर्ज 9 माह से 15 वर्ष तक के बच्चो को मिजल्स-रूबेला का टीका लगाया जायेगा। उक्त अभियान 15 जनवरी 2019 से प्रारंभ किया जायेगा। विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रतिनिधि बडोदा गुजरात से आये एस.एम.ओ. डाॅ. आर्थर मेकवन व्दारा कार्यशाला में इस अभियान के बारे में जानकारी दी। जिला टीकाकरण अधिकारी डाॅ. अनिल तंतवार ने बताया कि इस वैक्सिन को पहले प्रायवेट अस्पतालो मे लगाया जाता था अब यह सरकारी मे मुफ्त मे लगाई जायेगी। यह अभियान शिक्षा विभाग एवं महिला बाल विकास विभाग के सहयोग से आयोजित किया जायेगा। कार्यशाला मे जिला शिक्षा अधिकारी श्री जे.एल. रघुवंशी, एवं जिला समन्वयक,शिक्षा केन्द्र श्री नीलेश रघुवंशी, डाॅ.शिवराज सिंह चैहान,जिला कार्यक्रम प्रबंधक, योगेश शर्मा जिला सर्विलेंस अधिकारी भी उपस्थित थे।
जिला टीकाकरण अधिकारी डाॅ. तंतवार ने कार्यशाला में बताया कि मिजल्स एक जानलेवा बीमारी है जिसमें ग्रषित होने पर बच्चे को दस्तरोग, निमोनिया, कुपोषण और अंधापन जैसे कई रोगो से ग्रसित हो जाता है एवं बच्चांे की मृत्यु भी हो सकती है। रूबेला बीमारी मुख्यतः 15 वर्ष तक के बच्चों मंे सर्वाधिक होती है अगर गर्भावस्था के दौरान रूबेला संक्रमण होने से षिषु जन्मजात दोष के साथ पैदा हो सकता है, जैसें अधापन, बहरापन ,जन्मजात दिल की बीमारी, मानसिक रूप से बच्चा कमजोर पैदा होता है। इन बीमारियों से बचने का एक ही उपाय है कि बच्चो को मिजल्स रूबेला वेक्सिन का टीका लगाये जाये। उन्होंने बताया कि मिजल्स रूबेला अभियान के दौरान सभी शासकीय स्कूल तथा निजी स्कूल एवं आंगनवाडी केन्द्रांे पर मिजल्स रूबेला के टीके लगाये जायेगें। इस अभियान में शाला त्यागी बच्चों को भी टीके लगाये जायेंगे। जिला टीकाकरण अधिकारी डाॅ. तंतवार ने बताया कि इस अभियान में महिला एवं बाल विकास विभाग, आदिवासी विकास विभाग एवं षिक्षा विभाग के साथ स्वंय सेवी संस्थाऐं जिसमें डब्ल्यू एचओ, यूनीसेफ, रोटरीक्लब, इण्डियन मेडिकल एसोसियन, इण्डियन पीडियाट्रिषन एसोसियन तथा लायंस क्लब, जेएसआई जैसे समाजसेवी संगठनों द्वारा सहयोग प्रदान किया जा रहा है।
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