फसलों को पाले से बचाने के लिए किसानों को उपयोगी सलाह
खण्डवा 20 दिसम्बर, 2018 - पाले से बचाव के लिए कृषकों को रात्रि में विशेषकर तीसरे व चैथे पहर खेत की मेढ़ों पर कचरा तथा खरपतवार आदि जलाकर धुंआ करना चाहिए, जिससे कि धुंए की परत फसलों के उपर आच्छादित हो जाये। उपसंचालक कृषि श्री आर.एस. गुप्ता ने बताया कि फसलों में खरपतवार नियंत्रण करना भी आवश्यक है। क्योंकि खेतों में होने वाले अनावश्यक तथा जंगली पौधे सूर्य की उष्मा भूमि तक पहुंचने में अवरोध उत्पन्न करते है। इन पौधों को उखाड़ कर मल्चिंग करना भी तापमान के असर को कुछ हद तक नियंत्रित करता है। इसके अलावा अन्य उपायों में फसलों में स्प्रिंकलर के माध्यम से हल्की सिंचाई भी करें। उन्होंने बताया कि थायो यूरिया की 500 ग्राम मात्रा का 1000 लीटर पानी में घोल बनाकर 15-15 दिवस के अन्तर से छिड़काव भी पाले के विरूद्ध उपयोगी उपाय है। इसके अतिरिक्त 8 से 10 किलोग्राम सल्फर डस्ट प्रति एकड़ का भुरकाव करें अथवा घुलनशील सल्फर तीन ग्राम प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव कर भी पाले से फसलों को बचाया जा सकता है।
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