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Thursday 20 December 2018

स्वास्थ्य केन्द्रों में सुविधाएं बढ़ायें तथा स्कूलों में शिक्षा का स्तर सुधारें - कलेक्टर श्री गढ़पाले

स्वास्थ्य केन्द्रों में सुविधाएं बढ़ायें तथा स्कूलों में शिक्षा का स्तर सुधारें
- कलेक्टर श्री गढ़पाले
शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, कौशल उन्नयन, पोषण स्तर की संकेतकवार समीक्षा की गई

खण्डवा 20 दिसम्बर, 2018 - केन्द्र सरकार के नीति आयोग द्वारा आकांक्षी जिलों के शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, कौशल उन्नयन, पोषण स्तर जैसे बिन्दुओं की समीक्षा नियमित रूप से की जाती है। कलेक्टर श्री विशेष गढ़पाले ने गुरूवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित बैठक में इन्हीं शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, कौशल उन्नयन, पोषण स्तर जैसे बिन्दुओं की विस्तार से समीक्षा की तथा अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे इन बिन्दुओं पर दिए गए लक्ष्य को समय सीमा में प्राप्त करने का प्रयास करे, ताकि खण्डवा जिले में कृषि उत्पादन, मातृ मृत्यु दर, शिशु मृत्यु दर, महिलाओं व बच्चों का पोषण स्तर, स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता, स्वरोजगार सुविधाओं के स्तर में सुधार आ सके। इस दौरान बैठक में जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. रतन खण्डेलवाल, जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री संजय भारद्वाज, जिला शिक्षा अधिकारी श्री जे.एल. रघुवंशी सहित नीति आयोग से जुड़े विभागों के जिला अधिकारी मौजूद थे। 
कलेक्टर श्री गढ़पाले ने बैठक में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि गर्भवती महिलाओं का गर्भावस्था के प्रथम तीन महीनो में अनिवार्य रूप से पंजीयन कर पर उनके टीकाकरण कार्ड तैयार किए जायें तथा उनका समय पर टीकाकरण किया जाये व विशेषज्ञ चिकित्सों के माध्यम से उनका स्वास्थ्य परीक्षण कराया जाये। इस कार्य में प्रगति संतोष जनक न पाए जाने पर उन्होंने नाराजगी प्रकट की। बैठक में कलेक्टर श्री गढ़पाले ने कहा कि यह प्रयास किया जाये कि गर्भवती महिलाओं के शत प्रतिशत प्रसव निर्धारित शासकीय प्रसव केन्द्रों में ही हो तथा घर पर कोई प्रसव न हो। यदि किन्हीं कारणों से घर पर प्रसव होने की सूचना प्राप्त हो तो तत्काल प्रसूता का स्वास्थ्य परीक्षण शासकीय महिला चिकित्सक द्वारा किया जाना चाहिए। बैठक में बताया गया कि माह नवम्बर में खालवा विकासखण्ड के विभिन्न ग्रामों में कुछ गर्भवती महिलाओं के प्रसव उनके घर पर ही हुए थे, कलेक्टर श्री गढ़पाले ने निर्देश दिए कि जिन महिलाओं की डिलेवरी घर पर होती है, विकासखण्ड चिकित्सा अधिकारी व मुख्य चिकित्सा अधिकारी स्वयं रूचि लेकर उनका स्वास्थ्य परीक्षण नियमित रूप से करायें। कलेक्टर श्री गढ़पाले ने बैठक में निर्देश दिए कि कुछ बाईक एम्बूलेंस भी क्रय की जायें, ताकि जरूरमंद मरीजों को उनके घर से स्वास्थ्य केन्द्र तक पहुंचाने में मदद मिल सके। उन्होंने क्षय नियत्रंण कार्यक्रम के अधिकारी डाॅ. नितिन कपूर को ग्रामीण क्षेत्रों में आयोजित हाट बाजारों में क्षय रोग के संभावित मरीजों के थूक एवं खंखार का परीक्षण कराने के लिए विशेष शिविर लगाने के निर्देश भी दिए, ताकि क्षय रोग पाए जाने पर मरीज का समय पर उपचार प्रारंभ हो सके। 
उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. खण्डेलवाल को निर्देश दिए कि वे जिले के सभी प्रसव केन्द्रों का नियमित रूप से हर माह निरीक्षण करें तथा प्रसव केन्द्रों पर स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाने पर विशेष ध्यान दें। उन्होंने सीएमएचओ डाॅ. खण्डेलवाल को निर्देश दिए कि स्वास्थ्य केन्द्रों में कार्यरत पैथोलाॅजी लैब के संचालन की भी नियमित रूप से निगरानी की जाए और लैब असिस्टेंट्स को लगातार टेªेनिंग दी जाये। कलेक्टर श्री गढ़पाले ने सिविल सर्जन डाॅ. ओ.पी. जुगतावत को निर्देश दिए कि प्रति सप्ताह जिला अस्पताल में होने वाले प्रसव से संबंधित आॅडिट रिपोर्ट का परीक्षण कर प्रतिवेदन नियमित रूप से भेजें। कलेक्टर श्री गढ़पाले ने सहायक आयुक्त आदिवासी श्री नीलेश रघुवंशी को निर्देश दिए कि विभाग के सभी स्कूलों व छात्रावासों में लायब्रेरी की सुविधा उपलब्ध कराई जाये। उन्होंने स्कूलों व छात्रावासों की रंगाई पुताई व सफाई भी कराने के निर्देश दिए। कलेक्टर श्री गढ़पाले ने उपसंचालक कृषि को निर्देश दिए कि माइक्रो एरिगे्रशन के अंतर्गत अपने लक्ष्य को शीघ्र पूर्ण कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिए कि शिक्षकों को उनकी मूल शालाओं में ही पदस्थ रखा जाये तथा सुनिश्चित किया जाये कि वे अन्य कार्यालयों में संलग्न न रहे, बल्कि अपनी स्कूल में ही पढ़ाएं।

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