स्वास्थ्य कार्यक्रमों में लक्ष्य प्राप्त न करने वाले अधिकारियों पर होगी कार्यवाही
कलेक्टर श्री गढ़पाले ने स्वास्थ्य व महिला बाल विकास अधिकारियों की बैठक में दिए निर्देष
खण्डवा 13 दिसम्बर, 2018 - स्वास्थ्य एवं महिला बाल विकास विभाग के अधिकारी कर्मचारी अपने मुख्यालय पर रहें तथा बिना अनुमति के मुख्यालय न छोड़े। विकासखण्ड चिकित्सा अधिकारी व परियोजना अधिकारी आईसीडीएस तथा दोनों विभाग की सुपरवाइजर्स नियमित रूप से भ्रमण करें। शासन द्वारा स्वास्थ्य व महिला बाल विकास विभाग की विभिन्न योजनाओं का लक्ष्य समय सीमा में प्राप्त किया जाये। सभी स्वास्थ्य योजनाओं व कार्यक्रमों का आगामी 3 माह का प्लान बनाकर लक्ष्य प्राप्त करें। लक्ष्य प्राप्त न करने वाले अधिकारियों कर्मचारियों के विरूद्ध अनुषासनात्मक कार्यवाही की जायेंगी। यह निर्देष कलेक्टर श्री विषेष गढ़पाले ने गुरूवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित स्वास्थ्य एवं महिला बाल विकास विभाग की संयुक्त बैठक में दिए। उन्होंने कहा कि कुपोषित बच्चों व गर्भवती महिलाओं के पोषण तथा टीकाकरण पर विषेष ध्यान दिया जाये। कुपोषित बच्चों को निकटतम पोषण पुनर्वास केन्द्रों में भर्ती कराया जाये और उनका नियमित रूप से फोलोअप किया जाये, इस संबंध में पूरी जिम्मेदारी विकासखण्ड चिकित्सा अधिकारी परियोजना अधिकारी और सुपरवाईजर की होगी।
कलेक्टर श्री गढ़पाले ने कहा कि गर्भवती महिलाओं का पंजीयन समय पर किया जाये और आरसीएस पोर्टल पर 7 दिवस के अंदर एन्ट्री की जाना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि कोई भी प्रसव घर पर न हो, यह सभी सुपरवाईजर सुनिश्चित करें, अन्यथा उनके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने कहा कि जिन महिलाओं का प्रसव अस्पताल में नहीं हुआ हो, उन महिलाओं का प्रसव के 24 घंटे की समय सीमा में कुषल स्वास्थ्य कार्यकर्ता द्वारा परीक्षण किया जाना चाहिए। ऐसा न करने पर संबंधित क्षेत्र की एएनएम, सेक्टर सुपरवाइजर व स्वास्थ्य कार्यकर्ता का वेतन काटा जायेगा। बैठक में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. रतन खण्डेलवाल, जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री संजय भारद्वाज सहित दोनों विभागों के अधिकारी मौजूद थे।
बैठक में कलेक्टर श्री गढ़पाले ने पुनरीक्षित क्षय नियंत्रण कार्यक्रम के जिला नोडल अधिकारी डाॅ. नितिन कपूर को निर्देष दिए कि विभिन्न ग्रामीण हाट बाजारों व स्वास्थ्य षिविरों में क्षय रोग के संभावित मरीजों के थूक व खखार की जांच की व्यवस्था की नियमित रूप से की जाये तथा क्षय रोग पाए जाने पर संबंधित मरीज को क्षय नियंत्रण कार्यक्रम के तहत दवा का पूरा कोर्स दिलाया जाये। कलेक्टर श्री गढ़पाले ने खालवा क्षेत्र में ग्रामीणों में टीबी रोग के इलाज पर विषेष ध्यान दिए जाने की आवष्यकता बतायी। पूर्व में इन केन्द्रों में भर्ती बच्चों का फोलोअप राउंड भी किया जाये तथा पोषण पुनर्वास केन्द्र से घर जाने के बाद यदि बच्चा फिर कुपोषित पाया जाता है तो उसे पुनः केन्द्र में भर्ती कराया जायें। उन्होंने कहा कि पोषण पुनर्वास केन्द्र में कोई भी बेड खाली न रहे यह सुनिष्चित किया जाये।
बैठक में कलेक्टर श्री गढ़पाले ने परिवार कल्याण कार्यक्रम, दृष्टिहिनता नियंत्रण कार्यक्रम, कुष्ठ नियंत्रण कार्यक्रम की प्रगति की भी विस्तार से समीक्षा की। खालवा ब्लाक के ग्राम झिरपा उप स्वास्थ्य केन्द्र में पदस्थ संविदा महिला कार्यकर्ता को घर पर अधिक प्रसव होने व कार्य में लापरवाही के कारण उनकी सेवाएं समाप्त करने के निर्देश दिए है। उन्होंने कहा कि आगामी 17 दिसम्बर से 31 जनवरी 2019 तक दस्तक अभियान में कोई भी बच्चा छूटे न इसके लिए संयुक्त रूप से घर घर जाकर सेवाएं देना सुनिश्चित करें। साथ ही आगामी जनवरी माह में होने वाले मिजल्स रूबेला अभियान के तहत 9 माह से 15 वर्ष तक के सभी बच्चों को टीकाकरण किया जायेगा, जिसमें आंगनवाड़ी केन्द्र के बच्चे, स्कूली और स्कूल त्यागी व प्रायवेट स्कूलों के बच्चे भी शामिल है। बैठक में सभी कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास, सुपरवाइजर्स सम्मिलित थे। परिवार कल्याण में शहरी क्षेत्र की आशा कार्यकर्ता ज्योति मेहता गुरूनानक वार्ड खण्डवा द्वारा 8 पुरूष नसबंदी हितग्राहियों को प्रेरित कर उन्हें नसबंदी करवाई गई, जिन्हें कलेक्टर श्री गढ़पाले ने प्रशंसा पत्र देकर पुरूस्कृत किया।
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