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Wednesday 29 October 2014

दूरस्थ आदिवासी अंचल के ग्रामीणों ने शैक्षणिक भ्रमण के तहत किया जिला कार्यालयों का भ्रमण

दूरस्थ आदिवासी अंचल के ग्रामीणों ने शैक्षणिक भ्रमण के तहत किया जिला कार्यालयों का भ्रमणजनसम्पर्क विभाग से ‘‘आगे आओ लाभ उठायें‘‘ पुस्तके प्राप्त कर जानी शासन की योजनाएॅं




खण्डवा (29 अक्टूबर 2014) - जिले के दुरस्त आदिवासी अंचल खालवा क्षेत्र के ग्रामीणों ने अपने शैक्षणिक भ्रमण कार्यक्रम अंतर्गत मंगलवार को जिला मुख्यालय पर विभिन्न शासकीय कार्यालयों का भ्रमण कर उनकी जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठाने हेतु की जाने वाली कार्यवाही को देखा, समझा एवं कई प्रश्न पूछ कर अपनी जिज्ञासाओं का समाधान किया। 
खालवा विकासखण्ड के अंतिम सिरे पर बसे ग्राम विक्रमपुर, समजगढ़, खातेगॉंव, बिचपुरी एवं गोलखेड़ा के 18 आदिवासी भाईयों ने सर्वप्रथम जिला जनसम्पर्क कार्यालय पहॅुंचकर वहॉं कि कार्य प्रणाली को समझा और मध्य प्रदेश शासन की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं के बारे में जानकारी प्राप्त की। उन्हें जनसम्पर्क विभाग द्वारा आगे आए लाभ उठायें पुस्तके भेट की गई। तत्पश्चात कलेक्टर कार्यालय का भ्रमण कर ग्रामीणों ने वहॉं चल रही जनसुनवाई की प्रक्रिया को समझा और वहॉ आवेदन किस प्रकार दिए जाते है , पावती कैसे प्राप्त की जाती है। और किस प्रकार समस्याओं का समाधान होता है। इस प्रक्रिया को बारिकी से समझा।  इसके बाद ग्रामीणों ने लोक सेवा प्रबंधक कार्यालय का अवलोकन किया। जहॉं उन्हें लोक सेवा प्रबंधक शैलेन्द्र जादम ने ग्रामीणों को जिले में संचालित लोकसेवा केन्द्रों की जानकारी दी। साथ ही लोकसेवा प्रदाय गारंटी कानून एवं नियमों पर विस्तारपूर्वक प्रकाश डाला। उन्होंने गा्रमीणों से विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठाने हेतु आगे आने का आव्हान किया और ग्रामीणों से उनकी समस्याओं के समाधान हेतु लोकसेवा केन्द्रों की सेवाओं का लाभ उठाने की अपील की। 
ग्रामीणों ने एनवीडीए कॉलोनी में स्थित बैंक ऑफ इण्डिया द्वारा प्रायोजित स्टार स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान का अवलोकन भी किया। यहॉं बैंक के आंचलिक प्रबंधक श्री एस.के. वर्मा, अग्रणी बैंक प्रबंधक टी.ए. खान, के मार्गदर्शन में चल रहे विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों के बारे में केन्द्र के निर्देशक एम.एल. कानूनगो ने ग्रामीणों को यहॉं चल रहे विभिन्न आवासीय एवं निःशुल्क स्वरोजगार प्रशिक्षण कार्यक्रमों जैसे, जूट प्रशिक्षण, टेलरिंग एवं ड्रेस डिजाईनिंग, ब्यूटी पॉर्लर, मोटर बाईडिंग, प्लंबरिंग, घेरलू विद्युत उपकरण मरम्मत एवं मोबाईल रिपेयरिंग के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। उन्होंने ग्रामीणों से इस केन्द्र में निःशुल्क प्रशिक्षण लेने का आव्हान भी किया। इंटर प्रेन्योर डेवल्पमेंट के तहत ग्रामीणों को आगे आकर स्वयं एवं अपने परिजनों को प्रशिक्षण दिलाकर स्वरोजगार से जोड़ने की अपील की। यह ग्रामीण एफीकोर संस्थान की पहल पर सेमूअल एवं सामाजिक कार्यकर्ता गणेश कानड़े के मार्गदर्शन में यहॉं पहॅुचे थे। ग्रामीणों ने जिला पंचायत एवं आदिम जाति कल्याण विभाग कार्यालय का भ्रमण भी किया। जिला मुख्यालय से लगभग 100 किमी दूर अंतिम सिरे पर बसे इन गॉवों के ग्रामीणों ने पहली बार जिला मुख्यालय पहॅुचकर इन कार्यालय का भ्रमण कर किया।
 क्रमांक/116/2014/1636/वर्मा

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