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Thursday 16 October 2014

नेशनल लोक अदालत का आयोजन बुधवार को सम्पन्न

नेशनल लोक अदालत का आयोजन बुधवार को सम्पन्न



खण्डवा (15,अक्टूबर,2014) - नेशनल वृहत लोक अदालत के आयोजन के क्रम में प्रीसिटिंग्स का दौर आरंभ हो चुका है। बुधवार को जिला एवं सत्र न्यायालय के कान्फ्रेंस हॉल में जिले में कार्यरत सभी दुर्घटना दावा अधिकरणों एवं जनरल इन्श्योंरेंस कंपनी के अधिकारियों की प्रीसिटिंग्स की बैठक आयोजित हुई।
इस अवसर पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अभिनंदन कुमार जैन, विशेष न्यायाधीश गौरीशंकर दुबे, अक्षय कुमार द्विवेदी, प्रथम अपर जिला न्यायाधीश राजेन्द्र कुमार दशोरा, द्वीतीय अपर जिला न्यायाधीश के न्यायालयों के सभी दुर्घटना दावा प्रकरणों के दावाकर्ताओं के अधिवक्ता डी.एस. चौहान शंशाक शुक्ला, नितीन इंडिया इंश्योरेंस, दी न्यू इंडिया इंश्योरेंस, दी भानूप्रिय एवं सुभाष कानूनगो तथा नेशनल बीमा कंपनियों के अधिकारियों की प्रकरण सहित बैठक हुई। इसमें 300 प्रकरणों को समझौतावार्ता हेतु शामिल किया गया जिसमें से लगभग 20 प्रकरण नेशनल लोक अदालत के लिए अंतिम रूप से सहमति व राजीनामें के आधार पर तैयार कर लिए गए।
बीमा कंपनियों की ओर से कंपनीवार समझौता योग्य मामलों के संबंध में अपने स्पष्ट लिखित प्रस्ताव प्रस्तुत किए है, जो दावाकर्ताओं के अधिवक्ताओं को प्रदान कर दिए गए है। अधिवक्ताओं ने अपने पक्षकरों से संपर्क कर उसे अंतिम करने हेतु समय प्रार्थित किया है। जिसे प्रदत्त करते हुए जिला एवं सत्र न्यायाधीश अभिनंदन कुमार जैन द्वारा कंपनीवार प्रीसिटिंग पुनः आयोजित की है। जिसमें 5 नवम्बर को न्यू इंडिया इंश्योरेंस एवं यूनाईटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी, 7 नवम्बर को नेशनल इंश्योरेंस कंपनी एवं 10 नवम्बर को दी ओरिएण्टल एवं प्राईवेट इंश्योरेंस कंपनियों की प्रीसिटिंग बैठकें नियत की गई है।
इस आयोजन की जानकारी देते हुए सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने पक्षकारों का आव्हान किया है  िकवे अतिशीघ्र अपने अधिवक्ताओं से संपर्क करें। यदि वे चाहे तो सीधे न्यायालयों से अथवा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से संपर्क कर अपने प्रकरणों को अंतिम रूप से ओर समझौते के माध्यम से निराकृत करा सकते है तथा तत्काल बीमा कंपनियॉं दूर्घटना दावे की क्षतिपूर्ति राशि का भुगतान करेगी जिन्हें नेशनल लोक अदालत 6 दिसम्बर 2014 को प्रदान किया जायेगा। उन्होंने यह भी अवगत कराया कि यह उचित अवसर हो सकता है कि पक्षकार इसका लाभ लेकर लम्बी न्यायिक प्रक्रिया तथा दुर्घटना दावों के भुगतान में होने वाले विलम्ब से बच सकते है। तथा शीघ्र न्याय एवं क्षतिपूर्ति प्राप्त कर सकते है। उन्होंने नेशनल लोक अदालत के सफल बनाने का आव्हान भी किया है। 
   क्रमांक/55/2014/1572/वर्मा

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