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Wednesday 15 October 2014

मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम की कलेक्टर श्री अग्रवाल ने की समीक्षा दिए निर्देश

मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम की कलेक्टर श्री अग्रवाल ने की समीक्षा
दिए निर्देश
काम कराना है तो काम करना पड़ेगा - कलेक्टर श्री अग्रवाल
निर्देश पढ़े है, कितने निरीक्षण करना है सीईओ जनपद को - कलेक्टर श्री अग्रवाल
एपीओ मध्यान्ह भोजन भी करे सतत् निरीक्षण 




खण्डवा (14,अक्टूबर,2014) - काम कराना है तो काम करना पड़ेगा। सिर्फ पत्राचार करने से काम नही होता है। हमेशा पिंच करना होता है। तब कही जाकर काम होता है। यह निर्देश और समझाईश मंगलवार को कलेक्टर श्री अग्रवाल ने मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम की समीक्षा के दौरान सहायक परियोजना अधिकारी एमडीएम को दिए। उन्होंने आदेश देते हुए कहा कि आपने और क्वालिटी कन्ट्रोल मॉनीटर ने अबतक जितने भी निरीक्षण किए है। उनकी निरीक्षण रिपोर्ट जल्द से जल्द मुझे प्रस्तुत करे। साथ ही यदि एपीओ, एमडीएम, निरीक्षण पर नही जाते यह बर्दाश्त करने लायक नही है। आप सतत् दौरा करे और निरीक्षण रिपोर्ट मेरे समक्ष प्रस्तुत करे। 
इसके साथ ही मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम की समीक्षा बैठक में कलेक्टर श्री अग्रवाल ने निर्माणाधीन और निर्मित किचनसेड की स्थिति की भी समीक्षा कि जिसमें उन्होंने माध्यमिक शालाओं में किचनसेड निर्माण का कार्य 96 प्रतिशत अपूर्ण होने पर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने एपीओ को निर्देश दिए कि अधूरे निर्माण कार्यो की ब्लाकवार सब इंजिनियरवार और स्टेजवार, जानकारी मुझे प्रस्तुत करें। साथ ही सभी संबंधित अधिकारियों को हमेशा कार्य में तेजी लाने के निर्देश दे। 
समीक्षा के दौरान किचनशेड निर्माण के कार्य में तेजी न होने पर कलेक्टर श्री अग्रवाल ने सहायक परियोजना अधिकारी मध्यान्ह भोजन से सभी सीईओ जनपदों के निरीक्षण रिपोर्ट की जानकारी चाही। जो कि उपलब्ध न होने पर उन्होंने शासन द्वारा जारी निर्देशों की जानकारी होने का प्रश्न एपीओ से पूछा। उन्होंने कहा कि आप ने निर्देशाों को पढ़ा है कि सीईओ जनपदों को एक माह में कितने निरीक्षण करने है। यदि पढ़ा है तो निरीक्षण प्रतिवेदन क्यों नही मगाते। माह में अगर निरीक्षण की संख्या कम है तो नोटिस के माध्यम से सूचित क्यों नही करते। कार्य में मुस्तैदी लाए और सभी सबंधित अधिकारियों को पिंच करते रहे। 
इसके साथ ही बैठक मंे कलेक्टर श्री अग्रवाल ने -
विभिन्न क्रियान्वयन संस्थाओं के बीच प्रभावी समन्वय एवं कार्यक्रम के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु विभिन्न विभागों और संस्थाओं तथा इनकी योजनाओं के साथ संयोजन।
क्रियान्वयन के विभिन्न पहलुओं नामतः खाद्यान्न का उठाव, शाला स्तर पर खाद्यान्न की समुचित मात्रा की उपलब्धता, भोजन पकाने हेतु आवश्यक अधोसंरचना की व्यवस्था (विशेषकर किचन शेड का निर्माण व इनमें आग से सुरक्षा के समुचित उपाय) प्रदाय, छात्रों की नियमित उपस्थिति आदि का अनुश्रवण।
मध्यान्ह भोजन का क्रियान्वयन करने वाले समूह, एजेंसी के द्वारा मध्यान्ह भोजन में अनियमितता पाये जाने पर तत्काल कार्यवाही करने के संबंध में।
मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम के अंतर्गत स्वसहायता समूह गठित कर इनके माध्यम से आटा चक्कियों के संचालन, सब्जी उत्पादन व मसाला उत्पादन के कार्य को प्रोत्साहन एवं इस संदर्भ में प्रगति का अनुश्रवण।
कार्यक्रम के क्रियान्वयन में आ रही कठिनाईयों का निराकरण एवं गड़बड़ियों के संदर्भ में सुधारात्मक कदम।
जन सहभागिता हेतु प्रोत्साहन एवं प्रयास तथा स्वयंसेवी, अशासकीय संस्थाओं को कार्यक्रम से संबद्ध करने के लिए प्रयास।
क्रियान्वयन के फलस्वरूप विभिन्न प्रतिमानों नामतः विद्यार्थियों की दर्ज संख्या, विद्यार्थियों की उपस्थिति, विद्यार्थियों का पोषण स्तर, विद्यार्थियों का शैक्षणिक स्तर आदि के संदर्भ में प्रभावों का आकलन।
और विभिन्न संस्थाओं, व्यक्तियों द्वारा कार्यक्रम के अनुश्रवण, पर्यवेक्षण एवं मूल्यांकन के संबंध में प्रस्तुत प्रतिवेदनों अथवा ध्यान में लाई गई विषयवस्तु पर आवश्यक कार्यवाही। की भी समीक्षा की।
इस अवसर पर मुख्यकार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री अमित तोमर भी उपस्थित थे।
क्रमांक/48/2014/1565/वर्मा

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