13 अक्टूबर 2014 को नेशनल लोक अदालत हेतु जिला अधिवक्तासंघ में न्यायिक अधिकारियों, अधिवक्तागण एवं पक्षकरों के साथ बैठक का आयोजन
खण्डवा (13,अक्टूबर,2014) - 06 दिसम्बर 2014 को राष्ट्रीय स्तर पूरे देश में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा। कार्यपालक अध्यक्ष श्री अजीत सिंह, मध्यप्रदेश राजय विधिक सेवा प्राधिकरण, जबलपुर के निर्देशन में जिला खण्डवा में लोक अदालत का आयोजन किया जावेगा। जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री अभिनंदन कुमार जैन द्वारा नेशनल लोक अदालत के आयोजन के इस क्रम में आज जिला अधिवक्ता सभागृह में एक बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें जिला न्यायालय खण्डवा के समस्त न्यायाधीशगण, जिला अधिवक्तासंघ के अध्यक्ष, पदाधिकारीगण, समस्त अधिवक्तागण एवं पक्षकारगण उपस्थित हुए।
बैठक का संचालन श्री गंगाचरण दुबे, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण , खण्डवा ने किया तथा नेशनल लोक अदालत में समस्त अधिवक्तागण एवं पक्षकरागणों से सहयोग की अपील की। जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष सरदार सिंह तंवर ने कहा कि आयोजित नेशनल लोक अदालत में अधिवक्ता अपना पूर्ण सहयोग कर अधिक से अधिक संख्या में प्रकरणों को राजीनामा से निपटाने मंे सहयोग करेंगे।
इस अवसर पर वरिष्ठ अधिवक्ता श्री बी.ए. भाटे, ने अधिवक्तासंघ के सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा कि इस लोक अदालत में हमें और कुछ नही गरीबों की मदद करना है।, जिससे अधिवक्ताओं को कम से कम उनकी दुआ तो मिलेगी।
अधिवक्ता श्री लखन मण्डलोई, श्री एम.के. गुप्ता, श्री ऋषि गुप्ता, श्री मोहन गंगराड़े ने भी अधिवक्ताओं एवं पक्षकारगणों को संबोधित किया अधिवक्तागण ने व्यक्त किया कि गरीब की सेवा ईश्वर की सेवा है जिसके लिए अधिवक्ता संघ तत्पर है। तथा अधिवक्ता संघ लोक अदालत में अधिक से अधिक संख्या में मामले निपटाने मंे सहयोग करेगा।
श्री अभिनंदन कुमार जैन, जिला एवं सत्र न्यायाधीश, अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, खण्डवा ने कहा कि आज मैं अधिवक्ता संघ का नेशनल लोक अदालत के प्रति सहयोग देखकर अभीभूत हॅॅू। जिला न्यायाधीश ने यह भी व्यक्त किया कि लोक अदालत से पुराने मामले निराकृत होते है। खत्म नहीं होते विगत वर्ष 9000 समझौते योग्य मामलों मंे से 3000 मामले निराकृत होने पर भी 01 वर्ष बाद प्रकरणों की संख्या 11000 है। जो दर्शाती है कि समझौतों से शीघ्र सस्ता न्याय प्रदान करने की महती आवश्यकता है।
तत्पश्चात श्री आर.के. दशोरा, द्वितीय अपर जिला न्यायाधीश ने संबोधन किया कि लोक अदालत में प्रकरणों के निराकरण से जहॉं एक ओर पक्षकार को आर्थिक क्षति से लाभ मिलता है। वही लेाक अदालत आयोजन से न्यायालयों में लंबित मामले निपटने से बोझ कम होता है।
श्री गंगाचरण दुबे, सचिव, जिविसेप्रा ने व्यक्त किया कि लोक अदालत से -
ऽ पक्षकारों के मध्य आपसी सद्भाव बढ़ता है व कटुता समाप्त होती है।
ऽ समय, धन व श्रम की बचत होती है।
ऽ लोक अदालतों में निराकृत मामलों मंे लगा न्याय शुल्क वापस हो जाता है।
ऽ लोक अदालत द्वारा पारित आदेश , अवार्ड की निःशुल्क सतय प्रतिलिपि पक्षकारों को तुरंत प्रदान की जाती है।
ऽ लोक अदालत का आदेश, अवार्ड अन्तिम होता है व इसके विरूद्ध कोई अपील नही होती है।
ऽ नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग, मध्य प्रदेश विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, भोपाल एवं समस्त बैंको द्वारा लोक अदालत के समय दी जाने वाली विशेष सुविधाओं (छूट) का लाभ भी प्राप्त किया जा सकता है।
ऽ प्रकरण के पक्षकार स्वयं के प्रकरणों में राजीनामा करने के साथ - साथ अपने पड़ोसी तथा गांववालों के अन्य प्रकरणों में भी राजीनामा कराने में सहयोग कर समाज - सेवा का लाभ प्राप्त कर सकते है।
क्रमांक/44/2014/1561/वर्मा
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