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Friday, 7 February 2014

एसिड हमलों के मामलों में उच्चतम न्यायालय के निर्देशों का करें पालन सभी जिलों और विभागों को प्रावधान से अवगत करवाया

एसिड हमलों के मामलों में उच्चतम न्यायालय के निर्देशों का करें पालन

सभी जिलों और विभागों को प्रावधान से अवगत करवाया

खंडवा (07 फरवरी, 2014) - राज्य सरकार ने एसिड के हमले की घटनाओं पर कारगर नियंत्रण के लिए सभी कलेक्टरों और कमिश्नरों और पुलिस अधीक्षकों को विस्तृत निर्देश भेजे हैं। महिलाओं की सुरक्षा एवं उनके उत्थान के लिए संकल्पित राज्य सरकार द्वारा पूर्व में भी इस तरह के निर्देश सभी जिलों को भेजे जा चुके हैं। उच्चतम न्यायालय द्वारा दिए गए आदेश के परिपालन में राज्य सरकार ने  पुनः निर्देश भेजे हैं। उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय ने एक प्रकरण में पारित आदेश में लायसेंस धारी एसिड विक्रेताओं द्वारा विक्रय पंजी संधारित करने के आदेश दिए हैं।  शिक्षण संस्थाओं, रिसर्च लेबोरेटरी, अस्पताल, सार्वजनिक उपक्रम आदि द्वारा एसिड रखने एवं उसका संग्रहण करने पर भी पंजी संधारित करने की अनिवार्यता होगी। उच्चतम न्यायालय के निर्देशों में एसिड हमले से पीड़ित व्यक्ति को इलाज एवं मुआवजे के रूप में तीन लाख की राशि प्रदान करने के निर्देश भी शामिल हैं।
        राज्य सरकार ने अनुविभागीय अधिकारी को निर्देशों का उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों के खिलाफ कार्यवाही के लिए उत्तरदायी बनाया है। विष अधिनियम वर्ष 1919 संपूर्ण देश में प्रभावशील है। इसमें सभी प्रकार के विष और एसिड शामिल हैं जो मानव शरीर के लिए घातक होते हैं। अधिनियम के अंतर्गत मध्यप्रदेश शासन के विष (मध्यप्रदेश) नियम 1960 को प्रदेश में प्रभावशील किया गया है। इसमें एसिड के विभिन्न प्रकार उल्लेखित हैं। लायसेंसधारी विक्रेता को विष के विक्रय के लिए विस्तृत जानकारियाँ रजिस्टर में अंकित कर हस्ताक्षर करना आवश्यक है।  राज्य सरकार ने विष अधिनियम 1919 एवं मध्यप्रदेश विष अधिनियम 1960, विष (संशोधन ) 1981 के प्रावधान का पूर्णतरू पालन करवाने के निर्देश सभी विभागाध्यक्ष और सभी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को भी दिए हैं।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा भेजे गए विस्तृत निर्देश वेब साइट http://www.health.mp.gov.in/ पर भी अपलोड कर दिए गए हैं। सभी संबंधित को सभी आदेश, विधि प्रावधान, नियमों एवं निर्देशों का भलीभांति अध्ययन कर इनसे अपने अधीनस्थ को भी अवगत करवाने को कहा गया है।
क्रमांक: 41/2014/245/वर्मा

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