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Friday 21 February 2014

शहरी बस्तियों के लिए 4000 आशा कार्यकर्ता नियुक्त होंगी

शहरी बस्तियों के लिए 4000 आशा कार्यकर्ता नियुक्त होंगी
43 करोड़ रुपए की प्रशासकीय मंजूरी
खंडवा ( 21 फरवरी 2014) -  राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने मध्यप्रदेश में शहरी स्वास्थ्य कार्यक्रमों के लिए इस वर्ष 43 करोड़ रुपए के कार्यों की प्रशासकीय मंजूरी दी है। इसके तहत चार हजार आशा कार्यकर्ता की नियुक्ति की जाएगी।  प्रमुख सचिव स्वास्थ्य श्री प्रवीर कृष्ण की अध्यक्षता में आज स्वास्थ्य मिशन कार्यालय में हुई बैठक में राज्य में स्वास्थ्य कार्यक्रमों के विस्तार के लिए प्रारंभ की जाने वाली योजनाओं पर चर्चा हुई। शहरी इलाकों में मलिन बस्तियों के निवासियों के लिए मातृ और शिशु रोग नियंत्रण के कार्य को प्राथमिकता दी जाएगी।
    प्रदेश में अब शहरी क्षेत्रों में झुग्गी बस्तियों की बड़ी आबादी को बेहतर  स्वास्थ्य सुविधाएँ पहुँचाने की पहल की गई है। इसके अनुसार शहरी इलाकों में 4000 आशा कार्यकर्ता को नियुक्ति दी जाएगी। इसके साथ ही 87 चिकित्सक भी नियुक्त होंगे। नियुक्ति की प्रक्रिया एम.पी. ऑनलाइन के माध्यम से की जाएगी।
मोहल्ला आरोग्य समितियाँ
     केंद्र सरकार से प्राप्त स्वीकृति के अनुसार 50 हजार की आबादी पर शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, 5 लाख की आबादी पर शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और शहरों में प्रत्येक 500 की आबादी पर मोहल्ला आरोग्य समितियाँ गठित  होंगी।  कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित जिला स्वास्थ्य समितियों की भूमिका को भी सक्रिय बनाया जाएगा।
जी.आय.एस. मेपिंग
    शहरी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार करते हुए बस्तियों की जी.आय.एस. मेपिंग का कार्य किया जाएगा। प्रत्येक आशा कार्यकर्ता पर 200 से 500 परिवार की स्वास्थ्य देखभाल का दायित्व होगा। झुग्गी  बस्तियों में रहने वाले शहरी नागरिकों को टीकाकरण सहित सभी आवश्यक सुविधाएँ उपलब्ध करवाई जाएंगी। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सभी जिला मुख्यालयों पर प्रारंभ होंगे। सौ बिस्तर क्षमता के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सात संभागीय मुख्यालय पर प्रारंभ होंगे।
स्वास्थ्य शिविर भी लगेंगे
    शहरों की झुग्गी बस्तियों में माह में एक बार स्वास्थ्य शिविर  अनिवार्य रूप से आयोजित  होंगे। महिला आरोग्य समितियाँ भी गठित की जाएंगी।
सिटी हेल्थ प्लान
    आज हुई बैठक में जानकारी दी गई कि समुदाय को स्वास्थ्य रक्षा और स्वास्थ्य जागरूकता से जोड़ने  के लिए सिटी हेल्थ प्लान बनाए  जाएंगे। नागरिकों की सहभागिता बढ़ाई जाएगी और महिला-बाल विकास विभाग का सहयोग भी प्राप्त किया जाएगा।

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