निःशक्तजन विवाह प्रोत्साहन योजना के तहत् एक लाख पचहत्तर हजार रूपये की राशि स्वीकृत
खंडवा (24 जनवरी, 2014) - कलेक्टर नीरज दुबे ने निःशक्त व्यक्ति समान अवसर अधिकार संरक्षण प्रोत्साहित करने के फलस्वरूप निःशक्तजन विवाह प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत प्रस्तुत किए गए आवेदन का परीक्षण कर नियमनुसार एक लाख पचहत्तर हजार रूपये की राशि स्वीकृत की है।
कलेक्टर श्री दुबे ने गजानंद रत्नी रजंतीबाई तथा सुरेश पत्नी यशोदाबाई दोनों दम्पत्तियों के निःशक्त होने पर पर 50-50 हजार रूपये की राशि स्वीकृत की गई है। वहीं अन्य तीन दम्पत्तियों मीठाराम पत्नी मंजू, काचू पत्नी देवंतीबाई तथा चंपालाल पत्नी बसंतीबाई में से एक के निःशक्त होने पर 25-25 हजार रूपये की राशि स्वीकृत की है।
विवाह विघटन या वैवाहिक संबंध टूटने पर प्रोत्साहन राशि करना होगी वापस:- कलेक्टर श्री दुबे ने कहा है कि प्रोत्साहन राशि पात्र दम्पत्ति को संयुक्त रूप से देय होगी और यह राशि केवल एक बार ही देय होगी। साथ ही निर्देशों के अधीन प्रोत्साहन राशि प्राप्त करने वाले विवाहित दम्पत्ति में से किसी सदस्य द्वारा तत्समय प्रवृत्त विधि के अधीन न्यायिक पृथक्करण एवं विवाह विच्छेद या विवाह विघटन अथवा 5 वर्ष की समाप्ति के पूर्व किसी दम्पत्ति के वैवाहिक संबंध टूट जाते हैं, तो दम्पत्ति द्वारा प्राप्त प्रोत्साहन की सम्पूर्ण राशि सरकार को वापिस करने के लिये उत्तरदायी होंगे। यह राशि भू-राजस्व की बकाया की भांति वसूली योग्य होगी।
क्रमांक: 143/2014/143/वर्मा कलेक्टर श्री दुबे ने गजानंद रत्नी रजंतीबाई तथा सुरेश पत्नी यशोदाबाई दोनों दम्पत्तियों के निःशक्त होने पर पर 50-50 हजार रूपये की राशि स्वीकृत की गई है। वहीं अन्य तीन दम्पत्तियों मीठाराम पत्नी मंजू, काचू पत्नी देवंतीबाई तथा चंपालाल पत्नी बसंतीबाई में से एक के निःशक्त होने पर 25-25 हजार रूपये की राशि स्वीकृत की है।
विवाह विघटन या वैवाहिक संबंध टूटने पर प्रोत्साहन राशि करना होगी वापस:- कलेक्टर श्री दुबे ने कहा है कि प्रोत्साहन राशि पात्र दम्पत्ति को संयुक्त रूप से देय होगी और यह राशि केवल एक बार ही देय होगी। साथ ही निर्देशों के अधीन प्रोत्साहन राशि प्राप्त करने वाले विवाहित दम्पत्ति में से किसी सदस्य द्वारा तत्समय प्रवृत्त विधि के अधीन न्यायिक पृथक्करण एवं विवाह विच्छेद या विवाह विघटन अथवा 5 वर्ष की समाप्ति के पूर्व किसी दम्पत्ति के वैवाहिक संबंध टूट जाते हैं, तो दम्पत्ति द्वारा प्राप्त प्रोत्साहन की सम्पूर्ण राशि सरकार को वापिस करने के लिये उत्तरदायी होंगे। यह राशि भू-राजस्व की बकाया की भांति वसूली योग्य होगी।
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