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Thursday 30 January 2014

कर्मवीर परिसर में माखनलाल चतुर्वेदीजी की पुण्यतिथि पर परिचर्चा सम्पन्न उत्सुकता, उत्साह और दायित्वबोध आज की पत्रकारिता की जरूरत - कुलपति कलेक्टर नीरज दुबे भी हुए शामिल

कर्मवीर परिसर में माखनलाल चतुर्वेदीजी की पुण्यतिथि पर परिचर्चा सम्पन्न

उत्सुकता, उत्साह और दायित्वबोध आज की पत्रकारिता की जरूरत - कुलपति

कलेक्टर नीरज दुबे भी हुए शामिल





 

खंडवा (30 जनवरी, 2014) - माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विष्वविद्यालय के विस्तार परिसर कर्मवीर विद्यापीठ खंडवा मेें गुरुवार को विगत वर्ष की भांति इस वर्ष भी माखनलाल चतुर्वेदी की पुण्यतिथि कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस पुण्य स्मृति में माखनलाल चतुर्वेदी व महात्मा गाँधी को श्रद्वासुमन अर्पित किया गया। इस कार्यक्रम में ‘‘माखनलाल चतुर्वेदी जी की पत्रकारिता एवम् पत्रकारिता का वर्तमान परिदृष्य‘‘ विषय पर व्याख्यान माला का आयोजन भी किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत माँ सरस्वती सर्वप्रथम की प्रतिमा एवं माखनलाल व महात्मा गाँधी जी के छायाचित्रों पर पुष्प अर्पण कर किया गया। इसके उपरान्त छात्र पल्लवी मंडलोई द्वारा सरस्वती वंदना प्रस्तुत किया गया। जिसके बाद कर्मवीर के छात्र-छात्रओं द्वारा माखनलाल द्वारा रचित कविता ‘‘मधुर मधुर कुछ गालों ‘‘व  तुम मिले प्राण में रागनि छा गई‘‘  का पाठन किया गया।
           आयोजित पुण्य स्मृति व्याख्यान के क्रम में सर्वप्रथम कन्या महाविद्यालय के प्राचार्य श्रीराम परिहार ने अपने उद्बोधन में कहा कि खण्डवा का परम सौभाग्य है, कि वाग्देवी के वरदपुत्र, साहित्यकार व जागरुक पत्रकार जो यहाँ से पत्रकारिता की आचार संहिता लिख गया। इन्होंने दादा की संपूर्ण पत्रकारिय जीवन को रेखांकित करते हुए वर्तमान परिदृष्य का भी उल्लेख किया। उन्होंने दादा का उदाहरण देते हुए कहा कि षब्द की सत्ता कितना काम करती है। इस क्रम में अगले वक्ता भोपाल के वरिष्ठ पत्रकार राघवेन्द्र जी ने माखनलाल जी की कर्मभूमि खण्डवा को नमन् करते हुए दादा की जीवटता का उल्लेख किया। संस्मरण करते हुए उन्होंने कहा कि जब माखनलाल चतुर्वेदी जी ने जबलपुर से कर्मवीर के प्रकाषन के लिए तात्कालीन कलेक्टर के पास गए, तो अखबार प्रकाषित करने का जो कारण बताया वह था कि अंग्रेजी अखबार दब्बू है उनमे सच लिखने की हिम्मत नहीं है।  आज की पत्रकारिता के संदर्भ में कहा कि पत्रकार जनमत बनाते है, इसलिए आज की पत्रकारिता में देष की चिन्ता व शब्दों के चयन की महत्ता है। 
              मुख्य अतिथि कलेक्टर श्री नीरज  दुबे  ने  अपने  उद्बोधन में  कहा  कि  पत्रकरिता की जानकारी तो नहीं है, लेकिन  यहाँ जो  जानकारी मिली  वह  काफी  उत्साहवर्धक होने के साथ ही दायित्व का  बोध भी  कराती है। दादा की  लिखी  कविता  पर्वत  की अभिलाषा जीवन  की जीवट्टता का बोध कराती है। सकारात्मक पत्रकारिता की ओर संकेत करते हुए आज की पत्रकारिता की पीढी़ से सकारात्मक पत्रकारिता करने का आह्वान किया।  कर्मवीर विद्यापीठ की कैम्पस के लिए जमीन आवंटन की जानकारी भी दी और इसमें आने वाली परेषानियों का निराकरण करने की बात भी कहीं।
विष्वविद्यालय के  कुलपति  श्री ब्रजकिषोर  कुठियाला ने  अपने  उद्बोधन में  कहा  कि  माखनलाल चतुर्वेदी की पत्रकारिता के अनुकरणीय है, उनकी विरासत ही हमारा दायित्व है। हम माखनलाल विष्वविद्यालय के अंग है, इसलिए हमारा दायित्व और बढ़ जाता है। आज की पत्रकारिता में हमारा दायित्व मे मुख्यतः उत्साह, उत्सुकता व दायित्व बोध की अनिवार्यता आवष्यक है। खण्डवा में कर्मवीर के लिए आवंटित जमीन के लिए उन्होंने कलेक्टर महोदय को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि जल्द ही नए भवन का निर्माण किया जाएगा और माखनलाल के विचारों के अनुरुप ही प्रकृति से संवाद की स्थापना भी की जाएगी।
      कार्यकम का आभार प्रदर्षन विष्वविद्यालय के कुलसचिव डां. चंदेर सोनाने ने किया। उन्होंने सर्वप्रथम कलेक्टर नीरज दुबे को जमीन आवंटन के लिए आभार अभिव्यक्त किया। इस अवसर पर जिला जनसम्पर्क अधिकारी सुनील कुमार वर्मा और कार्यक्रम निर्देशक आकाशवाणी उमेश कुलकर्णी प्राभारी प्राचार्य संदीप भट्ट, राजेन्द्र परसाई, ओपी चौरे, विष्वविद्यालय के सभी अधिकारी व कर्मचारी व छात्र -छात्राएं उपस्थित थे। मंच संचालन षिक्षिका सुश्री श्वेता चौधरी ने किया।
टीप:- फोटो क्रमांक 3011411 से 30011416 तक मेल की गई हैं। 
क्रमांक: 185/2014/185/वर्मा

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