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Thursday 23 January 2014

बेटी बचाओ अभियान के स्थान पर “स्वागतम लक्ष्मी’’ योजना होगा बालिका के जन्म पर उत्सव और माता का सम्मान

बेटी बचाओ अभियान के स्थान पर “स्वागतम लक्ष्मी’’ योजना

होगा बालिका के जन्म पर उत्सव और माता का सम्मान

खंडवा (23 जनवरी, 2014) -  बेटी बचाओ अभियान के स्थान पर सकारात्मक नाम देते हुए “स्वागतम लक्ष्मी’’ योजना शुरू होने जा रही है। महिलाओं के प्रति सम्मानजनक एवं सकारात्मक वातावरण बनाने, समाज में बेटियों के जन्म के प्रति सकारात्मक सोच विकसित करने, समाज को बेटियों के प्रति आशावादी दृष्टिकोण अपनाने के लिये प्रेरित करने और वर्तमान समय की आवश्यकताओं को दृष्टिगत रखते हुए इसे योजना का स्वरूप देकर कुछ नई गतिविधियों को शामिल किया गया है।
                              योजना में बालिकाओं और महिलाओं के खिलाफ अपराध से सुरक्षा तथा उन्हें सुरक्षित माहौल देने के लिये “शौर्या” योजना को शामिल किया गया है। योजना के घटक में बालिका के जन्म पर उत्सव और माता के सम्मान को भी शामिल किया गया है। बाल विवाह रोकथाम के लिये लाडो अभियान निरंतर चलाया जा रहा है। पीसी एण्ड पीएनडीटी एक्ट के क्रियान्वयन के लिये 24 जनवरी से निरंतर राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर कार्यशाला करना भी इसमें शामिल किया गया है। बालिकाओं, महिलाओं से संबंधित कानूनी जागरूकता के लिये प्रचार-प्रसार शिविर और जेण्डर संवेदनशीलता के लिये प्रशिक्षण कार्यक्रम को भी महत्व दिया गया है। मीडिया को संवेदनशीलता की दिशा में जागरूकता के लिये राज्य, संभाग एवं जिला-स्तर की कार्यशाला जनवरी, फरवरी और मार्च में करना प्रस्तावित है। योजना में आईईसी गतिविधियों से संबंधित घटक और एमआईएस गतिविधियों से संबंधित कम्पोनेंट को भी जोड़ा गया है। इस योजना का क्रियान्वयन मध्यप्रदेश के सभी जिलों के सभी विकासखण्ड के माध्यम से किया जायेगा।
                            योजना के उद्देश्य में बालिकाओं, किशोरियों के स्वास्थ्य, पेयजल, सेनीटेशन और स्वच्छता सुविधाओं के संबंध में जागरूकता एवं प्रचार-प्रसार, मीडिया के माध्यम से बालिकाओं, महिलाओं की सकारात्मक छवि प्रस्तुत करने और वूमन पोर्टल बनाया जाना भी शामिल किया गया है। इसके अतिरिक्त दहेज जैसी सामाजिक बुराई के लिये जागरूकता अभियान के क्रियान्वयन, खुला मंच और प्रतिवर्ष अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का आयोजन किया जाना शामिल है। योजना में प्रदेश की सभी बालिकाओं और महिलाओं को लक्षित लाभार्थी के रूप में शामिल किया जायेगा।
क्रमांक: 132/2014/132/वर्मा

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