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Sunday, 9 August 2015

इल्लियों के प्रकोप से फसलों को बचाने के लिये

इल्लियों के प्रकोप से फसलों को बचाने के लिये
किसानों को एहतियाती उपाय करने की दी गयी सलाह

खण्डवा 9 अगस्त,2015 - जिले में जारी मानसून सत्र में काफी वर्षा हो चुकी है। पिछले दिनों हुयी बारिश से फसलों में कीट-व्याधि की आशंका  बन रही है। किसानों को सजग रहने एवं खेतों का सतत अवलोकन करने की सलाह दी गयी है। उनसे कहा गया है कि वे फसलों को इल्लियों के प्रकोप से बचाने के लिये एहतियाती उपाय करें। इल्ली का प्रकोप तथा अन्य कीट-व्याधि दिखायी देने पर तुरंत उपचारात्मक कार्य करें। उप संचालक कृषि से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले में पर्याप्त वर्षा हो गयी है । इसके दृष्टिगत फसलों में पŸाी खाने वाली इल्लियों के प्रकोप की आशंका है। इस स्थिति में किसानों को सलाह दी जा रही है कि फसलों में कीटभक्षी पक्षियों के बैठने के लिये श्बर्ड-पर्चष्ष् एवं फिरामेन ट्रेप लगाएं। किसान अपनी फसल का सावधानी से निरीक्षण करें एवं सुनिश्चित करें कि उनकी फसल पर किसी प्रकार की इल्लियों का प्रकोप नहीं हो पाये। इल्लियों का प्रकोप दिखने पर सूक्ष्मजीव जैसे ब्यूवेरिया बेसिआना (फफूंद) अथवा बेसीलस थूरिजिएन्सिस (बेक्टेरिया) अथवा न्यूक्लीयर पोलीहेड्रोसिस वायरस आधारित कीटनाशक का छिड़काव करें। उपरोक्त सूक्ष्मजीव आधारित कीटनाशक उपलब्ध न होने पर पŸाी खाने वाले कीड़ों के प्रबंधन के लिये रायनेक्सीपायर (क्लोरएन्ट्रानिलीप्रोल) 100 मिलीलीटर प्रति हेक्टेयर अथवा क्वीनालफॉस 1.5 लीटर प्रति हेक्टेयर अथवा इण्डोक्साकार्ब 500 मिलीलीटर प्रति हेक्टेयर की दर से 500 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।
किसानों को सलाह दी गयी है कि सफेद मक्खी द्वारा फैलाया जाने वाला पीला मोजाइक रोग ग्रसित पौधों को खेत से बाहर निकालकर गाड़ दें। सफेद मक्खियों की रोकथाम के लिये इमीडाक्लोप्रिड का 750 मिलीलीटर प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करें। जिन क्षेत्रों में विगत दिनों में अतिवृष्टि के कारण खेतों में पानी भरा है अविलम्ब जल निकास की व्यवस्था करें एवं पानी को खेत में अधिक समय तक भरा न रहने दें। सोयाबीन की फसल जहां पर 15-25 दिन की हो गई है वहां पर वर्तमान में खरपतवार नियंत्रण आवश्यक है। खरपतवार नियंत्रण अन्य विधियों या बौवनी के पश्चात खड़ी फसल में उपयोगी खरपतवार नाशक (इमाझेथापीर/क्विझालोफॉप इथाइल/क्विझालोफॉप-पी-टेफूरील/फिनोक्सीप्रॉप-पी-इथाइल  1 लीटर/हेक्टेयर या क्लोरीमुरान इथाइल दर 36 ग्राम/हेक्टेयर) रसायनों का छिड़काव कर खरपतवार नियंत्रण अवश्य रूप से करें।

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