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Thursday 13 August 2015

अब हर सोनोग्राफी आवेदन का होगा यूनीक नम्बर

अब हर सोनोग्राफी आवेदन का होगा यूनीक नम्बर
 कन्या भ्रूण हत्या पर सरकार हुयी और सख्त

खण्डवा 13 अगस्त,2015 - कन्या भ्रूण हत्या के विरुद्ध राज्य सरकार और सख्त हो गई है। जल्द ही पूरे प्रदेश में ऑनलाइन ट्रेकिंग सिस्टम लागू किया जा रहा है। किसी भी महिला की सोनोग्राफी होने के पूर्व ही जानकारी निरीक्षण समिति और कलेक्टर को स्वतरू ही पहुँच जायेगी। इससे प्रदेश भर के प्रकरण निगरानी में रहने से अल्ट्रा सोनोग्राफी के दुरुपयोग पर अंकुश लगेगा। ऑनलाइन सिस्टम पारदर्शी, सुविधाजनक और समय बचाने वाला होगा। फार्म-एफ भरते ही मरीज और संबंधित चिकित्सक निगरानी में आ जायेगा। हर आवेदन को यूनीक नम्बर दिया जायेगा, जिससे ट्रेकिंग बहुत आसान हो जायेगी। यूनीक नम्बर को फीड करते ही सोनोग्राफी की पूरी स्टेटस रिपोर्ट कम्प्यूटर पर आ जायेगी। चिकित्सक भी अपने स्थान पर किसी अन्य से सोनोग्राफी नहीं करवा पायेंगे। आवेदक को अब शुल्क अदायगी के लिये बैंक नहीं जाना पड़ेगा। फार्मों की पूर्ति और शुल्क अदायगी सब ऑनलाइन होगी। कम्पयूटर का इस्तेमाल न करने वाले लोग फार्म-एफ की पूर्ति के लिये प्रदेश में उपलब्ध 12000 एम.पी. ऑनलाइन कियोस्क का उपयोग कर सकेंगे। सूचना मिलते ही निरीक्षण समिति क्लीनिक में पहुँचकर सुनिश्चित करेगी कि सोनोग्राफी का दुरुपयोग लिंग परीक्षण के लिये न हो। 
अल्ट्रा सोनोग्राफी मशीन का उपयोग केवल बच्चे के स्वस्थ विकास और बीमारी की जानकारी सुनिश्चित करने के लिये हो सकेगा। ऑनलाइन सिस्टम से बिना फार्म-एफ की पूर्ति किये आगे की कार्यवाही नहीं हो सकेगी। पहले फार्म-एफ अधूरा रहने पर भी सोनोग्राफी हो जाती थी। फार्म के साथ केस फाइल भी संलग्न की जा सकेगी। फार्म-एफ की पूर्ति में अंतिम निर्णय संबंधित कलेक्टर का होगा। जानकारी से असंतुष्ट होने पर कलेक्टर द्वारा फार्म निरस्त किया जा सकेगा, फार्म दोबारा भरना पड़ेगा। पी.सी.पी.एन.डी.टी. के होम पेज और लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन की जानकारी उपलब्ध होगी। फार्म हिन्दी या अंग्रेजी में भरे जा सकेंगे। राज्य सलाहकार समिति ने पारदर्शिता पुख्ता करने के लिये फार्म-एफ में महिला की फोटो, डिजिटल हस्ताक्षर, अंगूठे के निशान को भी शामिल करने को कहा। 

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