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Thursday 20 August 2015

पक्की सड़को के निर्माण से नैतनगांव हुआ गंदगी मुक्त

पक्की सड़को के निर्माण से नैतनगांव हुआ गंदगी मुक्त
पंच परमेष्वर योजना ग्रामीणों के लिए बनी वरदान


खण्डवा 20 अगस्त,2015 - पुनासा विकासखण्ड का ग्राम पंचायत मुख्यालय नेतनगांव जो कभी गंदगी और कीचड के लिए जाना जाता था, आज वहां पंच परमेष्वर योजना के तहत सीसी रोड बन जाने से गांव साफ सुथरा दिखने लगा है। नेतनगांव सरपंच बताते है कि पूर्व में शहर से किसी मेहमान के आने पर हमे शर्मिदगी महसूस होती थी शहरी लोग हमारे गांव में चहुओर फैली गंदगी और कच्चे गंदे मार्गो की हमेशा निंदा करते थे परंतु आज वही लोग हमारे गांव आने पर नैतनगांव को शहरो से भी साफ सुधरा गांव बताते है। 
    लगभग 2 हजार आबादी वाले इस नेतनगांव में 350 परिवार निवास करते है। यहां के ग्रामीण गांव में चहुंओर फैली गंदगी और कीचड को उनका दुर्भाग्य समक्ष कर जीवन व्यतीत कर रहे थे, यू तो ग्रामीण विकास विभाग की कई योजनायें नैतनगांव में भी क्रियान्वित की गयी परंतु किसी योजना के द्वारा इस गांव की गंदगी पर पूरी तरह विराम नही लग पाया था। नेतनगांव को गंदगी और कीचड से मुक्ति दिलाने में मनरेगा योजना और पंचपरमेश्वर योजना के समन्वय से बनने वाले पक्के सीमेट मार्ग कारगर साबित हुये है। आज नेतनगांव में हर और साफ सुथरा परिवेश नजर आता है तो यह इन्ही पक्के मार्गो के कारण संभव हुआ है। मनरेगा योजना और पंचपमेश्वर योजना के समन्वय से नेतनगांव में 7 पक्के मार्गो का निर्माण करवाया गया है। सबसे पहले गांव के मुख्य मार्ग को गंदगी विहीन करने के लिये यहां पर सडक निर्माण कार्य प्रारंभ किया गया। यह मार्ग लंबा हेने के कारण यहां 4 भागों में सड़क का निर्माण किया गया है, इस मार्ग पर पंचायत भवन, राम मंदिर, मांगलिक भवन और राजपूत मोहल्ला आते हैं, इन सभी स्थानो पर ग्रामीणों की आवाजाही सबसे ज्यादा थी और यही मार्ग गांव का सबसे गंदा मार्ग हुआ करता था पंरतु पक्की सडक बनजाने के बाद आज यह गलिया पहचानने में ही नही आती है। यही स्थिति अनुसूचित जाति बहुल्य मोहल्ले की भी थी यहां भी अनुसूचित जाति के 100 परिवार गंदगी और कीचड के बीच जीवन यापन करने पर मजबूर थे, हरिजन मोहल्ले में पक्के मार्ग बन जाने के उपरांत आज यह परिवार भी स्वच्छ और निर्मल वातावरण में जीवन यापन कर रहे हैं। 
     लगभग 30 लाख रू की लागत से पंच परमेश्वर योजना के तहत निर्मित इन मार्गो पर मनरेगा अंतर्गत 12 लाख रू व्यय किये गये है जिसके माध्यम से लगभग 7 लाख रू ग्राम के मजदूरों को पारिश्रमिक के रूप में प्राप्त हुये है। इन सभी मार्गो के साथ पक्की नालियां भी बनवायी गयी है जिससे घरों से निकलने वाले पानी का उचित निपटान किया जा सके व पानी सडको पर फैलकर गंदगी न करे। नेतनगां के निवासी कैलाश पटेल, लखमे सिंह, जोगेन्द्र सिंह, दौलतराम धनाजी, रमेश शोभाराम आदि बताते है कि पहले जब गांव में गंदगी हुआ करती थी तब यहां बीमारियां भी अपना घर बनाये हुये थी किसी न किसी घर में रोज कोई बीमार हो जाता था। मलेरिया और टायफाईड जैसी बीमारियां तो यहां के लागो को होती ही रहती थीं परंतु पक्के मार्ग बनने से जहां गांव का परिवेश साफ सुथरा हुआ है वही बीमारियो पर भी बहुत हद तक रोक लग गयी है। 

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