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Friday 28 August 2015

स्वास्थ्य कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में लापरवाही बर्दाष्त नही की जाएगी - कलेक्टर डॉ. अग्रवाल

स्वास्थ्य कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में लापरवाही बर्दाष्त नही की जाएगी - कलेक्टर डॉ. अग्रवाल
जिला स्वास्थ्य समिति व पीएनडीटी एक्ट संबंधी समिति की बैठक सम्पन्न



खण्डवा 28 अगस्त,2015 -  सरकार द्वारा नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए अनेकों तरह के स्वास्थ्य कार्यक्रम संचालित किए गए है, इनके क्रियान्वयन में लापरवाही बर्दाष्त नही की जाएगी तथा अपने कर्त्तव्यों के प्रति कोताही बरतने वाले स्वास्थ्य अधिकारियों के विरूद्ध अनुषासनात्मक  कार्यवाही की जाएगी। यह बात कलेक्टर डॉ. एम.के.अग्रवाल ने जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में उपस्थित स्वास्थ्य विभाग के विभिन्न अधिकारियों से कही। बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. जे.एस.अवास्या, सिविल सर्जन डॉ. ओ.पी.जुगतावत, तथा जिले के सभी विकासखण्ड चिकित्सा अधिकारी व विकासखण्ड परियोजना प्रबंधक तथा स्वास्थ्य कार्यक्रमों के नोडल अधिकारी भी मौजूद थे। इस बैठक के साथ आज कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में पीसीपीएनडीटी एक्ट संबंधी क्रियान्वयन समिति की बैठक भी सम्पन्न हुई जिसमें कलेक्टर डॉ. अग्रवाल ने जिले की सभी सोनोग्राफी मषीनों में टेªकिंग सिस्टम लगाकर गर्भपात पर प्रभावी तरीके से रोक लगाने के निर्देष चिकित्सा अधिकारियों को दिए ताकि जिले का लिंगानुपात सुधर सकें। 
कन्या भ्रूण हत्या रोकने के लिए सोनोग्राफी सेंटर्स पर रखी जाए नजर
बैठक में बताया गया कि जिले में 18 सोनोग्राफी सेंटर कार्यरत है, जिसमें से 14 मषीने चालू स्थिति में है तथा शेष 4 किन्हीं कारणों से बंद है। इन सभी 14 मषीनों में टेªकर लगाये जा चुके है। कलेक्टर डॉ. अग्रवाल ने निर्देष दिए कि बंद 4 मषीनांे का लायसेंस नवीनीकरण न किया जाये। उन्होंने कहा कि  सोनोग्राफी मषीनों में लगे टेªकिंग सिस्टम से प्राप्त रिपोर्ट का बीएमओ व मुख्य चिकित्सा अधिकारी नियमित अध्ययन करें तथा जिन महिलाओं ने 2-3 बेटियों के बाद गर्भावस्था में सोनोग्राफी कराई है उन पर सख्त नजर रखी जायंे कि वे महिलाएं लिंग परीक्षण कराकर गर्भपात न करायें। उन्होंने सभी विकासखण्ड चिकित्सा अधिकारियों को निर्देष दिए कि वे अपने-अपने क्षेत्र में ऐसे ग्राम चिन्हित कर लें जिनमें पुरूषो की तुलना में महिलाओं का लिंगानुपात अत्यन्त कम है। कलेक्टर डॉ. अग्रवाल ने ऐसे गांव की महिलाओं द्वारा गर्भावस्था में सोनोग्राफी कराये जाने पर उनकी मॉनिटरिंग गंभीरता से करने के निर्देष दिए। बैठक में बताया गया कि 16 से 20 सप्ताह की गर्भावस्था में लिंग परीक्षण की सर्वाधिक संभावना रहती है, अतः कलेक्टर डॉ. अग्रवाल ने इस अवधी की गर्भावस्था वाली महिलाओं द्वारा सोनोग्राफी कराये जाने पर उनकी नियमित मॉनिटरिंग करने के निर्देष दिए ताकि ये महिलाएं गर्भपात न करा सकें। 
महिलाओं का गर्भ परीक्षण करने के बाद ही किए जाये नसबंदी ऑपरेषन
बैठक में बताया गया कि नसबंदी ऑपरेषन असफल होने लगभग 21 प्रकरण लंबित है जिनमें अधिकांष में नसबंदी ऑपरेषन से पूर्व ही महिला का गर्भवती होना पाया गया है। कलेक्टर डॉ. अग्रवाल ने सभी बीएमओ को निर्देष दिए कि नसबंदी कराने के लिए आने वाली महिलाओं का गर्भ परीक्षण गंभीरता से करने के बाद ही ऑपरेषन किया जायें ताकि इस तरह के केस न हो। उन्होंने नसबंदी ऑपरेषन के असफल प्रकरणों को राज्य स्तरीय समिति की ओर भेजने के निर्देष भी दिए ताकि इन महिलाओं को शासन द्वारा क्षतिपूर्ति स्वीकृत हो सकें।
माताओं और बच्चों का शत प्रतिषत पंजीयन सुनिष्चित करें
कलेक्टर डॉ. अग्रवाल ने निर्देष दिए कि मदर चाईल्ड टेªकिंग सिस्टम एमसीटीएस में जिले के बच्चों व माताओं का शत प्रतिषत पंजीयन कराया जाए ताकि माताओं व बच्चों को स्वास्थ्य विभाग के विभिन्न कार्यक्रमों का लाभ समय पर मिल सकें। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के सभी बीपीएम को निर्देष कि वे विभिन्न स्वास्थ्य कार्यक्रमों की डाटा फीडिंग नियमित रूप से कराये तथा अपने कर्त्तव्यों को सही ढंग से निभाये अन्यथा उन्हें सेवा से पृथक किया जा सकता है।   

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