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Tuesday 24 December 2013

राष्ट्रीय ग्राहक दिवस कार्यक्रम संपन्न उपभोक्ता अपने हितों के लिए जागरूक बने - अपर कलेक्टर

राष्ट्रीय ग्राहक दिवस कार्यक्रम संपन्न
उपभोक्ता अपने हितों के लिए जागरूक बने - अपर कलेक्टर




खंडवा (24 दिसम्बर, 2013) - कोई व्यक्ति जो अपने उपयोग के लिए सामान तथा सेवाएं खरीदता है वह उपभोक्ता है। क्रेता की अनुमति से ऐसे समान एवं सेवाओं का उपयोग करने वाला व्यक्ति भी उपभोक्ता है। हम में से प्रत्येक किसी न किसी रूप मंे उपभोक्ता ही है। उपभोक्ता के रूप मे हमे अधिकार प्राप्त है। ग्राहक संरक्षण के लिए विभिन्न कानून बने है जो लोग गैर कानूनी काम करते है जैसे जमाखोरी, कालाबाजारी, मिलावटखोरी। ग्राहक को जगाना होगा और स्वयं का संरक्षण करना होगा। इसके लिए उपभोक्ता अधिकार संरक्षण कानून बनाया गया है। यह विचार आज कलेक्टोरेट कार्यालय में आयोजित राष्ट्रीय ग्राहक दिवस कार्यक्रम के अवसर पर अपर कलेक्टर एस.एस.बघेल ने व्यक्त किए। इस अवसर पर उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने के लिये व्यापक प्रचार-प्रचार की बात भी कही गई।
        उल्लेखनीय है कि शासन प्रशासन द्वारा उपभोक्ताओं के अधिकार के संरक्षण को लेकर कई महत्वपूर्ण आदेश एवं निर्देश जारी किये गये हैं। लेकिन उपभोक्ताओं को इनकी जानकारी ना होने से उपभोक्ता कहीं न कहीं ठगा हुआ सा है।
        इसके साथ ही कार्यक्रम में जिला खाद्य अधिकारी, सहायक खाद्य अधिकारी, सहित बड़ी संख्या मंे उपभोक्तागण, शासकीय उचित मूल्य दुकानों के विक्रेता, पेट्रोल पंप एवं गैस एजंेसियांे के विक्रेतागण उपस्थित रहें।
इसके साथ ही जानकारी देते हुये संबंधित अधिकारी द्वारा बताया गया कि उपभोक्ताओं अपनी शिकायत उपभोक्ता फोरम मंे दर्ज कराएँ, उन्हें क्षतिपूर्ति जरूर मिलेगी। यदि राशि 20 लाख रूपये से कम है तो जिला फोरम मंे, इससे अधिक 1 करोड़ रूपये तक राज्य आयोग के समक्ष तथा इससे अधिक की राशि के लिए राष्ट्रीय आयोग के समक्ष शिकायत दर्ज कराई जा सकती है। शिकायत के लिए शिकायतकर्ताओं को किसी वकील की आवश्यकता नहीं होगी। वे सामान्य आवेदन पत्र मंे नाम मात्र की न्यायालय शुल्क जमा कर आवेदन प्रस्तुत कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि उपभोक्ता कोई भी सामग्री खरीदे उसका बिल जरूर लेवे और सामग्री या सेवा ठीक न होने पर उसकी शिकायत 30 दिवस के अंदर उपभोक्ता फोरम मंे प्रस्तुत कर सकते हैं।
        जिला खाद्य अधिकारी ने कहा कि आज ग्राहक जमाखोरी, कालाबाजारी, मिलावट, बिना मानक की वस्तुओं की बिक्री, अधिक दाम, गारंटी के बाद सर्विस नही देना, हर जगह ठगी, कम नाप तौल इत्यादि संगठकों से घिरा है। ग्राहक संरक्षण के लिए कानून बने है। जैसे उपभोक्ता सुरक्षा के अधिकार, उपभोक्ता को सूचना प्राप्त करने का अधिकार, उपभोक्ता को चुनाव करने का अधिकार आदि। उन्होंने बताया कि राष्ट्र में उपभोक्ता संरक्षण विधेयक, संसद में पारित किया गया है जो देश भर में लागू हुआ है।
    खाद्य अधिकारी ने बताया कि उपभोक्ताओं द्वारा शिकायत जिला, राज्य एवं राष्ट्रीय फोरम में की जा सकती है। यदि कोई व्यक्ति या विक्रेता इस कानून का उल्लंघन करता है तो उसे दण्ड का प्रावधान अथवा राशि की वसूली की जा सकेगी।
एनआरटीपी एक्ट के तहत् दर्ज कराई जा सकती है शिकायत:- इस अवसर पर अधिकारियों द्वारा उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के बारे में संक्षिप्त परिचय भी दिया गया। जिसकी जानकारी देते हुये अधिकारियों ने बताया कि व्यापारी झूठे विज्ञापनों के आधार पर उपभोक्ता का शोषण करता है । प्रचारित की गई वस्तुओं में गुणवत्ता नही होती है, इनका मूल्य अधिक रहता है। इस तरह के शोषण से बचने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा बनाया गया एनआरटीपी एक्ट में व्यापारी के विरूद्ध शिकायत दर्ज कराई जा सकती है।
        इस अवसर पर खाद्य अधिकारी ने कहा कि शुल्क देकर सेवा लेना और सामग्री क्रय करने वाला व्यक्ति उपभोक्ता की श्रेणी मे आता है उसके हितांे के लिए उपभोक्ता संरक्षण बनाया गया है। इस अधिनियम के अनुसार कोई भी व्यक्ति जो अपने प्रयोग हेतु वस्तुएँ एवं सेवाएँ खरीदता है या उसका प्रयोग करता है वह उपभोक्ता है। उन्होंने कहा कि सामग्री खरीदने से पहले उसकी जाँच करें और रसीद अवश्य लंे।
टीप:- फोटो क्रमांक 2412134 एवं 2412135 मेल की गई हैं। 
           क्रमांकः 113/2013/1406/वर्मा

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