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Thursday, 10 July 2014

कृषकों को दी रेज्ड बेड विधि की जानकारी

कृषकों को दी रेज्ड बेड विधि की जानकारी


खण्डवा (10 जुलाई, 2014) - विकासखण्ड हरसूद में आत्मा योजना के नवाचार के अंतर्गत ग्राम छनेरा के कृषकों राकेश मानसिंह राठौर, मनोहर खेडे एवं रामनिवास रामाधार के खेत पर रेज्ड बेड सीड ड्रील द्वारा (रेज्ड बेड विधि) से बुआई कराई गई। वहां पर परियोजना संचालक एस.एस. राजपूत एवं उपपरियोजना संचालक राजेन्द्रसिंह चौहान के साथ अनुविभागीय कृषि अधिकारी भी उपस्थित रहे। परियोजना संचालक द्वारा रेज्ड बेड विधि के बारे में बताया उन्हांेने बताया की रेज्ड बेड प्लांटर से बुआई रिज एण्ड फरों पद्वति का उन्नत रूप है। जहां रिज एण्ड फरो में अधिक वर्षा से कूड़ मिट जाती है वहीं रेज्ड बेड प्लांटिग में मेढ एवं नाली फसल कटाई तक बनी रहती है। इस पद्वति में वर्षा की स्थिति मंे जल का संरक्षण नालीयों में होता है वहीं अधिक वर्षा की स्थिति मेें नालीयों द्वारा जल निकासी सरलता पूर्वक हो जाती है। खेत में अधिक समय तक नमी का संरक्षण, बीज दर में कमी एवं उत्पादन में 20 से 25 प्रतिशत तक वृद्वि होती है। अन्य विकासखण्डों में भी कृषकों को इस विधि से बोनी हेतु प्रेरित किया जा रहा है। 
इसी तरह विकासखण्ड पंधाना के ग्राम बोरगांव बुजुर्ग में आज कृषक प्रशिक्षण आयोजित किया गया, जिसमें कृषकों को कम अवधि की सोयाबीन प्रजाति को बोने की सलाह रिज एण्ड फरो एवं रेज्ड बेड पद्वति से बोनी, अंकुरण परीक्षण, बीज उपचार, संतुलित उर्वरक उपयोग, मिश्रित खेती, आदि की तकनीकी जानकारी कृषि एवं आत्मा परियोजना के मैदानी अमले द्वारा दी गई। 
क्रमांक/57/2014/1084/वर्मा

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