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Thursday 17 July 2014

ग्राम पंचायतों में आयोजित किये जा रहे हैं मनरेगा अंतर्गत श्रमिक समूह सम्मेलन

ग्राम पंचायतों में आयोजित किये जा रहे हैं मनरेगा अंतर्गत श्रमिक समूह सम्मेलन

खण्डवा (17 जुलाई, 2014) - जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, अमित तोमर ने बताया कि मनरेगा अन्तर्गत जिले में 28 जुलाई 2014 तक समस्त ग्राम पंचायतों के श्रमिक समूहों के सम्मेलनो का आयोजन किया जा रहा है । यह सम्मेलन मनरेगा अंतर्गत जॉबाकर्डधारी श्रमिको के समूहों के सदस्यों को उनके अधिकार एवं सुविधाओं की जानकारी से अवगत कराने तथा उन्हें जागरूक करने के लिए किया जा रहे हैं। समस्त ग्राम पंचायतों में श्रमिक समूह सम्मेलन आयोजित करने के लिए समस्त जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को निर्देश जारी किये गये है। समन्वय एवं संचालन का दायित्व उपयंत्री एवं ग्राम पंचायत स्तर के पदाधिकारियों को सौंपा गया है। सीईओ श्री तोमर ने समस्त जॉबकार्डधारियों को अपील की है कि श्रमिक समूह सम्मेलन में उपस्थित होकर अपने अधिकरों के बारे में जानकारी प्राप्त करे। सीईओ ने श्रमिकों के अधिकारों की जानकारी देते हुये बताया कि अधिनियम के तहत जॉबकार्ड पंजी में समूह के प्रत्येक सदस्य का नाम, जॉबकार्ड नम्बर, खाता नम्बर, स्थानीय पता आदि दर्ज होना अनिवार्य है। ग्राम पंचायत द्वारा भूमि की उपलबधता के आधार भूमिहीन एवं भूमिधारी श्रमिक परिवारों को वर्गीकृत कर भूमिहीन एवं भूमिधारी कृषक परिवारों को म.प्र. स्वास्थ्य सहकारी श्रमिक सोसायटी के रूप में पजीकृत कराना अनिवार्य है, रोजगार के लिए सामूहिक रूप से मांग करना तथा रोजगार की मांग के आवेदन की पावती लेना, यह सुनिश्चित कराना कि ई-मस्टर रोल में समस्त आवेदको के नाम दर्ज हो, रोजगार गारंटी दिवस एवं रोजगार सप्ताह के सिंद्धातो का पालन करना, रोजगार की मांग दिनांक से 15 दिवस में रोजगार प्राप्त करना अन्यथा बेरोजगारी भत्ता की पात्रता अनुसार लाभ प्राप्त करना, कार्यस्थल पर उपस्थिति पंजी में उपस्थिति दर्ज होगा भी अनिवार्य है। 
इसी प्रकार कार्यस्थल पर वैधानिक सुविधाएं जैसे पेयजल, छाया, चिकित्सा पेटी एवं झूलाकर प्राप्त करना, किए गए कार्य का निर्धारित समयावधि में मजदूरी की राशि बैंक/पोस्ट ऑफिस में खातो के माध्यम से प्राप्त करना। मस्टर रोल बंद होने के 15 दिवस में मजदूरी भुगतान प्राप्त नही होने पर 16 वे दिवस से क्षतिपूर्ति राशि प्राप्त रकना, किए गऐ कार्य, रोजगार दिवसों की संख्या, प्राप्त मजदूरी राशि इत्यादि की जानकारी संबंधित अभिलेखो में दर्ज कराना, समूह के सदस्य परिवारों को वर्ष में 100 दिवस का रोजगार उपलब्ध कराना एवं वनाधिकार हक प्रमाण पत्र धारक परिवारों को 150 दिवस का रोजगार दिलाना, व्यक्तिगत एवं सामूहिक शिकायतों का समाधान मनरेगा के शिकायत प्रतितोषण नियम के सिंद्धात अनुसार सुनिश्चित कराना। योजना के संचालन संबंधी प्रशिक्षण प्राप्त करना, ग्राम पंचायत के लेबर-बजट की तैयारी, कार्यो का चयन, कार्यस्थल का चयन, ट्रांजिक वांक आदि में भागीदारी सुनिश्चित करना, ग्राम भागीदारी सुनिश्चित करना, तथा ग्राम पंचायत के आय व्यय के लेखो का परीक्षण करना, सामाजिक अंकेक्षण के सिंद्धातो का पालन करना। कार्यरत श्रमिक अथवा उनके बच्चे कार्यो के दौरान मृत्यु, दुर्घटना से स्थाई/अस्थाई अपगंता होने पर मनरेगा के प्रावधान अनुसार हर्जाना राशि अथवा इलाज प्राप्त करना, महिला एवं पुरूषों में मजदूरी भुगतान में कोई भेद-भाव नही होना सुनिश्चित करना यह श्रमिको का अधिकार है। मनरेगा अन्तर्गत होने वाले इन ग्राम पंचायत स्तर के श्रमिक सम्मेलनो के द्वारा ग्रामीण क्षेत्र में निवास करने वाले जॉबकार्डधारी, स्टेक होल्डर्स को, हक से मांगो काम मिलेगा, जितना काम उतना दाम, अपने अधिकारों के प्रति सजक रहने हेतु जागरूक करना मुख्य उद्देश्य रहेगा। उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए सम्मेलन में श्रमिक समूहो के अधिकार एवं मेट के कार्य संबंधित महत्वपूर्ण बिन्दु शीर्षक से दो पैम्पलेट वितरित किये जायेगे। मनरेगा पर आधारित वीडियों फिल्मों का प्रदर्शन करना के भी निर्देश दिये गये है साथ ही सम्मलेन की कार्यवाही की वीडियोग्राफी के निर्देश भी सभी जनपद सीईओ को दिये गये है।
 क्रमांक/94/2014/1121/वर्मा

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