AAPKI JIMMEDARI

AAPKI JIMMEDARI

Monday 21 July 2014

कृषि विष्वविद्यालय के संयुक्त निदेषक विस्तार द्वारा जिले का भ्रमण

कृषि विष्वविद्यालय के संयुक्त निदेषक विस्तार द्वारा जिले का भ्रमण



खण्डवा (21 जुलाई, 2014) - मानसून की देरी एवं कमी के प्रभावों से निपटने हेतु कृृषि उत्पादन आयुक्त म.प्र.षासन द्वारा जारी निर्देषों के परिपालन तहत कृृषि विज्ञान केन्द्र एवं कृृषि विभाग द्वारा चलाये जा रहे कार्यक्रमों का अवलोकन करने हेतु राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृृषि  विष्वविद्यालय, ग्वालियर के संयुक्त निदेषक विस्तार डॉ. उदय प्रताप सिंह भदौरिया ने शुक्रवार को जिले के छैगॉवमाखन विकासखण्ड का भ्रमण किया। उन्होने कृृषि विज्ञान केन्द्र में उपसंचालक कृषि श्री ओ.पी.चौरे , आत्मा परियोजना संचालक षिवसिंह राजपूत एवं कृृषि वैज्ञानिको के साथ बैठक की जिसमे अधिकारियों द्वारा बताया गया कि इस वर्ष खरीफ का लक्ष्य 3,14,000 हेक्टेयर रखा गया है जिसमें 1,92,000 हेक्टेयर में सोयाबीन, 50,000 हेक्टेयर में कपास, 20,000 हेक्टेयर में  मक्का, 5,000 हेक्टेयर में मूॅंग व उड़द 1,000 हेक्टेयर में धान आदि की बुआई होगी। ग्राम छैगॉवदेवी के भ्रमण दौरान  भगवान पटेल, हीरालाल पटेल, आनंदराम, सेवकराम, त्रिलोक व रामदास पटेल के खरेतों का अवलोकन किया गया। डॉं. भदौरिया ने बताया कि सोयाबीन को मेढ़-नाली पद्धति से ही बोना चाहिए जिससे वर्षा  की प्रतिकूलता से बचा जा सकता है। डॉं. भदौरिया ने कम अवधि की फसलों को  एवं अन्तर्वर्तीय फसलों के रूप में लेने का सुझाव भी दिया। उपसंचालक कृषि ओ.पी.चौरे ने बुआई पूर्व अंकुरण परीक्षण को अतिमहत्वपूर्ण बताया। आत्मा निदेषक षिवसिंह राजपूत द्वारा बीज की उपलब्धता की जानकारी दी गई।  मोकलगॉव में कृृषको द्वारा बताया गया कि सोयाबीन की 75 प्रतिषत एवं कपास की षत्प्रतिषत बुआई हो चुकी है। कपास के साथ तुवर व उड़द की अन्तर्वर्तीय फसलों का निरीक्षण किया गया। सुरगॉव जोषी एवं दोंदवाड़ा के खेतो के बाद डुल्हार के गोविन्द पगारे के खेत पर सोयाबीन की दूसरी बुआई को अधिकारियों द्वारा अवलोकन किया गया। भ्रमण के अन्त में डॉं. भदौरिया ने कृृषि विज्ञान केन्द्र के विषेषज्ञों एवं कृृषि अधिकारियों को आवष्यक निर्देष दिये।
क्रमांक/112/2014/1139/वर्मा

No comments:

Post a Comment