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Saturday, 6 July 2019

वर्षा ऋतु में जलजनित मौसमी बीमारियों की रोकथाम के उपाय

वर्षा ऋतु में जलजनित मौसमी बीमारियों की रोकथाम के उपाय

खण्डवा 6 जुलाई, 2019 - वर्षा ऋतु में संक्रामक रोग हेजा, उल्टी-दस्त, पैचिस, खसरा, मलेरिया, पीलिया आदि बीमारीयां उत्पन्न होती है। नदी, तालाब जैसे जल स्त्रोतों के पास जब लोग मल त्याग करते है तो मल में मौजूद रोगाणु पानी में मिल जाते है। जब लोग स्नान करते हैं, कपड़े धोते है या पशुओं को नहलाते है तो अनेक रोगाणु पानी में फैल सकते है, जब पीने के लिए या भोजन पकाने के लिए ऐसे प्रदूषित व गंदे जल का उपयोग किया जाता है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, डॉ. डी.एस. चौहान ने बताया कि यह रोगाणु शरीर में प्रवेश कर कई प्रकार की बीमारियों से पीडि़त हो जाते जिसके काराण दस्त, हेजा, टाईफाईड, पीलिया, खूनी पैचिस, तथा क्रिम कीड़े की बीमारी तथा दस्त जैसी कई बीमारियां होती है। 
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, डॉ. चौहान ने बताया कि वर्षा ऋतु में जलजनित रोगों से बचाव के लिए हमेशा शुद्ध जल स्त्रोत का प्रयोग किया जाना चाहिए। हेण्डपम्प का पानी सबसे सुरक्षित साधनों में से एक है। पानी को हमेशा छानकर इस्तेमाल करने से कई बीमारियों से बचा जा सकता है। कुंओं के पानी में नियमित ब्लीचिंग पाउडर डाला जाना चाहिए। साथ ही पीने के पानी को हमेशा साफ बर्तन में ही रखना चाहिए। प्रतिदिन पानी के बर्तन को साफ करें, ताकि उसमें काई न जमने पाए और पीने के पानी को हमेशा ढक कर रखें। पानी को दोहरे कपड़े से छानकर भरा जाना चाहिए। पानी निकालने के लिए लम्बे हेण्डिल वाले बर्तन का प्रयोग करें। पीने के पानी में हाथ न डाले। एक घड़े या मटकें में एक क्लोरिन गोली पीसकर डालना चाहिए। आधे घण्टे तक इसे ढककर रखने के बाद ही पानी पीने के लिए उपयोग करना चाहिए। 
उल्टी-दस्त होने पर यह उपचार करें
            मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, डॉ. चौहान ने बताया कि दूषित पानी से होने वाली बीमारियों में दस्त रोग प्रमुख है। उन्होंने नागरिकों को सलाह दी है कि दस्त रोग होने पर ओ.आर.एस. पेकेट एक लीटर स्वच्छ व शुद्ध पानी को घोलकर रोगी को पिलाना शुरू कर देना चाहिए। 24 घण्टे के अन्दर यह घोल अधिक से अधिक मात्रा में पिलाना चाहिए व 24 घण्टे के बाद बचा हुआ घोल फेककर दूसरे पेकेट का घोल बनाना चाहिए। दस्त लगने पर कभी भी शिशुओं को मॉं का दूध पिलाना बंद नहीं करना चाहिए। दस्त के साथ उल्टियां शुरू होने पर शीघ्र ही स्वास्थ्य कार्यकर्ता या चिकित्सक को बताकर उपचार लेना चाहिए। ओ.आर.एस. पेकेट सभी स्वास्थ्य कार्यकता, आंगनवाडी कार्यकर्ता, आशा कार्यकता के पास निःशुल्क उपलब्ध रहते है। बाजार में बिकने वाले सडे गले खाद्य सामग्री व फल आदि न खरीदे, ढके हुए व अच्छी खाद्य सामग्री और फल ही खरीद कर सेवन करें।

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