स्तन व ओरल कैंसर के मरीजों को चिन्हित कर, उनका करेंगे निःशुल्क उपचार
घर-घर जाकर किया जायेगा सर्वे, मास्टर ट्रेनर्स को दिया गया प्रशिक्षण
खण्डवा 20 जुलाई, 2019 - खण्डवा जिले में स्तन कैंसर एवं ओरल कैंसर के मरीजों की पहचान करने के लिए महिला एवं बाल विकास तथा स्वास्थ्य विभाग की कार्यकर्ता घर-घर जाकर सर्वे करेंगी तथा संभावित मरीजों को चिन्हित करेगी। इन चिन्हित मरीजों का विकासखण्ड एवं जिला स्तर पर आयोजित शिविरों में विशेषज्ञ चिकित्सक स्वास्थ्य परीक्षण करेंगे तथा आवश्यकता अनुसार उनका निःशुल्क उपचार किया जायेगा। जिले में यह अभियान जिला प्रशासन के साथ साथ इंदौर कैंसर फाउण्डेशन के सहयोग से संचालित होगा। कैंसर के संभावित मरीजों के सर्वे से पूर्व इन सर्वेक्षणकर्ताओं को शनिवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण में कलेक्टर श्रीमती तन्वी सुन्द्रियाल, इंदौर कैंसर फाउण्डेशन के डॉ. दिगपाल धारकर के अलावा मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. डी.एस. चौहान भी उपस्थित थे। इस प्रशिक्षण में सभी विकासखंडों के चिकित्सा अधिकारी, परियोजना अधिकारी महिला एवं बाल विकास, सेक्टर मेडिकल ऑफिसर, आशा सहयोगी, ए.एन.एम., आशा कार्यकर्ता व दोनों विभागों के सुपरवाईजर भी उपस्थित थे।
कलेक्टर श्रीमती सुन्द्रियाल ने इस अवसर पर कहा कि आज के प्रशिक्षण में दी गई जानकारी को गंभीरता से ग्रहण करें, ताकि सर्वे के दौरान मरीजों को चिन्हित करने में आसानी हो। उन्होंने कहा कि किसी कैंसर के मरीज को प्रारंभिक अवस्था में चिन्हित कर उसका उपचार कराकर हम उसका जीवन बचा सकते है।
कैंसर रोग विशेषज्ञ व इंदौर कैंसर फाउण्डेशन के डॉ. दिगपाल धारकर ने इस अवसर पर कहा कि स्तन में होने वाली हर गठान कैंसर की नही होती है। अतः महिलाओं को डरने की आवश्यकता नही है। उन्होंने कहा कि यदि महिलाओं को उनके स्तन में होने वाले किसी भी तरह का परिवर्तन दिखाई देता है तो उसे नजर अंदाज न करें, बल्कि चिकित्सक को तत्काल दिखायें। प्राथमिक अवस्था में कैंसर का आसानी से उपचार हो सकता है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. चौहान ने इस दौरान बताया कि सर्वे के दौरान स्वास्थ्य कार्यकर्ता घर घर जाकर महिलाओं से चर्चा कर विवाह के समय उनकी आयु, गर्भाधान के समय की आयु, परिवार में किसी अन्य सदस्य को कैंसर रोग के संबंध में जानकारी लेगी।
सर्वे व कैंसर परीक्षण शिविर का कार्यक्रम
प्रशिक्षण में बताया कि 22 , 24 व 25 जुलाई को विकासखण्ड स्तर पर सर्वे करने वाले कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जायेगा। आगामी 25 जुलाई से 10 अगस्त तक जिले के गांव-गांव में घर-घर जाकर सर्वे का कार्य किया जायेगा। इसके बाद 13,14,16,17,19 व 20 अगस्त को विकासखण्ड स्तर पर स्क्रीनिंग केम्प आयोजित किए जायेंगे। जिला चिकित्सालय में 22 व 23 अगस्त को डॉ. दिगपाल धारकर व उनकी टीम के विशेषज्ञ डॉक्टर्स द्वारा कैंसर मरीजों का परीक्षण किया जायेगा।
कैंसर रोग के प्रमुख लक्षण
मास्टर ट्रेनर्स के प्रशिक्षण में डॉ. दिगपाल धारकर ने बताया कि स्तन कैंसर के प्रमुख लक्षणों में स्तन के आकार में अचानक बदलाव, स्तन के अग्र भाग से रिसाव या रंग परिवर्तन, स्तन के अग्र भाग का अंदर धँस, स्तन में गठान हो जाना जैसे लक्षण शामिल है। जिन परिवारों में किसी महिला सदस्य को स्तन कैंसर हो चुका है उन परिवारों की सभी महिलाओं को समय समय पर परीक्षण कराते रहना चाहिए। डॉ. धारकर ने बताया कि प्रारंभिक अवस्था में कैंसर की गठान में दर्द नही होता, इसलिए महिलाएं उसकी अनदेखी करती रहती है और बीमारी बढ़ती जाती है।
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