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Wednesday 24 July 2019

रासायनिक पदार्थों से दूध बनाने वालों पर होगी सख्त कार्रवाई

रासायनिक पदार्थों से दूध बनाने वालों पर होगी सख्त कार्रवाई

खण्डवा 24 जुलाई, 2019 - यूरिया आदि घातक पदार्थ मिलाकर सिंथेटिक दूध और ऐसे दूध से बने मावा, पनीर आदि अन्य उत्पाद तैयार करने वालों और इनका व्यापार करने वालों के विरूद्ध शासन के नियमानुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी। लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा इस आशय के निर्देश जारी किये गये हैं। सिंथेटिक दूध और इससे बने अन्य दुग्ध उत्पाद आमजन के स्वास्थ्य के लिये बहुत घातक हैं जिससे आम आदमी के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ होता है। 
अपने घर पर ही ऐसे जांच सकते है कि दूध सिंथेटिक है या असली है
सिथेंटिक दूध की पहचान करने के लिये उसे सूंघे, अगर साबुन जैसी गंध आ रही है तो इसका मतलब है कि दूध सिंथेटिक है, जबकि असली दूध में कुछ खास गंध नहीं आती। असली दूध का स्वाद हल्का मीठा होता है जबकि नकली दूध का स्वाद डिटर्जेंट और सोडा मिला होने की वजह से कड़वा लगता है। असली दूध स्टोर करने पर अपना रंग नहीं बदलता, जबकि नकली दूध कुछ वक्त के बाद पीला पडने लगता है।
दूध में पानी की मिलावट की पहचान के लिये दूध को एक खाली सतह पर छोड़ें। अगर दूध के पीछे एक सफेद लकीर छूटे तो दूध असली है। अगर असली दूध को उबालें तो इसका रंग नहीं बदलता, वहीं नकली दूध उबालने पर पीले रंग का हो जाता है। दूध में पानी की मिलावट की जांच करने के लिये किसी चिकनी लकड़ी या पत्थर की सतह पर दूध की एक या दो बूंद टपकाकर देखें। अगर दूध बहता हुआ नीचे की तरफ गिरे और सफेद धार-सा निशान बन जाये, तो दूध शुद्ध है। असली दूध को हाथों के बीच रगडने पर कोई चिकनाहट महसूस नहीं होती। वहीं नकली दूध को अगर आप अपने हाथों के बीच रगडेंगे तो आपको डिटर्जेंट जैसी चिकनाहट महसूस होगी।

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