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Saturday 27 July 2019

लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम संबंधी प्रशिक्षण कार्यशाला सम्पन्न

लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम संबंधी प्रशिक्षण कार्यशाला सम्पन्न

खण्डवा 27 जुलाई, 2019 - किशोर न्याय बालकों की देखरेख और संरक्षण अधिनियम एवं लैंगिक अपराधों से बालको का संरक्षण अधिनियम की जानकारी देने के उद्देश्य से स्थानीय कृषि विज्ञान केन्द्र के सभाकक्ष में जिला स्तरीय एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित की गई। इस अवसर पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री एल.डी. बोरासी, कलेक्टर श्रीमती तन्वी सुन्द्रियाल, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री बी.एल. प्रजापति, पुलिस अधीक्षक डॉ. शिवदयाल सिंह, किशोर न्याय बोर्ड की प्रधान न्यायाधीश सुश्री मधूलिका मुले व पॉक्सो एक्ट की विशेष न्यायाधीश श्रीमती किरण सिंह, जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास विभाग श्रीमती अंशुबाला मसीह, भोपाल से आए बाल अधिकार संरक्षण कार्यकर्ता श्री विभांशु जोशी, भी मौजूद थे। कार्यशाला का शुभारंभ मॉं सरस्वति के चित्र पर माल्यार्पण कर किया गया। इस दौरान बाल अधिकार संरक्षण व किशोर न्याय बोर्ड के संबंध में फिल्म का प्रदर्शन भी किया गया, जिसके माध्यम से बाल अपराधियों के अधिकार व उनके संरक्षण की जानकारी दी गई। 
जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री बोरासी ने इस अवसर पर कहा कि कोई भी व्यक्ति जन्म से अपराधी नही होता बल्कि सामाजिक परिस्थितियों के कारण कई बालक अपराधों के दल दल में फॅंस जाते है। उन्होंने कहा कि आवश्यक इस बात की है कि बच्चों को बचपन से ही परिवार में अच्छे संस्कार दिए जाये। यदि परिस्थितिवश कोई बालक अपराध के दलदल में फॅंस जाता है तो उसे निःशुल्क विधिक सहायता दिलाकर उसे इंसाफ दिलाया जाये। उन्होंने अपने जीवन की सच्ची घटना का उल्लेख कर बताया कि यदि बचपन में गलत संगत के कारण कोई बालक अपराधी प्रवृत्ति का हो जाता है तो उसे सही मार्गदर्शन देकर सही रास्ते पर लाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि बच्चों को अपराध के दल दल से निकालने में सभी को अपने स्तर से मदद करनी चाहिए। यह हम सभी का नैतिक व सामाजिक दायित्व भी है। 
कलेक्टर श्रीमती सुन्द्रियाल ने इस कार्यशाला को बहुत उपयोगी बताया। उन्होंने कहा कि अपराधी प्रवृत्ति के बच्चों को दण्ड दिए जाने के स्थान पर उनकी सही काउसलिंग की जाना चाहिए ताकि वे सही रास्ते पर आ सके। उन्होंने अपराध के दल दल में फॅंसे बालकों को त्वरित न्याय दिलाने की आवश्यकता बताई। पुलिस अधीक्षक डॉ. सिंह ने इस अवसर पर कहा कि अपराध में लिप्त बच्चों के लिए निःशुल्क विधिक सहायता उपलब्ध कराकर तथा न्यायालयों में जल्दी जल्दी पेशी तारीख लगवाकर उनके प्रकरणों का शीघ्र निराकरण किया जाना चाहिए। 
सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एवं एडीजे श्री प्रजापति ने कहा कि न्यायालयीन कार्यवाही के दौरान बच्चों को निःशुल्क विधिक सहायता दिलाई जाती है, ताकि उन्हें पूरा न्याय मिल सके। उन्होंने कहा कि संविधान में बच्चों को जो अधिकार दिए है वह उन्हें अवश्य मिलने चाहिए। इससे पूर्व जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास विभाग श्रीमती अंशुबाला मसीह ने उपस्थित अतिथियों का स्वागत किया तथा स्वागत उद्बोधन में उन्होंने आज की कार्यशाला के विषय में विस्तार से जानकारी दी। इस कार्यशाला में जिला विधिक सहायता अधिकारी श्री चंद्रेश मण्डलोई, किशोर न्यायालय के प्रधान मजिस्ट्रेट, जिला श्रम पदाधिकारी श्री ए.के. अलावा, रेल्वे मजिस्ट्रेट श्री विश्व दीपक तिवारी, बाल कल्याण पुलिस अधिकारी, बाल कल्याण समिति के सदस्य, किशोर न्याय समिति के सदस्य, शासकीय व अशासकीय संस्थाओं के अधीक्षक, परियोजना अधिकारी महिला बाल विकास विभाग भी उपस्थित थे।

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