जाति प्रमाण पत्र बनवाने की प्रक्रिया का हुआ सरलीकरण
अनुसूचित जाति, जनजाति व घुमक्कड़ जाति को अब आसानी से मिलेगा जाति प्रमाण पत्र
खण्डवा 18 जुलाई, 2019 - राज्य शासन ने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, विमुक्त, घुमक्कड़ और अर्ध-घुमक्कड़ जनजाति के व्यक्तियों को जाति प्रमाण-पत्र जारी करने की प्रक्रिया का सरलीकरण किया है। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा प्रदेश के सभी संभागायुक्त, जिला कलेक्टर और अनुविभागीय अधिकारियों को इस संबंध में जारी निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने के लिये कहा गया है।
जारी निर्देशों में अधिकारियों से कहा गया है कि जिस आवेदक के पास वर्ष 1950 या उससे पहले से मध्यप्रदेश का निवासी होने संबंधी लिखित रिकार्ड नहीं है, उसे लिखित रिकार्ड प्रस्तुत करने के लिये विवश न किया जाये। अन्य पिछड़े वर्गों के आवेदकों के मामले में निर्देश दिए गए है कि उनसे 1984 या उससे पहले से मध्यप्रदेश का निवासी होने संबंधी लिखित रिकार्ड नहीं है, उसे लिखित रिकार्ड प्रस्तुत करने के लिये विवश न किया जाये। राजस्व अधिकारी स्वयं मौके पर जाकर अथवा शिविर में जाँच कर आवेदन-पत्र में उल्लेखित जानकारी की पुष्टि करें। इसके लिये आवेदक, संबंधित सरपंच, पार्षद, ग्राम, मोहल्ले के संभ्रांत व्यक्तियों से पूछताछ कर उनके बयान दर्ज करें। स्वयं की संतुष्टि के बाद स्थाई जाति प्रमाण-पत्र जारी करने की अनुशंसा करें। जनजातियों के ऐसे व्यक्ति जिनके परिवार के किसी सदस्य पिता, भाई, बहन को पूर्व में राजस्व अनुविभागीय अधिकारी द्वारा जाति प्रमाण-पत्र जारी किया गया है, उन मामलों में छान-बीन नहीं करते हुए जाति प्रमाण-पत्र जारी करने के निर्देश हैं।
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