शिशु एवं बाल आहार व व्यवहार सम्बंधी जानकारी दी गई
खण्डवा 3 अगस्त,2015 - शनिवार को जिला अस्पताल लेडी बटलर में आयोजित विश्व स्तनपान सप्ताह के अवसर पर आयोजित बैठक में स्टाफ नर्स व धात्री माताओं व उनके परिजनों को जन्म के तुरन्त बाद शिशु को स्तनपान कराने से शिशु व माताओं को लाभ के बारे में बताया। सिविल सर्जन डॉ. ओ.पी. जुगतावत ने इस अवसर पर बताया कि जन्म के तुरन्त बाद स्तनपान कराने से शिशु में रोध प्रतिरोध सक्षता का विकास होता है, 6 माह तक केवल मां का ही दूध पिलाना चाहिए उपर से कुछ भी नहीं देना चाहिए । उन्होंने बताया कि मां का पहला गाढ़ा दूध अमृत के समान होता है, स्तनपान कराने से षिषु मृत्यु दर में भी कमी आती है तथा बीमारियों से लड़ने की शक्ति प्रदान होती है ।
डॉ. कृष्ण वास्कले ने इस अवसर पर बताया कि षिषु के छः माह के होने पर मां के दूध के अलावा पूरक उपरी आहार देना जैसे- दलीया दाल का पानी मसली हुई रोटी, मसला हुआ केला आदि देना चाहिए, जिससे कुपोषण व बीमारियों से बचाव होता है ।
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