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Tuesday, 26 August 2014

यूरिया का छिड़काव न करें किसान भाई

यूरिया का छिड़काव न करें किसान भाई

खण्डवा (26 अगस्त,2014) - वर्तमान समय में सोयाबीन की फसल मंे वानस्पतिक वृृद्धि अच्छे से हो रही है तथा फूल वाली अवस्था प्रारंभ होने वाली है। अभी की स्थिती में सोयाबीन दलहनी वर्ग की फसल होने के कारण स्वयं ही नत्रजन का निर्माण करने में सक्षम हैं। सोयाबीन फसल में यूरिया का छिडकाव न करें क्योकि यूरिया के उपयोग से वानस्पतिक वृृद्धि अधिक होने के कारण उत्पादन में विपरित प्रभाव पडेगा। 
सोयाबीन की फसल मे नियमित निगरानी रखे ताकि हरी सेमी लूपर, तम्बाखू की इल्ली, चने की इल्ली एंव चक्र भ्रंग की प्रारंभिक अवस्था में ही नियंत्रण किया जा सके। इन कीटो के आर्थिक क्षति स्तर से अधिक होने पर नियंत्रण के लिए क्विनालफास 25 ई.सी. या ट्रायजोफास 40 ई.सी. या इन्डोक्सार्ब 14.5 एस.सी. का छिडकाव करें। कीटनाषक का छिडकाव करने के लिए पानी की अनुषंसीत मात्रा 500 लीटर प्रति हेक्टयर की दर से घोल बनाकर छिडकाव करे। इसके अलावा खेत में पक्षीयों के बैठने की व्यवस्था करें जिससे भी कीट नियंत्रण होगा।
कपास की फसल मे रस चूसक कीटों के लिए नीम तेल या एमीडाक्लोरपीड रसायन का छिडकाव करे।
क्रमांक/133/2014/1339/वर्मा

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