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Tuesday 12 August 2014

प्रतिबंध के बावजूद अध्यापकों को जारी अनापत्ति प्रमाण-पत्र स्वतरू निरस्त माने जायेंगे

प्रतिबंध के बावजूद अध्यापकों को जारी अनापत्ति प्रमाण-पत्र स्वतरू निरस्त माने जायेंगे
संविलियन की नीति शीघ्र लागू होगी

खण्डवा (12 अगस्त,2014) - राज्य शासन ने एक निकाय से अन्य निकाय में संविलियन की अनुमति पर लगे प्रतिबंध के बावजूद जारी किये जा रहे अनापत्ति प्रमाण-पत्र को आपत्तिजनक तथा मध्यप्रदेश सिविल सेवा आचरण नियम के विपरीत माना है। शासन द्वारा जारी आदेश के अनुसार स्कूल शिक्षा विभाग के अन्तर्गत संचालित शालाओं में कार्यरत अध्यापक संवर्ग के व्यक्तियों को प्रतिबंध अवधि या उसके पूर्व की अवधि में एक निकाय से अन्य निकाय में संविलियन के लिये जारी अनापत्ति प्रमाण-पत्र स्वतरू निरस्त माने जायेंगे।
स्कूल शिक्षा मंत्री श्री पारस जैन के अनुसार अध्यापक संवर्ग के व्यक्तियों के एक निकाय से दूसरे निकाय में संविलियन के लिए नीति बनाई जा रही है। नीति को राज्य शासन द्वारा शीघ्र लागू किया जायेगा। नीति निर्धारण के बाद संविलियन की समस्त कार्यवाही ऑनलाइन होगी।
अभी राज्य शासन द्वारा अध्यापक संवर्ग के महिला, विकलांग एवं पारस्परिक एक निकाय से अन्य निकाय में संविलियन की अनुमति पर पूर्व से ही प्रतिबंध लगाया हुआ है। प्रतिबंध की इस अवधि में भी कई निकायों द्वारा अध्यापक संवर्ग के व्यक्तियों को अनापत्ति प्रमाण-पत्र जारी किये जा रहे हैं। 
शासन के अनुसार जब तक अध्यापक संवर्ग के महिला, विकलांग एवं पारस्परिक एक निकाय से अन्य निकाय में संविलियन की अनुमति पर लगा प्रतिबंध नहीं हटाया जाता है, तब तक किसी भी निकाय द्वारा अध्यापक संवर्ग के व्यक्तियों को अनापत्ति प्रमाण्-पत्र जारी नहीं किये जा सकेंगें। इसके बाद भी यदि किसी निकाय द्वारा अनापत्ति प्रमाण-पत्र जारी किये जाते हैं तो संबंधित के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी।
शासन ने नगर निगमों के आयुक्त, जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, नगर पालिका परिषद् एवं नगर पंचायतों के मुख्य नगर पालिका अधिकारी तथा जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को इन निर्देशों का सुनिश्चित रूप से पालन करवाने के निर्देश दिये हैं।
क्रमांक/63/2014/1269/वर्मा

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