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Thursday 28 August 2014

जिला चिकित्सालय पहॅुंचकर कलेक्टर श्री महेश अग्रवाल ने टटोली व्यवस्थाओं की नब्ज

जिला चिकित्सालय पहॅुंचकर कलेक्टर श्री महेश अग्रवाल ने टटोली व्यवस्थाओं की नब्ज
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और बेहतर व्यवस्था मुहैया कराने के सिविल सर्जन को दिए निर्देश
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एसएनसीयू पहॅुंचकर नवजात शिशुओं की मृत्यु के कारणों की कि समीक्षा
संबंधित डॉंक्टर्स को दिए कारणों का विशलेषण करने के निर्देश
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शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के भी दिए आदेश
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आयुक्त स्वास्थ्य को भी दूरभाष पर जानकारी देते हुए
डॉक्टर्स की व्यवस्था कराने की कि बात
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लेब में होने वाली जॉंचों को सामान्य भाषा में बोर्ड लगाकर प्रदर्शित कराने के भी दिए आदेश
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लेब की जॉंच रिपोर्ट की व्यवस्था कम्प्यूटराईज्ड कराने के भी सिविल सर्जन को दिए निर्देश
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नजमा को घर तक छोड़ने के लिए वाहन की कराई व्यवस्था
साथ ही शिशु के बड़े होने पर कान संबंधी ऑपरेशन कराने की भी कही बात
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खण्डवा (27 अगस्त,2014) - बुधवार की शाम को जिला चिकित्सालय पहॅंुचकर नवागत कलेक्टर श्री महेश अग्रवाल ने स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की नब्ज टटोली। अपने निरीक्षण के दौरान सर्वप्रथम उन्होंने सिविल सर्जन से जिला अस्पताल में पदस्थ डॉक्टरों की जानकारी संबंधी बोर्ड के विषय में पूछा। जिसके बाद उन्होंने हेल्पडेस्क की वर्किंग की जानकारी भी ली। निरीक्षण में कलेक्टर श्री अग्रवाल ने सिविल सर्जन को व्यवस्थाओं को और अधिक दुरूस्त करने के निर्देश भी दिए।  
एसएनसीयू पहॅुंचकर नवजात शिशुओं की मृत्यु के कारणों की कि समीक्षा संबंधित डॉंक्टर्स को दिए कारणों का विशलेषण करने के निर्देश - जिला चिकित्सालय पहॅुंचते ही विभिन्न वार्डो का निरीक्षण करते हुए कलेक्टर श्री महेश अग्रवाल जिला महिला चिकित्सालय के एसएनसीयू में पहॅुंचे। जहॉं पर अवलोकन कर उन्होंने विगत दिनों से एसएनसीयू में हो रही नवजात शिशुओं की मृत्यु का कारण संबंधित डॉंक्टर से पूछा। उन्होंने आदेश देते हुए कहा कि हमारा प्रयास शिशु मृत्यु दर को कम करने का होना चाहिए। चूकि हमारे यहॉं मृत्यु दर सामान्य से अधिक है। अगस्त में अब तक एसएनसीयू में दाखिल 99 शिशुओं में से 19 शिशुओं की मृत्यु हुई है।  इसलिए हम यह प्रयास करें की जल्द से जल्द हम स्टेन्डर्ड शिशु मृत्यु दर पर पहॅुंचे। इतना ही नही हम इसे और भी कम करने का प्रयास करें।
इसके साथ ही कलेक्टर श्री अग्रवाल ने सिविल सर्जन समेत एसएनसीयू से संबंधित डॉक्टर्स को शिशु मृत्यु के कारणों का विशलेषण करने के निर्देश दिए। उन्होंने आदेश देते हुए कहा कि आप क्षेत्र के आधार पर, प्रसव महिनों के आधार पर, जिले के बाहर से आने वाले प्रकरणों, जिले के अन्दर के प्रकरणों, समेत विभिन्न मापदण्डों के आधार पर शिशु मृत्यु दर के कारणों का विशलेषण कर पता लगाए। क्योंकि हमारे पास इन्फ्रास्ट्रक्चर, व्यवस्थाएॅं, पैरामेडिकल सुविधाएॅं, पर्याप्त है। इसलिए इस समस्या के निराकरण के लिए हमें कारणों का पता होना जरूरी है। ताकि ग्रासरूट लेवल पर कार्य प्रारंभ कर इसका निराकरण किया जा सकें।
आयुक्त स्वास्थ्य को भी दूरभाष पर जानकारी देते हुए डॉक्टर्स की व्यवस्था कराने की कि बात - इसके साथ ही कलेक्टर श्री अग्रवाल ने एसएनसीयू में ही कारणों की समीक्षा एवं विशलेषण करने के निर्देश देने के बाद दूरभाष पर आयुक्त स्वास्थ्य चिकित्सा श्री पंकज अग्रवाल से बातकर स्थिति की जानकारी दी। साथ ही उन्होंने कमीशनर हेल्थ श्री अग्रवाल से जिले में एसएनसीयू के लिए डॉक्टर्स एवं बेन्टीलेटर्स उपलब्ध कराने का अनुरोध किया। जिस पर जल्द ही उन्होंने डॉक्टर्स की व्यवस्था करने का आश्वासन दिया। 
लेब की जॉंच रिपोर्ट की व्यवस्था कम्प्यूटराईज्ड कराने के भी सिविल सर्जन को दिए निर्देश - जिला चिकित्सालय के निरीक्षण के दौरान कलेक्टर श्री अग्रवाल ने लेब पहॅुंचे। जहॉं पर उन्होंने लेब में की जा रही जॉंचों की जानकारी भी ड्यूटी मंे तैनात कर्मचारी से ली। उन्होंने लेब से दी जाने वाली रिपोर्ट के विषय में सिविल सर्जन से जानकारी चाही की यहॉं पर रिपोर्ट मैन्यूअली दी जाती है या कम्प्यूटराईज्ड। इस पर मैन्यूअली रिपोर्ट दी जाने की जानकारी मिलने पर उन्होंने सिविल सर्जन को साटवेयर डेवलप कराकर जल्द से जल्द जॉंच रिपोर्ट कम्प्यूटराईज्ड उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। उन्होंने आदेश देते हुए कहा कि इस कार्य के लिए किसी ऑपरेटर की व्यवस्था करने की भी जरूरत नहीं है। जो कर्मचारी मैन्यूअली रिपोर्ट तैयार करके देते है। वह कम्प्यूटर में फीड करके भी रिपोर्ट जनरेट कर दे सकते है। इसके लिए महज उन्हें बेहतर प्रशिक्षण दिया जाए। 
लेब में होने वाली जॉंचों को सामान्य भाषा में बोर्ड लगाकर प्रदर्शित कराने के भी दिए आदेश - इसके बाद लेब से बाहर निकलते ही कलेक्टर श्री अग्रवाल ने सिविल सर्जन से लेब में की जाने वाली जॉंच संबंधी बोर्ड के विषय में जानना चाहा। जिस पर सिविल सर्जन द्वारा उन्हें बोर्ड दिखाया गया। जिसमें सभी जॉंचों की जानकारी अग्रेंजी भाषा में लिखी हुई थी। इस पर तत्काल श्री अग्रवाल ने सिविल सर्जन को सरल, सहज, हिन्दी भाषा में ग्रामीणों को ध्यान में रखते हुए बोर्ड तैयार करवाकर दिवार में प्रदर्शित करने के आदेश दिए। ताकि आसानी से हर व्यक्ति लेब में होने वाली जॉंच के संबंध में जान सकें।
नजमा को घर तक छोड़ने के लिए वाहन की कराई व्यवस्था साथ ही शिशु के बड़े होने पर कान संबंधी ऑपरेशन कराने की भी कही बात - एसएनसीयू से बाहर निकलते ही मूंदी निवासी नजमा द्वारा अपने नवजात शिशु को गॉंव तक पहॅुंचाने के लिए वाहन उपलब्ध न कराने की शिकायत की गई। जिस पर तत्काल कलेक्टर श्री महेश अग्रवाल ने जननी वाहन के माध्यम से महिला और उसके शिशु को घर तक छोड़ने के निर्देश सिविल सर्जन को दिए। नजमा द्वारा अपने नवजात शिशु के कान संबंधी समस्या होने की जानकारी भी कलेक्टर श्री अग्रवाल को दी गई। जिस पर कलेक्टर श्री अग्रवाल ने उसके बच्चें को जाकर देखा साथ ही बड़ा होने पर उसके कान का ऑपरेशन कराने की बात भी कही। 
इसके साथ ही कलेक्टर श्री अग्रवाल ने अपने निरीक्षण के दौरान  साफ-सफाई की बेहतर व्यवस्था कराने, अस्पताल में अन्य व्यवस्थाओं का सुदृढीकरण करने और आगामी माहों में जल्द से जल्द नए भवनों में प्रारंभ होने वाली सुविधाओं को शुरू कराने की बात भी कही। उन्होंने जनरल वार्ड समेत सोनोग्राफी यूनिट , सिटीस्केन यूनिट, का भी अवलोकन किया। 
क्रमांक/142/2014/1348/वर्मा

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