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Wednesday, 16 October 2019

संथा स्तर पर किसानों की बैठकें आयोजित कर उन्नत खेती के बारे में बतायें - कलेक्टर श्रीमती सुन्द्रियाल

संथा स्तर पर किसानों की बैठकें आयोजित कर उन्नत खेती के बारे में बतायें - कलेक्टर श्रीमती सुन्द्रियाल
जिला जल उपयोगिता समिति की बैठक सम्पन्न

खण्डवा 16 अक्टूबर, 2019 - जिला जल उपयोगिता समिति की बैठक कलेक्टर श्रीमती तन्वी सुन्द्रियाल की अध्यक्षता में बुधवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित हुई। बैठक में जल उपभोक्ता संस्थाओं के अध्यक्षों के अलावा, कार्यपालन यंत्री जल संसाधन श्री ए.के. जैन व उप संचालक कृषि श्री आर.एस. गुप्ता भी मौजूद थे। बैठक में जिले में निर्मित सिंचाई जलाशयों के जल भराव की स्थिति, वर्ष 2019-20 में रबी सिंचाई के लक्ष्य निर्धारण व ऐलान, खण्डवा शहर को पेयजल उपलब्ध कराने के संबंध में, जलकर वसूली की अद्यतन स्थिति पर चर्चा की गई। 
        कलेक्टर श्रीमती सुन्द्रियाल ने बैठक में कार्यपालन यंत्री जल संसाधन श्री जैन को निर्देश दिए कि आगामी दिनों में जल उपभोक्ता संथा स्तर पर किसानों व जल उपभोक्ताओं की बैठक आयोजित की जाये और वहां के किसानों के सुझाव भी आमंत्रित किए जायें। उन्होंने कहा कि कुछ बैठकों में एसडीएम को भेजा जायेगा तथा उस बैठक में कलेक्टर स्वयं उपस्थित रहकर किसानों से चर्चा करेंगे। कलेक्टर श्रीमती सुन्द्रियाल ने उपसंचालक कृषि व उद्यानिकी के साथ साथ उपसंचालक पशु चिकित्सा, सहकारिता के उपायुक्त, नागरिक आपूर्ति निगम, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, लीड बैंक मेनेजर सहित फसलों से जुड़े विभिन्न अधिकारियों को भी इन बैठकों में उपस्थित रहने के निर्देश दिए।
          कलेक्टर श्रीमती सुन्द्रियाल ने कृषि विज्ञान केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिकों को भी इन बैठकों में उपस्थित रहने के लिए कहा। भंगवत सागर जलाशय के क्षेत्र के किसानों ने बैठक में मांग की कि क्षेत्र की मिट्टी की प्रकृति को ध्यान में रखते हुए उन्हें गेहूं की फसल में लगभग 5 बार पानी देना पड़ता है। गत वर्षो में भी 5 बार पानी दिया जाता रहा है, अतः इस वर्ष भी गेंहू की फसल को सुक्ता जलाशय से नहरों के माध्यम से 5 बार पानी देने की व्यवस्था की जाये। कलेक्टर श्रीमती सुन्द्रियाल ने उपस्थित जल उपभोक्ता संथाओं के अध्यक्षों से कहा कि वे जल संसाधन विभाग के बकाया राजस्व भी किसानों से जमा करायें। इस अवसर पर वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक श्री डी.के. वाणी ने सुझाव दिया कि कम पानी व कम समयावधि वाली फसलों को लगाने के लिए किसानों को समझाया जाना चाहिए, ताकि सिंचाई के लिए पानी कम खर्च हो। उन्होंने 1544 पूर्णा किस्म का गेंहू व पूसा उजाला नामक किस्म का गेहूं बोने की उपस्थित किसान को सलाह दी। 

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