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Saturday 26 October 2019

डेंगू से बचने के लिए आवश्यक सावधानी बरतें

डेंगू से बचने के लिए आवश्यक सावधानी बरतें

खण्डवा 26 अक्टूबर, 2019 - डेंगू बुखार वायरस जनित एक संक्रामक रोग है, जो डेंगू संक्रमित व्यक्ति से स्वस्थ व्यक्ति में संचारी होता हैं। यह रोग संक्रमित मादा एडीज मच्छर के काटने से फैलता है। यह मच्छर दिन के समय प्रायः सुबह व शाम के समय काटता है। डेंगू का कोई टीका या दवा नहीं है। एडीज मच्छर के काटने से बचाव व संक्रमित मच्छरों के लार्वा का विनिष्टीकरण ही इसका एकमात्र उपाय हैं। एक बार शरीर में डेंगू वायरस का संक्रमण होने के बाद डेंगू बुखार के लक्षण  5-6 दिन बाद प्रकट होते हैं। इसके लिए घबराने की जरूरत नहीं होती हैं इस अवस्था में रोगी को मच्छरदानी में पूर्ण आराम करने व षिकंजी, नीबू पानी, ओआरएस, नारियल पानी, ग्लूकोस इत्यादि के द्वारा शरीर में जल की पूर्ति करने की सलाह दी जाती हैं।
डेंगू से बचाव के घरेलू उपाय
          आमजन को डेंगू से बचाव के लिये जो सावधानियां बरतना चाहिए उनमें, घरों में लंबे समय तक बर्तनों में जल संग्रह ना करें, कूलर की पुरानी घास जला दें क्योंकि पुरानी घासों में डेंगू मच्छर का अंडे सूखी अवस्था में भी जीवित रहते है तथा कूलर का पानी सप्ताह में एक बार अवश्य ही खाली करें, घर के अंदर रखें बर्तनों, पक्षियों के सकोरों व मवेशियों को पानी पिलाने के टंकियों व कंटेनरों की साफ सफाई रखें, घर के आसपास पानी जमा न होने दे निकासी की व्यवस्था करे निकासी न होने पर उसमें जला हुआ तेल या कैरोसीन डाल दें। संक्रमण काल को देखते हुये स्वयं एवं स्कूली बच्चों को फुल आस्तीन के कपडें पहनायें क्योंकि बच्चों में प्रतिरक्षा तंत्र कमजोर होने के कारण यह सबसे पहले बच्चो को अपना शिकार बनाता हैं। घर की खिडकियों दरवाजों पर मच्छरप्रूफ जाली लगायें तथा घर में मच्छर भगाने वाली मेट ,काइल, लिक्विड का उपयोग अवश्य करे तथा सोते समय मच्छरदानी लगायें। 
डेंगू बीमारी के लक्षण
           सामान्य प्रकार के डेंगू में तेज सिरदर्द, आंखों के पीछे की ओर दर्द, शरीर पर लाल चकते या दाने, जोडों व मांसपेशियों मे दर्द होना दिखाई देता हैं। जब डेंगू घातक अवस्था में पहुँचता है तो उक्त लक्षणों के साथ-साथ मसूडों व आंतो से रक्त स्त्राव का होना अथवा खून में प्लेटलेट्स का कम होना लक्षण पाये जाते है इसमें तत्काल मरीज को नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र पर चिकित्सक की सलाह के अनुसार उपचार लेना चाहिये।

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