दस्तक अभियान के सर्वे में कोई भी बच्चा छूटे नहीं कलेक्टर श्रीमती सुन्द्रियाल ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को दिए निर्देश
खण्डवा 6 जुलाई, 2019 - प्रदेश में दस्तक अभियान गत 10 जून को प्रारंभ हुआ था, जो कि 20 जुलाई तक जारी रहेगा। इस अभियान के तहत आँगनवाड़ी, एएनएम और आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में प्रमुख बाल्यकालीन बीमारियों की सामुदायिक स्तर पर सक्रिय पहचान कर उनका त्वरित प्रबंधन कर रही है, ताकि बाल-मृत्यु दर में प्रभावी कमी लाई जा सके। दस्तक अभियान लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण और महिला-बाल विकास विभाग संचालित किया जा रहा है। कलेक्टर श्रीमती तन्वी सुन्द्रियाल ने शनिवार शाम को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में दस्तक अभियान की अब तक की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने अब तक की प्रगति पर असंतोष व्यक्त किया तथा कम प्रगति वाले विकासखण्ड हरसूद, पुनासा व खालवा के विकासखण्ड चिकित्सा अधिकारियों तथा स्वास्थ्य विभाग के विकासखण्ड परियोजना प्रबंधकों को चेतावनी दी कि यदि शीघ्र ही प्रगति में सुधार नही होगा तो उनके विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने कहा कि सर्वे करके गंभीर बीमारियों से ग्रसित बच्चों तथा कुपोषित बच्चों को चिन्हित किया जाये तथा उनके समुचित उपचार की व्यवस्था की जाये। कलेक्टर श्रीमती सुन्द्रियाल ने स्वास्थ्य विभाग की जिला स्तरीय अधिकारियों व सभी विकासखण्ड चिकित्सा अधिकारियों को भी समय समय पर ग्रामीण क्षेत्र का दौरा कर दस्तक अभियान के सर्वे का औचक निरीक्षण करने के निर्देश दिए। उन्होंने सर्वे के बाद प्राप्त जानकारी की डाटा एन्ट्री कार्य की प्रगति पर भी असंतोष व्यक्त किया तथा अतिरिक्त कम्प्यूटर व डाटा एन्ट्री ऑपरेटर्स की व्यवस्था कर इस कार्य में प्रगति लाने के निर्देश दिए। उन्होंने स्वास्थ्य अधिकारी को भी दस्तक अभियान की कम प्रगति के लिए कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। कलेक्टर श्रीमती सुन्द्रियाल ने सभी बीएमओ से कहा कि वे दैनिक प्रगति की रिपोर्ट वॉटसअप के माध्यम से नियमित रूप से भेजे। उन्होंने डायरिया व निमोनिया जैसी बीमारियों से पीडि़त बच्चों के कम चिन्हांकन पर भी नाराजगी व्यक्त की तथा कहा कि सभी बच्चों का बारीकी से स्वास्थ्य परीक्षण करते हुए उनकी बीमारियों की जानकारी प्राप्त करें तथा उसके उपचार की व्यवस्था भी की जाये।
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