रोजगार की उपलब्धता सुनिश्चित नही करने वालों पर होगी कार्यवाही
सीईओ जिला पंचायत श्री तोमर ने पंचायत सचिवांे को दिये निर्देश
खण्डवा 26 नवम्बर,2015 - सीईओ जिला पंचायत श्री अमित तोमर द्वारा सभी जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को निर्देश दिये गये है कि 30 नवम्बर तक प्रत्येक ग्राम पंचायत में 5 सामुदायिक एवं 25 हितग्राहीमूलक कार्य तकनीकी व प्रशासकीय स्वीकृति के साथ रखे जावें एवं हर पंचायत में न्यूनतम 50 मजदूरों को मनरेगा अंतर्गत अनिवार्यतः कार्य उपलब्ध करया जावे साथ ही काम की मांग करने वाले परिवारों को स्वीकृत कार्यो की सूचना प्रिय-मित्र पत्रक के माध्यम से दी जावे। सीईओ श्री तोमर द्वारा बताया गया कि जो ग्राम पंचायत श्रमिको को रोजगार उपलब्ध कराने में असमर्थ पाई जावेगी वहां के उपयंत्री, सचिव एवं रोजगार सहायक को 30 नवम्बर तक सीईओ जिला पंचायत के समक्ष उपस्थित होकर अपना स्पष्टीकरण प्रस्तुत करना होगा एवं यदि स्पष्टीकरण समाधानकारक नही पाया गया एवं ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध करवाने में लापरवाही करना पाया गया तो संबंधितों के विरूद्ध त्वरित अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रस्तावित की जावेगी।
सीईओ श्री तोमर द्वारा यह भी बताया गया कि मनरेगा आयुक्त से प्राप्त निर्देशानुसार 7 दिसम्बर तक जिन जनपद पंचायतों कीं 5 से अधिक ग्राम पंचायतों में श्रमिकों को कम रोजगार उपलब्ध करवाना पाया गया उन जनपद पंचायतों के सीईओ एवं सहायक यंत्रियों को संभागीय आयुक्त के समक्ष उपस्थित होकर अपना स्पष्टीकरण प्रस्तुत करना होगा एवं जिले की प्रगति कम होन पर सीईओ जिला पंचायत एवं कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग को भी मनरेगा परिषद में स्पष्टीकरण हेतु उपस्थित होना पड सकता है। सीईओ जिला पंचायत द्वारा सभी जनपद के सीईओ से जानकारी चाही गयी है कि अधिक से अधिक श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध करवाने हेतु उनके द्वारा क्या प्रयास किये गये, रोजगार सहायकों एवं सचिवों से भरवाये जाने वाले प्रिय मित्र पत्रक की तामीली सुनिश्चित की गयी अथवा नही एवं श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने हेतु क्या प्रयाश किये गये एवं लापरवाही बरतने वाली ग्राम पंचायतों के सचिव, रोजगार सहायक व उपयंत्रियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई।
सीईओ श्री तोमर द्वारा यह भी बताया गया कि मनरेगा आयुक्त से प्राप्त निर्देशानुसार 7 दिसम्बर तक जिन जनपद पंचायतों कीं 5 से अधिक ग्राम पंचायतों में श्रमिकों को कम रोजगार उपलब्ध करवाना पाया गया उन जनपद पंचायतों के सीईओ एवं सहायक यंत्रियों को संभागीय आयुक्त के समक्ष उपस्थित होकर अपना स्पष्टीकरण प्रस्तुत करना होगा एवं जिले की प्रगति कम होन पर सीईओ जिला पंचायत एवं कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग को भी मनरेगा परिषद में स्पष्टीकरण हेतु उपस्थित होना पड सकता है। सीईओ जिला पंचायत द्वारा सभी जनपद के सीईओ से जानकारी चाही गयी है कि अधिक से अधिक श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध करवाने हेतु उनके द्वारा क्या प्रयास किये गये, रोजगार सहायकों एवं सचिवों से भरवाये जाने वाले प्रिय मित्र पत्रक की तामीली सुनिश्चित की गयी अथवा नही एवं श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने हेतु क्या प्रयाश किये गये एवं लापरवाही बरतने वाली ग्राम पंचायतों के सचिव, रोजगार सहायक व उपयंत्रियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई।
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