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Thursday 19 November 2015

रबी फसल में किसानों के लिए उपयोगी सुझाव

रबी फसल में किसानों के लिए उपयोगी सुझाव

खण्डवा 19 नवम्बर,2015 - उपसंचालक कृषि श्री ओ.पी.चौरे ने किसानांे को सुझाव दिया है कि रबी में गेंहू की बोनी लगभग 25 डिग्री सेंटीग्रेट तापक्रम होने पर करें। उन्होंने बताया कि जब इतनी ठण्डक हो जाये कि घरों में घी जमने लगें तो यह मानना चाहिए कि गेंहू की बोनी के लिए उपयुक्त समय आ गया है। उन्होंने बताया कि रबी फसल बोने से पूर्व बीजोपचार आवष्यक रूप से करें इसके लिये दलहनी फसलों के लिये ट्रायकोडर्मा विर्डी 5 ग्राम प्रति किलों बीज गेंहू के लिये कार्बनडाईजिम व मेनकोजेब 3 ग्राम प्रति किलों बीज के हिसाब से बीजोपचार करें। चना फसल में 7 पेकिंग रायजोबियम कल्चर एवं 12 पी.एस.बी. प्रति हैक्टर उपयोग करें। 
उपसंचालक कृषि श्री ओ.पी.चौरे ने बताया कि सिंचाई सुविधा के अनुसार यदि पलेवा के बाद एक सिंचाई देने की सुविधा है तो इसके लिये गेंहू फसल की किस्म जाति HI-1500, HI-1531, HW-2004, JW-17,चना फसल की JG-63, JG-16, JG-11, JG-130,  एवं जॉकि 9218 आदि किस्म लगायें। उन्होंने बताया कि यदि दों सिंचाई की सुविधा उपलब्ध हो तो गेंहू की किस्म HI-1531, HI-8663, HI-8498 आदि किस्म लगाई जानी चाहिए। श्री चौरे ने बताया कि तीन सिंचाई उपलब्ध होने पर HI-1544, JW-366, MP-1202, MP-1203  आदि किस्म लगायें। जहां पलेवा देने का पानी है ऐसे खेतों में चना, मसूर, मटर, अलसी, सरसों, कुसुम कर्डी जैसी फसल लगाई जानी चाहिए। इस वर्ष मानसून सिंतबर से चले जाने के कारण आने वाले समय में जल स्तर कम होने की पूर्ण संभावना है अतः किसान भाई पूरी जमीन में अधिक पानी चाहने वाली फसल के साथ-साथ कम पानी चाहने वाली फसल जैसे चना, मसूर, मटर, सरसों, अलसी, कुसुम कर्डी फसल का भी समावेष करें। उपलब्ध सिंचाई जल का समुचित उपयोग करें तथा रबी फसलों की क्रांतिक अवस्था में सिंचाई करें। सिंचाई के लिये स्प्रिंकलर तथा ड्रीप का उपयोग ज्यादा-ज्यादा करें। उपसंचालक कृषि श्री ओ.पी.चौरे ने बताया कि खेत की मिट्टी की जांच आवष्यक रूप से करवायें तथा परीक्षण रिपोर्ट अनुसार संतुलित उर्वरक का उपयोग करे। पोटाष खाद अनिवार्य रूप से देवें ताकि भूमि में जलधारण क्षमता बढ सकें। खेती को टिकाउ रखने के लिये उत्पादन में उत्पादकता में वृद्धि के लिये जैविक खाद तथा जैविक कीटनाषक का उपयोग अपनी खेती में आवष्यक रूप से करें। स्वयं की खाद निर्माण करने हेतु बॉयोगैस, नाडेप, वर्मी कम्पोस्ट का निर्माण कर उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि लावें। इस संबंध में अधिक जानकारी के लिये किसान भाई अपने ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी या कृषि विकास अधिकारी या वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी से संपर्क कर सकते हैं।

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