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Saturday 28 November 2015

विषेष लेख मुख्यमंत्री श्री चौहान के कार्यकाल के 10 वर्ष हुए पूर्ण

विषेष लेख
मुख्यमंत्री श्री चौहान के कार्यकाल के 10 वर्ष हुए पूर्ण
गत दस वर्षो में खण्डवा जिले को मिली अनेंकों सौगातें


खण्डवा 28 नवम्बर 2015 - मुख्यमंत्री श्री षिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में प्रदेष निरंतर विकास कर रहा है। गत 10 वर्षो में षिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, जल संसाधन, विद्युत, आदिम जाति कल्याण, लोक निर्माण विभाग, सहित सभी विभागों की नई-नई योजनाएं मुख्यमंत्री श्री चौहान के कार्यकाल में प्रारंभ हुई है। आज प्रदेष में जितनी भी जन कल्याणकारी योजनाएॅं संचालित हो रही है, वे सभी मुख्यमंत्री श्री चौहान के कार्यकाल में ही आरंभ हुई है। चाहे वह लाड़ली लक्ष्मी योजना हो या मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना अथवा निःषुल्क गणवेष योजना हो अथवा विद्यार्थियों को निःषुल्क साईकिल वितरण की योजना। इन सभी योजनाओं को मुख्यमंत्री श्री चौहान ने नागरिकों की समस्याओं को देखते हुए उनके निराकरण के उद्देष्य से प्रदेष में लागू किया है। नागरिकों की सुविधाओं में वृद्धि के लिए गत 10 वर्षो में जितने स्कूल भवन, अस्पताल भवन, आंगनवाड़ी भवन, छात्रावास, तथा ग्रामीण व शहरीय क्षेत्र में सड़कों के निर्माण कार्य प्रदेष में हुए है, उतने उससे पिछले 50 वर्षो में भी नही हुए थे। प्रदेष में सड़को की जो स्थिति आज से 10 -12 वर्ष पूर्व तक थी वह किसी से छुपी नही है। इसी तरह प्रदेष में बिजली की आपूर्ति की जो स्थिति आज से 10 -12 वर्ष पूर्व तक थी वह भी सभी जानते है।
     खण्डवा जिले में गत 10 वर्षो मंे जो महत्वपूर्ण कार्य हुए है उनमंे 7820 करोड रूपये लागत वाली श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना के प्रथम चरण का लोकार्पण व द्वितीय चरण  का षिलान्यास का कार्य, मेडिकल कॉलेज की स्वीकृति एवं उसके लिए 100 विद्यार्थी क्षमता वाला मेडिकल कॉलेज तथा मेडिकल कॉलेज से जुड़े 500 बिस्तर क्षमता वाले अस्पताल के भवन निर्माण के लिए कुल 172.21 करोड़ रूपये की मंजूरी के अलावा खण्डवा में शासकीय संगीत एवं ललित कला महाविद्यालय की स्वीकृती एवं पुनासा विकासखण्ड में लगभग 8 करोड़ रूपये लागत से एक राष्ट्रीय स्तर के पर्यटन केन्द्र के रूप में हनुमंतिया टापू को विकसित करने जैसे कार्य शामिल है। इसके अलावा इन्दौर इच्छापुर रोड निर्माण तथा उसे अब फोरलेन सड़क के रूप में विकसित करने जैसे कार्य भी गत 10 वर्षो में हुए है। जिनसे इस क्षेत्र के नागरिकों को काफी सुविधा हुई है। 
     श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना के प्रथम चरण का लोकार्पण प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के करकमलो द्वारा गत मार्च माह में सम्पन्न हुआ था। लगभग 7820 करोड रूपये लागत वाली इस योजना के तत्काल बाद इसी योजना के द्वितीय चरण  का षिलान्यास भी हो चुका है। श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना, का लक्ष्य विद्युत उत्पादन के क्षेत्र मे ंप्रदेष को आत्मनिर्भर बनाना है। यह परियोजना दो चरणांे में क्रियान्वित की जा रही है। श्री सिगाजी ताप विद्युत परियोजना के दोनो चरण पूर्ण होने पर कुछ विद्युत उत्पादन क्षमता 2520 मेगावाट होगी। यह म.प्र. के निमाड़-मालवा क्षेत्र की एकमात्र ताप विद्युत परियोजना है जिससे इस क्षेत्र को सतत् विद्युत आपूर्ति मिलेगी एवं औद्योगिक विकास उन्नत होगा।
 खण्डवा जिले में गत 10 वर्षो में जल संसाधन विभाग द्वारा कुल 16 लद्यु सिंचाई योजनाओं का निर्माण कार्य पूर्ण किया गया। इनमें खालवा विकासखण्ड में 7, छैगांव माखन विकासखण्ड में 4, खण्डवा में 1 व पंधाना विकासखण्ड में 4 सिंचाई योजना शामिल है। इन सिंचाई योजना के पूर्ण होने से जिले की सिंचाई क्षमता में कुल 3566 हेक्टेयर क्षेत्र की वृद्धि हुई है। कार्यपालन यंत्री जल संसाधन श्री आर.के.शर्मा ने बताया कि इन 16 सिंचाई योजनाओं के निर्माण पर कुल 57.32 करोड़ रूपये व्यय किए गए है। जो सिंचाई योजनाएं गत 10 वर्षो में पूर्ण हुई है, उनमें नावली तालाब योजना, अर्दला तालाब योजना, ईटवा मामा डोह तालाब, मेढ़ा पानी तालाब, खजूरी तालाब, छनेरा तालाब, पलासिया तालाब, सिवना तालाब, खेड़ी तालाब, मानपुरा तालाब, बांमझर तालाब, भोकरिया तालाब, गुलरढाना तालाब, डाबी तालाब, मीरपुर तालाब, एवं गंगा घाट तालाब योजनाएं शामिल है।
खण्डवा जिले में गत 10 वर्षो में विद्युतीकरण के क्षेत्र में पष्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी द्वारा उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की गई है। वर्ष 2005 में जिले में 33 केवी लाईन मात्र 713 किलोमीटर लम्बाई की थी, वर्ष 2015 में यह विद्युत लाईन बढ़कर 1279 किलोमीटर लम्बी हो चुकी है। इसी तरह वर्ष 2005 में 11 केवी लाईन की लम्बाई जिले में कुल 2599 किलोमीटर थी, जो वर्ष 2015 में 6373 किलोमीटर हो गई है। वर्ष 2005 मंे खण्डवा जिले में 5748 किलोमीटर लम्बी निम्न दाब विद्युत लाईन स्थापित थी, जो कि अब बढ़कर 8902 किलोमीटर हो गई है। इसके अलावा वर्ष 2005 में खण्डवा जिले में अति उच्च दाब के 4 विद्युत उपकेन्द्र स्थापित थे। गत 10 वर्षो में दो नए अति उच्च दाब उपकेन्द्र ग्राम तोरनी व मूंदी में स्थापित किए गए है। इस तरह अब जिले में कुल 6 अति उच्च दाब उपकेन्द्र संचालित है। इसी तरह वर्ष 2005 में 33/11 केवी उपकेन्द्र की संख्या 39 थी, जो गत 10 वर्षो में बढ़कर अब 70 हो गई है। गत 10 वर्षो में जिले की क्षमता बढ़कर 197.15 एमव्हीए से बढ़कर 451.3 एमव्हीए हो गई है। जिले में वर्ष 2005 में कुल 2497 वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित थे, जो कि वर्ष 2015 में बढ़कर 8274 हो गए है।
      प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना दूरस्थ व मुख्य धारा से कटे ऐसे ग्रामों के लिए वरदान साबित हुई है, जो कि वर्षा ऋतु में पहुंच विहीन हो जाते थे। खण्डवा जिले के कुल 346 गांव गत 10 वर्षो में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अंतर्गत बारहमासी पक्की सड़को से जोड़े जा चुके है। इन सड़कों के बन जाने से इन गांव मंे रहने वाले लगभग पौने चार लाख ग्रामीणजनों को काफी राहत मिली है। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत खण्डवा जिले के 500 की आबादी तक के लगभग सभी ग्रामीण पक्की सड़को से जोड़े जा चुके है। गत 10 वर्षो में इस योजना के तहत कुल 302 सड़क मार्ग स्वीकृत हुए है, जिनकी कुल लंबाई 1245.25 किलोमीटर है। इन मार्गो के निमार्ण के लिए सरकार ने गत 10 वर्षो में 32413 लाख रूपये स्वीकृत किए थे। इनमें से 277 मार्गो का निमार्ण कार्य पूर्ण हो चुका है, जिनकी कुल लंबाई 1164.44 किलोमीटर है। 
प्रदेष सरकार ने खण्डवा जिले में मेडिकल कॉलेज तथा मेडिकल कॉलेज से जुड़े 500 बिस्तर क्षमता वाले अस्पताल के भवन निर्माण के लिए कुल 172.21 करोड़ रूपये स्वीकृत किए है। इस भवन का निर्माण कार्य काफी तेज गति से संचालित हो रहा है। खण्डवा में मेडिकल कॉलेज स्थापित हो जाने से न केवल खण्डवा जिले साथ ही बुरहानपुर, खरगोन, बड़वानी, जिलो के नागरिकों को भी चिकित्सा सुविधा उपलब्ध होगी। खण्डवा में 100 सीटर मेडिकल कॉलेज की स्थापना से मेडिकल क्षेत्र में रूचि रखने वाले विद्यार्थियों के लिए उच्च षिक्षा के अवसर भी बढ़ जायेंगे। मेडिकल कॉलेज परिसर में कॉलेज भवन के साथ - साथ छात्र व छात्राओं के लिए छात्रावास, जूनियर रेसिडेंट डॉक्टर्स के लिए आवास, डीन का निवास गृह, प्राध्यापकों के आवास गृह, स्पोर्टस कॉम्पलेक्स, गेस्ट हाउस, व कर्मचारियों के लिए आवास गृह एवं विकास कार्य किए जा रहे है। 
मध्य प्रदेष राज्य पर्यटन विकास निगम द्वारा खण्डवा जिले के पुनासा विकासखण्ड के हनुमंतिया टापू को लगभग 8 करोड़ रूपये लागत से एक राष्ट्रीय स्तर के पर्यटन केन्द्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। यह हनुमंतिया टापू इंदिरासागर बांध के बैक वाटर के कारण निर्मित हुआ है। पर्यटन विकास निगम द्वारा यहां बोट क्लब, रेस्टोरेंट, तैयार कराये जा रहे है इसके साथ ही यहां पर पर्यटकों के रूकने के लिए 10 कक्ष का विश्रामगृह भी तैयार किया जा रहा है। हनुवंतिया में जल-उत्सव का आयोजन आगामी फरवरी-2016 में होगा।  मेले की मुख्य अवधारणा जल और रेत पर मनोरंजन होगा। मेला अवधि में सुरक्षित केम्पस में 100 से अधिक लक्जरी टेंट की व्यवस्था रहेगी। इसके साथ ही 60 सीटर क्रूज और 30 सीटर मिनी क्रूज बोट्स भी उपलब्ध रहेगी। जल-उत्सव के दौरान हंडिया से जोगा कि़ला तक क्रूज यात्रा का आयोजन किया जायेगा। इसमें पर्यटक 4 घंटे की 75 किलोमीटर की जल-यात्रा कर जोगा किले  तक आ-जा सकेंगे। 
अनुसूचित जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों को इंजीनियरिंग, मेडिकल तथा राज्य व केन्द्र सरकार की सेवाओं तथा सार्वजनिक प्रतिष्ठानों में प्रवेष के लिए उच्च स्तर की षिक्षा दिलाने तथा प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता दिलाने के उद्देष्य से खण्डवा जिले के आदिवासी विकासखण्ड खालवा के ग्राम रोषनी में एकलव्य आवासीय विद्यालय की स्थापना की गई है। इस विद्यालय की विषेषता यह है कि यहां आदिवासी वर्ग के 450 विद्यार्थी अंग्रेजी माध्यम से सीबीएसई कोर्स की पढ़ाई कर रहे है। जो षिक्षा बड़े-बड़े शहरों के महंगे स्कूलों में दी जाती है उसी स्तर की पढ़ाई आदिवासी वर्ग के विद्यार्थियों को एक आदिवासी विकासखण्ड के दूरस्थ ग्राम में स्थित इस विद्यालय में उपलब्ध है। एकलव्य आवासीय विद्यालय रोषनी के लिए 16 करोड़ रूपये लागत से एक विषाल भवन निर्मित हो चुका है। आदिवासी वर्ग के युवाओं की शारीरिक क्षमता में वृद्धि करने के उद्देष्य से खालवा में आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा आवासीय क्रीड़ा परिसर व इंडोर स्टेडियम लगभग 8 करोड़ रूपये लागत से निर्मित किया गया है। आवासीय क्रीड़ा परिसर खालवा में प्रषासकीय भवन के साथ - साथ एक 100 सीटर छात्रावास का दो मंजिला भवन, खेल मैदान, एथलेटिक ट्रेक तथा इंडोर स्टेडियम का निर्माण किया गया है।  
खण्डवा जिले में उद्यानिकी विभाग की विभिन्न योजनाओं से यहां के किसानों ने उद्यानिकी फसलों के प्रति रूझान बड़ा है। जिले में ड्रिप एरिगेषन तथा मल्चिंग के माध्यम से किसानों ने अपना उत्पादन कई गुना बढ़ा लिया है। खण्डवा जिले में वर्ष 2005 में जिले में फल उत्पादन 19440.40 मेट्रीक टन होता था, जो गत 10 वर्षो में बढ़कर अब 40220 हेक्टेयर हो गया है।  इसी तरह 10 वर्ष पूर्व जिले में सब्जी उत्पादन 193264.50 मेट्रीक टन होता था, जो गत 10 वर्षो में बढ़कर अब 620805 हेक्टेयर हो गया है। वर्ष 2005 में जिले में मसाला से संबंधित उद्यानिकी फसल 3568 हेक्टेयर क्षेत्र में ली जाती थी, गत 10 वर्षो में मसाला उत्पादन का रकबा बढ़कर 9204 हेक्टेयर हो गया है। वर्ष 2005 में जिले में पुष्प उत्पादन 753.80 मेट्रीक टन होता था, जो गत 10 वर्षो में बढ़कर अब 3254 हेक्टेयर हो गया है।  
 खण्डवा में शासकीय संगीत एवं ललित कला महाविद्यालय स्वीकृत होने से यहां के विद्यार्थी सितार वादन, हारमोनियम , तबला , बासुंरी व वायलिन वादन की विधा सीख रहे है। संगीत एवं ललित कला महाविद्यालय में संगीत में डिप्लोमा, संगीत में स्नातक, संगीत में स्नातकोत्तर, कत्थक नृत्य में षिक्षण का कोर्स संचालित है। इसके साथ ही बेचलर ऑफ फाईन ऑर्ट की डिग्री के लिए भी इस महाविद्यालय में षिक्षण सुविधा उपलब्ध है। महाविद्यालय के षिक्षकों के मार्गदर्षन में तीन विद्यार्थी पीएचडी उपाधि प्राप्त कर चुके है। संगीत एवं ललित कला महाविद्यालय के भवन के निर्माण के लिए सर्किट हाउस के पास कुल 7.5 एकड़ भूमि आरक्षित की जा चुकी है। भवन निर्माण के लिए शासन ने 2 करोड़ रूपये स्वीकृत किए है।                       आलेख - बृजेन्द्र शर्मा , जनसम्पर्क अधिकारी, खण्डवा

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