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Friday 20 November 2015

ड्रिप और मल्चिंग तकनीक से अनार की आय में हुई 6 गुना वृद्धि

सफलता की कहानी
ड्रिप और मल्चिंग तकनीक से अनार की आय में हुई 6 गुना वृद्धि
उद्यानिकी फसलें अपनाकर खण्डवा जिले के किसान बन रहे हैं लखपति


खण्डवा 20 नवम्बर,2015 - जिले के ग्राम मोहनिया भाम निवासी किसान श्री अनार सिंह यादव जब परम्परागत तरीके से खेती करते थे तो उनकी आय 3-4 लाख रूपये वार्षिक थी। उद्यानिकी विभाग के मार्गदर्षन में उद्यानिकी फसलों के लिए उपयोगी ड्रिप सिंचाई पद्धति एवं मल्चिंग तकनीक अपनाकर अनार सिंह ने टमाटर, लोकी, तरबूज, खरबूज व पपीते की खेती कर एक साल में 24-25 लाख रूपये की आय प्राप्त की है। उनकी इस सफलता को देखकर आसपास के गांवों के अन्य किसान भी प्रेरित हो रहे है तथा उनका रूझान भी परम्परागत खेती को छोड़कर उद्यानिकी फसलों की और होने लगा है।
अनार सिंह ने वर्ष 2005-06 में उद्यानिकी विभाग से अनुदान प्राप्त कर सर्व प्रथम पपीते की फसल ली थी और आज से 10 वर्ष पूर्व लगभग 3 लाख रूपये का लाभ पपीते की फसल से कमाया था। तब से उनका झुकाव परम्परागत खेती को छोड़कर उद्यानिकी फसलों की और हो गया है। वर्ष 2012-13 एवं 2013-14 में उन्होंने ड्रिप सिंचाई पद्धति अपनाकर शासन से लगभग 3 लाख रूपये का अनुदान भी प्राप्त किया तथा साथ ही मल्चिंग तकनीक अपनाकर उन्होंने लगभग 50 हजार रूपये का अनुदान प्राप्त कर अपनी खेती को नई दिषा दी है। इन दोनों आधुनिकतम तकनीकों को अपनाने के बाद तो अनार सिंह की उम्मीदों में तो मानव पंख लग गए और उसकी आय में लगभग 6-7 गुना वृद्धि हो गई है। जो अनार सिंह पहले अपनी 40 एकड़ जमीन में खेती कर मात्र 3-4 लाख रूपये प्रतिवर्ष कमा पाता था उसी अनार सिंह ने टमाटर, लोकी, तरबूज, खरबूज व पपीते की खेती कर एक साल में 24-25 लाख रूपये की आय प्राप्त की है। अनार सिंह ने उद्यानिकी विभाग की मदद से अपने खेत में वर्मी कम्पोस्ट यूनिट स्थापित कर उन्नत किस्म की जैविक खाद तैयार करना भी प्रारंभ कर दिया है। जिससे उसकी फसलों में दिन दूनी - रात चौगुनी वृद्धि हो रही है। अपनी मेहनत और जुझारू पन के साथ - साथ नई नई तकनीकों को अपनाने वाला अनार सिंह आज न केवल मोहनिया भाम गांव में बल्कि आसपास के गांवों में भी अपनी पहचान स्थापित कर चुका है। अनार सिंह से उद्यानिकी फसलों एवं उसके द्वारा अपनाई गई नई नई तकनीकों की सलाह लेने दूर दूर के किसान आते है।

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