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Wednesday 18 November 2015

पुलिस कला महोत्सव में प्रदर्शनी व परिचर्चा आयोजित

पुलिस कला महोत्सव में प्रदर्शनी व परिचर्चा आयोजित



खण्डवा 18 नवम्बर,2015 - भारतीय पुलिस सेवा संघ के तत्वावधान में स्थानीय गौरी कुंज सभा गृह में आज दो दिवसीय पुलिस कला महोत्सव के अंतर्गत कर्तव्य पथ पर पुलिस के संदर्भ में प्रदर्शनी एवं ‘‘खण्डवा की शांति एवं सुरक्षा में पुलिस के साथ मेरी भूमिका‘‘ विषय पर परिचर्चा का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पुलिस उप महानिरीक्षक श्री दिलीप आर्य ने कर्त्तव्य पथ पर पुलिस विषय पर आधारित फोटो एवं चित्रकला प्रदर्षनी का फीता काटकर विधिवत शुभारंभ किया। प्रदर्षनी के अवलोकन उपरांत पुलिस उप महानिरीक्षक श्री आर्य ने मॉं सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर व दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उन्होंने इस अवसर पर संबोधित करते हुए कहा कि समाज में शांति व सदभाव बनाए रखने के लिए पुलिस कर्मी दिन रात मेहनत करते है। पुलिस उपमहानिरीक्षक श्री आर्य ने कहा कि पुलिस जागती इसी लिए नागरिकगण चैन से सौ पाते है। उन्होंने कहा कि पुलिस की नौकरी 24 घंटे सातों दिन की होती है। कार्यक्रम में पुलिस अधीक्षक डॉ. महेन्द्र सिंह सिकरवार, कृषि वैज्ञानिक श्री पी.पी. शास्त्री, वन संरक्षक श्री एस.एस.रावत, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री गोपाल खाण्डेल सहित विभिन्न पुलिस अधिकारी व गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। 
पुलिस उप महानिरीक्षक श्री आर्य ने कहा कि पुलिस अधिकारी, कर्मचारियों मंे भी कलाकार छुपा होता है कुछ पुलिस कर्मी अच्छे गायक होते है तो कुछ पुलिस कर्मी अच्छे लेखक व कवि भी होते है, लेकिन ड्यूटी की अधिकता के कारण उनकी यह प्रतिभा नागरिकों के सामने नही आ पाती है। ऐसे में भारतीय पुलिस सेवा संघ के तत्वाधान में आयोजित पुलिस कला महोत्सव एक सराहनीय प्रयास है। पुलिस अधीक्षक डॉ. सिकरवार ने कार्यक्रम की विषय वस्तु पर विस्तार से प्रकाष डाला तथा कविता पाठ के माध्यम से नागरिकों व पुलिस के संबंधों के बारे में समझाया। कृषि वैज्ञानिक डॉ. शास्त्री ने इस अवसर पर सुझाव दिया कि आज के कार्यक्रम मंे नागरिकों के संबोधन में प्राप्त सुझावों का संकलन कर उनमें से अच्छे सुझावों को लागू करने पर भी विचार किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि सभी अपने कर्त्तव्यों का सही तरीके से पालन करने लगेंगे तो किसी को अधिकार मांगने की आवष्यकता नही पडेगी। डॉ. शास्त्री ने कहा कि यदि माता पिता के प्रति बच्चे अपना कर्त्तव्य सही तरीके से पूरा करते तो भरण पोषण अधिनियम बनाने की आवष्यकता नही पड़ती है। उन्होंने कहा कि समाज व पुलिस में अच्छा तालमेल होना चाहिए तभी समाज में शांति व्यवस्था कायम होगी। उन्होंने कहा कि ज्यादातर साम्प्रदायिक तनाव अफवाहों के कारण होते है। अतः नागरिको से संवाद कायम करने के लिए पुलिस को विषेष प्रयास करने चाहिए। 
वन संरक्षक श्री रावत ने कहा कि नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करना ही पुलिस का कर्त्तव्य है। नागरिकों को भी नियम कानून व व्यवस्थाओं का स्वतः पालन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कई विकसित देषों में नागरिकगण यातायात नियमों का इतनी अच्छी तरह पालन करते है कि वहा यातायात पुलिस तैनात ही नही की जाती है। कार्यक्रम में गणमान्य नागरिकों ने भी संबोधित किया। डॉ. मनीष मिश्रा ने इस अवसर पर संबोधित करते हुए कहा कि कई बार साम्प्रदायिक तनाव अफवाहों के कारण होता है। उन्होंने कहा कि संवाद के आदान प्रदान से अफवाहों को फैलने से रोका जा सकता है।
     अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री खाण्डेल ने इस अवसर पर बताया कि यह प्रदर्शनी 19 नवम्बर को भी जारी रहेगा जिसका अवलोकन प्रातः 11 बजे से सांय 5 बजे तक किया जा सकता है। उन्होंने शहर के सभी नागरिको से अपील की है कि वे अधिक से अधिक संख्या में गौरी कुंज सभा गृह पहुंचकर प्रदर्शनी का अवलोकन कर कार्यक्रम को सफल बनाने में सहयोग करें। 

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