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Friday 27 November 2015

आगामी वित्तीय वर्ष में लगभग 2440 करोड़ रु. के कृषि ऋण होंगे वितरित

आगामी वित्तीय वर्ष में लगभग 2440 करोड़ रु. के कृषि ऋण होंगे वितरित
नाबार्ड की संभाव्यतायुक्त ऋण योजना में किया गया प्रावधान

खण्डवा 27 नवम्बर,2015 - नाबार्ड ने वर्ष 2016-17 के लिए खण्डवा जिले के लिए भारतीय रिजर्व बैंक के प्राथमकिता प्राप्त क्षेत्र में ऋण वितरण के नए दिशा-निर्देशों के अनुसार कृषि ऋण, कृषि अधोसंरचना,  कृषि सहायक गतिविधियों, सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यमियों, शिक्षा, आवास, नवीकरणीय ऊर्जा, आदि हेतु रु 2440 करोड़ की संभाव्यतायुक्त ऋण योजना (पीएलपी) तैयार की है। इस संभाव्यतायुक्त ऋण योजना की पुस्तक का विमोचन  कलेक्टर डॉ. एम के अग्रवाल द्वारा जिला स्तरीय सलाहकार समिति की बैठक में गुरूवार को किया गया। कलेक्टर डॉ. अग्रवाल ने नाबार्ड द्वारा तैयार की गयी योजना के अनुसार ऋण वितरण करने का आव्हान सभी बैंक अधिकारियों से किया। इस अवसर पर नाबार्ड के सहायक महाप्रबन्धक (जिला विकास) श्री मनोज वि पाटील ने ऋण योजना की रुपरेखा पावरपाइंट के माध्यम से प्रस्तुत की। उन्होंने अपनी प्रस्तुति के दौरान बताया कि जिले के 70 प्रतिशत किसानों के पास दो हेक्टेयर से भी कम भूमि हैं और ऐसे सीमान्त व  लघु किसानों को फसल ऋण के साथ-साथ डेयरी, बकरी-पालन, मुर्गी-पालन, शूकर-पालन आदि हेतु दीर्घावधि ऋण देने की अत्यन्त आवश्यकता है ताकि प्राकृतिक आपदा की स्थिति मेँ भी खेती से हुए नुकसान की भरपाई इससे होने वाली आमदनी से पूरा कर किसान अपने घरेलू खर्चो के साथ ही बैंक की किश्त का भुगतान भी कर सकें। कलेक्टर ने बैंकों को निर्देश दिए कि कृषि क्षेत्र में पूंजीगत निवेश को बढ़ावा देने के लिए अधिक मात्रा में ऋण वितरण किया जाए। नाबार्ड द्वारा द्वारा वर्ष 1988-89 से प्रति वर्ष प्रत्येक जिले के लिए संभाव्यतायुक्त ऋण योजना (पीएलपी) तैयार की जाती है। भारतीय रिजर्व बैंक के निर्देशानुसार पीएलपी के आधार पर अग्रणी बैंक जिले की वार्षिक साख योजना तैयार करता है और इस योजना के अनुसार प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र के अंतर्गत ऋण वितरण का लक्ष्य जिले की समस्त बैंकों को दिया जाता है। 
    नाबार्ड डीडीएम श्री पाटील ने बताया कि वर्ष 2015-16 में 1847 करोड़ की योजना के विरुद्ध आगामी वर्ष 2016-17 में रु 2440 करोड़ अर्थात् 32ः अधिक ऋण वितरण की संभावना है। इसमें कृषि ऋण हेतु रु 2072 करोड़, कृषि अधोसंरचना हेतु रु 32 करोड़, कृषि सहायक गतिवििधयों हेतु रु 85 करोड़, सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यमियों हेतु रु 123 करोड़, शिक्षा व आवास हेतु रु 69 करोड़, नवीकरणीय ऊर्जा, स्वयं सहायता समूह व प्रधानमंत्री जन धन योजना के लिए रु 32 करोड़ आवंटति किए गए हैं। साथ ही, सामाजिक अधोसंरचना के अंतर्गत माध्यमिक शाला, अस्पताल, स्वच्छता, पेयजल के लिए रु 27 करोड़ की राशि इस वर्ष सम्मिलित की गयी है। 

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