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Monday 16 November 2015

विकास दषक पर विषेष लेख गत 10 वर्षो में खंडवा जिले ने सभी क्षेत्रों में की है उल्लेखनीय प्रगति

विकास दषक पर विषेष लेख
गत 10 वर्षो में खंडवा जिले ने सभी क्षेत्रों में की है उल्लेखनीय प्रगति




खण्डवा 16 नवम्बर 2015 - मुख्यमंत्री श्री षिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में प्रदेष निरंतर विकास कर रहा है। गत 10 वर्षो में षिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, जल संसाधन, विद्युत, आदिम जाति कल्याण, लोक निर्माण विभाग, सहित सभी विभागों की नई-नई योजनाएं मुख्यमंत्री श्री चौहान के कार्यकाल में प्रारंभ हुई है। साथ ही नागरिकों की सुविधाओं में वृद्धि के लिए गत 10 वर्षो में स्कूल भवन, अस्पताल भवन, आंगनवाड़ी भवन, छात्रावास, तथा ग्रामीण व शहरीय क्षेत्र में सड़कों के निर्माण की दिषा में उल्लेखनीय कार्य प्रदेष में हुए है। 
प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना
प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना दूरस्थ व मुख्य धारा से कटे ऐसे ग्रामों के लिए वरदान साबित हुई है, जो कि वर्षा ऋतु में पहुंच विहीन हो जाते थे। खण्डवा जिले के कुल 346 गांव गत 10 वर्षो में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अंतर्गत बारहमासी पक्की सड़को से जोड़े जा चुके है। इन सड़कों के बन जाने से इन गांव मंे रहने वाले लगभग पौने चार लाख ग्रामीणजनों को काफी राहत मिली है। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत खण्डवा जिले के 500 की आबादी तक के लगभग सभी ग्रामीण पक्की सड़को से जोड़े जा चुके है। गत 10 वर्षो में इस योजना के तहत कुल 302 सड़क मार्ग स्वीकृत हुए है, जिनकी कुल लंबाई 1245.25 किलोमीटर है। इन मार्गो के निमार्ण के लिए सरकार ने गत 10 वर्षो में 32413 लाख रूपये स्वीकृत किए थे। इनमें से 277 मार्गो का निमार्ण कार्य पूर्ण हो चुका है, जिनकी कुल लंबाई 1164.44 किलोमीटर है। इन पूर्ण हो चुकी सड़को के निर्माण पर 27338.46 लाख रूपये व्यय किए गए है। 
मेडिकल कॉलेज की स्थापना
मध्य प्रदेष शासन द्वारा खण्डवा जिले में 100 विद्यार्थी क्षमता वाला मेडिकल कॉलेज तथा मेडिकल कॉलेज से जुड़े 500 बिस्तर क्षमता वाले अस्पताल के भवन निर्माण के लिए कुल 172.21 करोड़ रूपये की मंजूरी राज्य शासन द्वारा दी गई है। इसके लिए भवन निर्माण का कार्य लोक निर्माण विभाग की परियोजना क्रियान्वयन ईकाई द्वारा कराया जा रहा हैं। वर्तमान में खण्डवा व आसपास के जिलो मंे मेडिकल कॉलेज की सुविधा न होने से यहां के नागरिकों को विषेष चिकित्सा सुविधा उपलब्ध नही हो पाती है। खण्डवा में मेडिकल कॉलेज स्थापित हो जाने से न केवल खण्डवा जिले साथ ही बुरहानपुर, खरगोन, बड़वानी, जिलो के नागरिकों को भी चिकित्सा सुविधा उपलब्ध होगी। खण्डवा में 100 सीटर मेडिकल कॉलेज की स्थापना से मेडिकल क्षेत्र में रूचि रखने वाले विद्यार्थियों के लिए उच्च षिक्षा के अवसर भी बढ़ जायेंगे। राज्य शासन द्वारा निर्माण एजेंसी को मेडिकल कॉलेज निर्माण के लिए 24 माह का समय दिया गया है। मेडिकल कॉलेज परिसर में कॉलेज भवन के साथ - साथ छात्र व छात्राओं के लिए छात्रावास, जूनियर रेसिडेंट डॉक्टर्स के लिए आवास, डीन का निवास गृह, प्राध्यापकों के आवास गृह, स्पोर्टस कॉम्पलेक्स, गेस्ट हाउस, व कर्मचारियों के लिए आवास गृह एवं विकास कार्य किए जायेंगे। 
पर्यटन केन्द्र - हनुमंतिया टापू
मध्य प्रदेष राज्य पर्यटन विकास निगम द्वारा खण्डवा जिले के पुनासा विकासखण्ड के हनुमंतिया टापू को लगभग 8 करोड़ रूपये लागत से एक राष्ट्रीय स्तर के पर्यटन केन्द्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। यह हनुमंतिया टापू इंदिरासागर बांध के बैक वाटर के कारण निर्मित हुआ है। पर्यटन विकास निगम द्वारा यहां बोट क्लब, रेस्टोरेंट, तैयार कराये जा रहे है इसके साथ ही यहां पर पर्यटकों के रूकने के लिए 10 कक्ष का विश्रामगृह भी तैयार किया जा रहा है। इस परिसर में पर्यटन निगम के स्टॉफ के लिए आवास भवन भी निर्मित किए जा रहे है। हनुमंतिया टापू पर पर्यटकों को आकृषित करने के लिए एक क्रूज तथा दो मोटर बोट भी क्रय कर ली गई है। यहां पर्यटकों के खाने-पीने व रूकने की बेहतर व्यवस्था की जा रही है। साथ ही टापू को हरा भरा बनाने के लिए निगम द्वारा यहां पौधरोपण भी कराया गया है। हनुमंतिया टापू पर वॉटर स्पोर्ट कॉम्पलेक्स भी स्थापित किया जा रहा है। 
रोषनी के आवासीय विद्यालय में 450 आदिवासी बच्चे कर रहे है अंग्रेंजी माध्यम से पढ़ाई
अनुसूचित जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों को इंजीनियरिंग, मेडिकल तथा राज्य व केन्द्र सरकार की सेवाओं तथा सार्वजनिक प्रतिष्ठानों में प्रवेष के लिए उच्च स्तर की षिक्षा दिलाने तथा प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता दिलाने के उद्देष्य से खण्डवा जिले के आदिवासी विकासखण्ड खालवा के ग्राम रोषनी में एकलव्य आवासीय विद्यालय की स्थापना की गई है। इस विद्यालय की विषेषता यह है कि यहां आदिवासी वर्ग के 450 विद्यार्थी अंग्रेजी माध्यम से सीबीएसई कोर्स की पढ़ाई कर रहे है। जो षिक्षा बड़े-बड़े शहरों के महंगे स्कूलों में दी जाती है उसी स्तर की पढ़ाई आदिवासी वर्ग के विद्यार्थियों को एक आदिवासी विकासखण्ड के दूरस्थ ग्राम में स्थित इस विद्यालय में उपलब्ध है। इस विद्यालय में कक्षा 6 वीं , 9 वीं व 11 वीं में नवीन प्रवेष दिया जाता है। एकलव्य आवासीय विद्यालय रोषनी के लिए 16 करोड़ रूपये लागत से एक विषाल भवन निर्मित हो चुका है। यहा अध्ययनरत् विद्यार्थियों को परीक्षा में 60 प्रतिषत अंक लाने पर ही अगली कक्षा में प्रवेष दिया जाता है। यहां के विद्यार्थियों को वर्ष में 10 माह के लिए मासिक षिष्यवृत्ति प्रदान की जाती है तथा गणवेष के लिए 600 रूपये एक मुष्त भुगतान किए जाते है। विद्यालय में टेलीविजन, कम्प्यूटर, निःषुल्क पुस्तकें, समाचार पत्र, लेखन सामग्री, सभी कुछ विद्यार्थियों को उपलब्ध है। 
आवासीय क्रीड़ा परिसर खालवा -
आदिवासी वर्ग के युवाओं की शारीरिक क्षमता में वृद्धि कर उनकी खेल प्रतिभा को विकसित करने तथा उन्हें राज्य स्तरीय एवं राष्ट्रीय क्रीडा प्रतियोगिताओं मंे भाग लेने के लिए योग्य बनाने के उद्देष्य से अनुसूचित जनजाति विकास विभाग द्वारा क्रीडा परिसर योजना प्रारंभ की गई थी। इस योजना के तहत   खण्डवा जिले के आदिवासी बहूल विकासखण्ड खालवा में आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा आवासीय क्रीड़ा परिसर निर्मित कराया गया है। इस इंडोर स्टेडियम की कुल लागत 8 करोड़ रूपये है, आदिवासी क्षेत्र में आवासीय क्रीड़ा परिसर बन जाने से क्षेत्र के आदिवासी युवा व विद्यार्थी खेल की विभिन्न विधाओं में प्रषिक्षण प्राप्त कर रहे है तथा जिला संभाग व राज्य स्तर पर होने वाली खेल प्रतियोगिताओं में क्षेत्र का नाम रोषन कर रहे है। आवासीय क्रीड़ा परिसर खालवा में प्रषासकीय भवन के साथ - साथ एक 100 सीटर छात्रावास का दो मंजिला भवन, खेल मैदान, एथलेटिक ट्रेक तथा इंडोर स्टेडियम का निर्माण किया गया है। खालवा के क्रीडा परिसर में रहने वाले विद्यार्थियों को निःषुल्क आवास के साथ - साथ प्रवेषित विद्यार्थियों को 3000 रूपये प्रतिमाह की दर से 10 माह के लिए षिष्यवृत्ति का भुगतान किया जाता है। साथ ही यहां प्रषिक्षण पा रहे खिलाडियों को निःषुल्क टेªकसूट, स्पोर्टस किट, व स्पोटस शूज भी उपलब्ध कराये जाते है। 
उद्यानिकी फसलों ने जिले के किसानों को बनाया लखपति
खण्डवा जिले की प्रमुख उद्यानिकी फसलों में फलों में अमरूद, आम, संतरा, नीम्बू, पपीता व केला, सब्जी में प्याज, अरवी, टमाटर, आलू, मटर, बैंगन, भिंड़ी, आदि शामिल है। जबकि मसाला फसलों में मिर्च, लहसुन, धनियां व अदरक तथा पुष्प फसलों में गेलार्डिया , गेंदा व झरबेरा शामिल है। उद्यानिकी विभाग की विभिन्न योजनओं से यहां के किसानों ने उद्यानिकी फसलों के प्रति रूझान बड़ा है। जिले के किसान प्याज भण्डार गृह, वर्मी कम्पोस्ट यूनिट निर्माण एवं संरक्षित खेती के तहत पॉलीहाउस, नेटहाउस, व प्लास्टिक मल्चिंग से अच्छी उद्यानिकी फसलें लंे रहे है तथा अत्यधिक लाभ कमा रहे है। जिले में ड्रिप एरिगेषन तथा मल्चिंग के माध्यम से किसानों ने अपना उत्पादन कई गुना बढ़ा लिया है। राज्य सरकार द्वारा उद्यानिकी फसलों में ड्रिप व स्प्रिंकलर सिस्टम लगाने के लिए 65 से 80 प्रतिषत अनुदान दिया जाता है। इसी तरह यंत्रीकरण, पॉलीहाउस, नेटहाउस, व प्लास्टिक मल्चिंग के लिए भी सरकार द्वारा 50 प्रतिषत अनुदान दिया जाता है।
     खण्डवा जिले में वर्ष 2005 में जिले में फल उत्पादन 19440.40 मेट्रीक टन होता था, जो गत 10 वर्षो में बढ़कर अब 40220 हेक्टेयर हो गया है।  इसी तरह 10 वर्ष पूर्व जिले में फलों की उत्पादकता 21.20 मेट्रीक टन प्रति हेक्टेयर थी, जो बढ़कर अब 27.12 मेट्रीक टन प्रति हेक्टेयर हो गई है। वर्ष 2005 में जिले में सब्जी उत्पादन 193264.50 मेट्रीक टन होता था, जो गत 10 वर्षो में बढ़कर अब 620805 हेक्टेयर हो गया है।  इसी तरह 10 वर्ष पूर्व जिले में सब्जी की उत्पादकता 16.50 मेट्रीक टन प्रति हेक्टेयर थी, जो बढ़कर अब 20.53 मेट्रीक टन प्रति हेक्टेयर हो गई है। वर्ष 2005 में जिले में मसाला से संबंधित उद्यानिकी फसल 3568 हेक्टेयर क्षेत्र में ली जाती थी, गत 10 वर्षो में मसाला उत्पादन का रकबा बढ़कर 9204 हेक्टेयर हो गया है। वर्ष 2005 में जिले में पुष्प से संबंधित उद्यानिकी फसल  81 हेक्टेयर क्षेत्र में ली जाती थी, गत 10 वर्षो में पुष्प उत्पादन का रकबा बढ़कर 207 हेक्टेयर हो गया है। वर्ष 2005 में जिले में पुष्प उत्पादन 753.80 मेट्रीक टन होता था, जो गत 10 वर्षो में बढ़कर अब 3254 हेक्टेयर हो गया है।  
जिले के अधिकांष ग्राम हो चुके है विद्युतीकृत
खण्डवा जिले में गत 10 वर्षो में विद्युतीकरण के क्षेत्र में पष्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी द्वारा उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की गई है। वर्ष 2005 में जिले में 33 केवी लाईन मात्र 713 किलोमीटर लम्बाई की थी, वर्ष 2015 में यह विद्युत लाईन बढ़कर 1279 किलोमीटर लम्बी हो चुकी है। इसी तरह वर्ष 2005 में 11 केवी लाईन की लम्बाई जिले में कुल 2599 किलोमीटर थी, जो वर्ष 2015 में 6373 किलोमीटर हो गई है। वर्ष 2005 मंे खण्डवा जिले में 5748 किलोमीटर लम्बी निम्न दाब विद्युत लाईन स्थापित थी, जो कि अब बढ़कर 8902 किलोमीटर हो गई है। इसके अलावा वर्ष 2005 में खण्डवा जिले में अति उच्च दाब के 4 विद्युत उपकेन्द्र स्थापित थे। गत 10 वर्षो में दो नए अति उच्च दाब उपकेन्द्र ग्राम तोरनी व मूंदी में स्थापित किए गए है। इस तरह अब जिले में कुल 6 अति उच्च दाब उपकेन्द्र संचालित है। इसी तरह वर्ष 2005 में 33/11 केवी उपकेन्द्र की संख्या 39 थी, जो गत 10 वर्षो में बढ़कर अब 70 हो गई है। वर्ष 2005 में 220 केवी उपकेन्द्र की संख्या 1 थी, जो गत 10 वर्षो में बढ़कर अब 2 हो गई है। वर्ष 2005 में 132 केवी उपकेन्द्र की संख्या 3 थी, जो अब बढ़कर अब 4 हो गई है। इस तरह गत 10 वर्षो में जिले की क्षमता बढ़कर 197.15 एमव्हीए से बढ़कर 451.3 एमव्हीए हो गई है। जिले में वर्ष 2005 में कुल 2497 वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित थे, जो कि वर्ष 2015 में बढ़कर 8274 हो गए है। 
श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना दोंगलिया
गत 5 मार्च 2015  को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के करकमलो द्वारा 7820 करोड रूपये लागत वाली श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना के प्रथम चरण का लोकार्पण किया गया साथ ही द्वितीय चरण  का षिलान्यास सम्पन्न किया गया। श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना, मध्य प्रदेष पॉवर जनरेटिंग कम्पनी लिमिटेड एवं म.प्र. शासन की महत्वकांक्षी परियोजना है जिसका लक्ष्य विद्युत उत्पादन के क्षेत्र मे ंप्रदेष को आत्मनिर्भर बनाना है। यह परियोजना दो चरणांे में क्रियान्वित की जा रही है। श्री सिगाजी ताप विद्युत परियोजना के दोनो चरण पूर्ण होने पर कुछ विद्युत उत्पादन क्षमता 2520 मेगावाट होगी। यह म.प्र. के निमाड़-मालवा क्षेत्र की एकमात्र ताप विद्युत परियोजना है जिससे इस क्षेत्र को सतत् विद्युत आपूर्ति मिलेगी एवं औद्योगिक विकास उन्नत होगा। 
गत 10 वर्षो में 16 सिंचाई योजनाएं हुई पूर्ण
खण्डवा जिले में गत 10 वर्षो में जल संसाधन विभाग द्वारा कुल 16 लद्यु सिंचाई योजनाओं का निर्माण कार्य पूर्ण किया गया। इनमें खालवा विकासखण्ड में 7, छैगांव माखन विकासखण्ड में 4, खण्डवा में 1 व पंधाना विकासखण्ड में 4 सिंचाई योजना शामिल है। इन सिंचाई योजना के पूर्ण होने से जिले की सिंचाई क्षमता में कुल 3566 हेक्टेयर क्षेत्र की वृद्धि हुई है। कार्यपालन यंत्री जल संसाधन श्री आर.के.शर्मा ने बताया कि इन 16 सिंचाई योजनाओं के निर्माण पर कुल 57.32 करोड़ रूपये व्यय किए गए है। जो सिंचाई योजनाएं गत 10 वर्षो में पूर्ण हुई है, उनमें नावली तालाब योजना, अर्दला तालाब योजना, ईटवा मामा डोह तालाब, मेढ़ा पानी तालाब, खजूरी तालाब, छनेरा तालाब, पलासिया तालाब, सिवना तालाब, खेड़ी तालाब, मानपुरा तालाब, बांमझर तालाब, भोकरिया तालाब, गुलरढाना तालाब, डाबी तालाब, मीरपुर तालाब, एवं गंगा घाट तालाब योजनाएं शामिल है।
शासकीय संगीत एवं ललित कला महाविद्यालय
वर्ष 2013 में मध्य प्रदेष शासन द्वारा खण्डवा में शासकीय संगीत एवं ललित कला महाविद्यालय स्वीकृत किया गया था। इस महाविद्यालय में इस षिक्षण सत्र में 480 विद्यार्थियों ने प्रवेष लिया है, जो कि मध्य प्रदेष के किसी भी संगीत या ललित कला महाविद्यालय की क्षमता से अधिक है। इस वर्ष इस महाविद्यालय में 2 नए कोर्स हारमोनियम एवं बांसुरी विधा के रूप में प्रारंभ किए गए है। संगीत एवं ललित कला महाविद्यालय के भवन के निर्माण के लिए सर्किट हाउस के पास कुल 7.5 एकड़ भूमि आरक्षित की जा चुकी है। भवन निर्माण के लिए शासन ने 2 करोड़ रूपये स्वीकृत किए है। संगीत एवं ललित कला महाविद्यालय खण्डवा में वर्तमान में सितार वादन, हारमोनियम , तबला , बासुंरी व वायलिन वादन के षिक्षण की सुविधा उपलब्ध है। संगीत एवं ललित कला महाविद्यालय में संगीत में डिप्लोमा, संगीत में स्नातक, संगीत में स्नातकोत्तर, कत्थक नृत्य में षिक्षण का कोर्स संचालित है। इसके साथ ही बेचलर ऑफ फाईन ऑर्ट की डिग्री के लिए भी इस महाविद्यालय में षिक्षण सुविधा उपलब्ध है। महाविद्यालय के षिक्षकों के मार्गदर्षन में तीन विद्यार्थी पीएचडी उपाधि प्राप्त कर चुके है। 
आलेख व संकलन - बृजेन्द्र शर्मा , जनसम्पर्क अधिकारी, जिला- खण्डवा

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