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Wednesday 18 November 2015

उद्यानिकी फसलों को भी मिलेगा फसल बीमा योजना का लाभ

उद्यानिकी फसलों को भी मिलेगा फसल बीमा योजना का लाभ
एक दिवसीय कार्यषाला में मौसम आधारित फसल बीमा योजना की दी जानकारी


खण्डवा 18 नवम्बर,2015 - प्रदेष सरकार द्वारा एच डी एफ सी एर्गो तथा जनरल इंष्योरंेष कम्पनी के सहयोग से उद्यानिकी की रबी फसलों के लिए मौसल आधारित फसल बीमा योजना लागू की गई है। इसके अंतर्गत खण्डवा जिले मंे रबी मौसम में आलू, लहसुन, धनियॉं, हरी मटर, आम, पपीता, केला, टमाटर, बेंगन , फूल गोभी, पत्ता गोभी व प्याज की फसलों को शामिल किया गया है। आज कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में इस बीमा योजना की जानकारी देने के लिए एक दिवसीय कार्यषाला का आयोजन किया गया, जिसमें उद्यानिकी विभाग के क्षेत्रीय अधिकारी , कर्मचारी एवं विभिन्न बैंकर्स उपस्थित थे। बैठक में कलेक्टर डॉ. एम.के.अग्रवाल ने कहा कि इस बीमा योजना को और अधिक बेहतर बनाए जाने की आवष्यकता है। उन्होंने कहा कि योजना में कई तकनीकी खामियॉं है, जिससे खण्डवा जिले के किसानों को उद्यानिकी फसलों के बीमा का लाभ सही तरह से नही मिल पायेगा। उन्होंने उपसंचालक उद्यानिकी श्री एस.एम.पटेल को निर्देष दिए कि प्रमुख सचिव उद्यानिकी को पत्र लिखकर योजना की खामियों को सुधारने के लिए शासन का ध्यान आकर्षित किया जाये। उन्होंने कि यह योजना जिले के मौसम को ध्यान में रखकर जिलेवार लागू की जानी चाहिए, क्योंकि हर जिले में वर्षा की मात्रा तथा तापमान की स्थितियॉं अलग-अलग रहती है। कार्यषाला में बताया गया कि बीमा योजना को ध्यान में रखकर जिले में 25 मौसम आधारित केन्द्र स्थापित किए गए है, जहॉं कि वर्षा की मात्रा तथा तापमान आदि आधुनिकतम मषीनों से दर्ज किए जायेंगे। कलेक्टर डॉ. अग्रवाल ने उद्यानिकी विभाग के क्षेत्रीय अधिकारियों को निर्देष दिए कि उनके क्षेत्र में स्थापित मौसम आधारित केन्द्रों का भौतिक सत्यापन करें।
 बीमा कम्पनी के श्री उमेष सोनी ने बीमा योजना के बारे में विस्तृत प्रजेंटेषन प्रस्तुत किया। इन केन्द्रों से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर क्षेत्र के किसानों को उद्यानिकी फसलों के बीमा का लाभ दिया जायेगा। उन्होंने बताया कि इस योजना के अंतर्गत प्रदेष के खण्डवा जिले के साथ - साथ अषोकनगर, बड़वानी, देवास, धार, गुना, राजगढ़ एवं उज्जैन को शामिल किया गया है। यह योजना ऋणी एवं अऋणी दोनों तरह के कृषकों के लिए लागू की गई है। ऋणी कृषकों के लिए यह योजना अनिवार्य है, जबकि अऋणी किसानों के लिए स्वेच्छिक है। उन्होंने बताया इस योजना के तहत टमाटर, आलू, लहसून, बैंगन, फूल गोभी, पत्ता गोभी व प्याज का 60 हजार रूपये प्रति हेक्टेयर का बीमा किया जायेगा, इसकी प्रीमीयम राषि 7200 रूपये प्रति हेक्टेयर होगी। इसमें राज्य सरकार 1800 रूपये व केन्द्र सरकार 1800 रूपये जमा करेगी, इस तरह 3600 रूपये का अनुदान किसान को प्रति हेक्टेयर बीमा के लिए मिलेगा। शेष 3600 रूपये किसान को बीमा के लिए जमा करने होगे। इसी तरह धनियॉं व हरी मटर का 25 हजार रूपये प्रति हेक्टेयर का बीमा किया जायेगा, इसकी प्रीमीयम राषि 3000 रूपये प्रति हेक्टेयर होगी। इसमें राज्य सरकार 750 रूपये व केन्द्र सरकार 750 रूपये जमा करेगी, इस तरह 1500 रूपये का अनुदान किसान को प्रति हेक्टेयर बीमा के लिए मिलेगा। शेष 1500 रूपये किसान को बीमा के लिए जमा करने होगे।
आलू की फसल का 1 लाख रूपये प्रति हेक्टेयर का बीमा किया जायेगा, इसकी प्रीमीयम राषि 12 हजार रूपये प्रति हेक्टेयर होगी। इसमें राज्य सरकार 3000 रूपये व केन्द्र सरकार 3000 रूपये जमा करेगी, इस तरह 6000 रूपये का अनुदान किसान को प्रति हेक्टेयर बीमा के लिए मिलेगा। शेष 6000 रूपये किसान को बीमा के लिए जमा करने होगे। जबकि आम की फसल का 50 हजार रूपये प्रति हेक्टेयर का बीमा किया जायेगा, इसकी प्रीमीयम राषि 6000 रूपये प्रति हेक्टेयर होगी। इसमें राज्य सरकार 1500 रूपये व केन्द्र सरकार 1500 रूपये जमा करेगी, इस तरह 3000 रूपये का अनुदान किसान को प्रति हेक्टेयर बीमा के लिए मिलेगा। शेष 3000 रूपये किसान को बीमा के लिए जमा करने होगे। उन्होंने बताया कि रबी मौसम में ऋणी व अऋणी कृषक 31 दिसम्बर तक बीमा करा सकेंगे। बीमा कम्पनी में बैंको को घोषणा पत्र के साथ प्रीमियम की राषि जमा कराने की अंतिम तिथि 15 जनवरी 2016 निर्धारित है। अऋणी कृषकों को बीमा के लिए आवेदन  के साथ अपना परिचय पत्र, स्थायी पते का प्रमाण, भू अधिकार ऋण पुस्तिका, बैंक पासबुक की प्रतिलिपि तथा किसान द्वारा हस्ताक्षरित घोषणा पत्र भी जमा कराना होगा।

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