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Saturday 17 October 2015

सभी अधिकारी मिलकर प्रदेष को स्वर्णिम व विकसित बनाने में भागीदार बनें - उपाध्यक्ष राज्य योजना आयोग श्री जैन

सभी अधिकारी मिलकर प्रदेष को स्वर्णिम व विकसित बनाने में भागीदार बनें- उपाध्यक्ष राज्य योजना आयोग श्री जैन
बुरहानपुर, बड़वानी, खरगोन व खण्डवा की वार्षिक योजना स्वीकृत 



खण्डवा 17 अक्टूबर,2015 - मध्य प्रदेष राज्य योजना आयोग के उपाध्यक्ष श्री बाबूलाल जैन ने कहा है कि प्रदेष सरकार समाज के सबसे पिछड़े वर्ग के कल्याण के लिए कृतसंकल्पित है तथा मुख्यमंत्री श्री षिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में तेजी से प्रदेष का विकास हो रहा है। सभी अधिकारी कर्मचारी मिलकर मध्य प्रदेष को स्वर्णिम व विकसित राज्य बनाने में भागीदार बनें। श्री जैन आज कलेक्ट्रेट खण्डवा के सभाकक्ष में कुल चार जिलांे खण्डवा, खरगोन, बुरहानपुर व बड़वानी की वार्षिक योजना स्वीकृति संबंधी बैठक में संबोधित कर रहे थे। बैठक में योजना आयोग के प्रमुख सलाहकार श्री राजेन्द्र मिश्रा, प्रमुख सलाहकार श्री मंगेष त्यागी, सलाहकार श्री पी.सी.बारसकर एवं अर्थषास्त्री डॉ. बी.एल.शर्मा, सहित विभिन्न अधिकारी भी उपस्थित थेे। बैठक में खण्डवा कलेक्टर डॉ. एम.के.अग्रवाल, खरगोन कलेक्टर श्री नीरज दुबे, बड़वानी कलेक्टर श्री अजय गंगवाल, बुरहानपुर कलेक्टर श्रीमती जे.पी.आईरिन सिंथिया, के अलावा चारों जिलो के पुलिस अधीक्षक, जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, वनमण्डलाधिकारी सहित सभी प्रमुख विभागों के जिला अधिकारी उपस्थित थे। 
उपाध्यक्ष श्री जैन ने इस अवसर पर संबोधित करते हुए कहा कि पूर्व के वर्षो में वार्षिक योजना स्वीकृति के लिए प्रदेष के सभी जिलो से अधिकारियों को भोपाल आना पड़ता था, लेकिन प्रषासनीक विकेन्द्रीकरण के क्रम में अब जिला स्तर पर राज्य योजना आयोग के अधिकारी आकर संबंधित जिलों के कलेक्टर व जिला अधिकारियों से चर्चा कर जिले में ही उनकी वार्षिक योजना स्वीकृत करते है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे प्रदेष के विकास और गरीब के कल्याण के लिए कार्य करें तथा स्वीकृत योजनाओं को समय सीमा में पूर्ण कराने का संकल्प ले ताकि प्रदेष तेजी से विकास कर सके। उन्होंने कहा कि योजनाओं के क्रियान्वयन में देरी होने से निर्माण की लागत बढ़ती है जिससे प्रदेष का विकास प्रभावित होता है। उन्होंने कहा कि योजना की स्वीकृति के समय ही यह तय हो जाना चाहिए कि उसका शुभारंभ कब होगा तथा योजना का लोकार्पण कब होगा। उन्होंने उपस्थित सभी कलेक्टर्स व अन्य अधिकारियों से कहा कि वे इस तरह की योजना बनाए कि जिलों के सभी ग्रामों में पेयजल, स्वास्थ्य, सड़क व षिक्षा जैसी सभी मूलभूत सुविधाएं ग्रामीणों को उपलब्ध हो सके। उपाध्यक्ष श्री जैन ने सभी पुलिस अधीक्षक से कहा कि अपराध बढ़ने से व अषांति होने से प्रदेष का विकास अवरूद्ध हो जाता है अतः प्रयास करे कि जिलो में शांति व्यवस्था बनी रहे । इस कार्य में सोषयल पुलिसिंग की मदद लें। 
राज्य योजना आयोग के प्रमुख सलाहकार डॉ. राजेन्द्र मिश्रा ने बैठक में संबोधित करते हुए कहा कि चूकि शीघ्र ही नई पंचवर्षीय योजना शुरू होने जा रही है अतः सभी अधिकारी प्रयास करें कि वर्तमान में प्रचलित सभी अधूरे निर्माण कार्यो को प्राथमिकता से पूर्ण करा लिया जाये। उन्होंने जिलो में हुए अच्छे कार्यो का डोक्यूमेंट टेषन कराने के निर्देष भी अधिकारियों को दिए। डॉ. मिश्रा ने कहा कि प्रदेष में गत तीन वर्षो में पुलिस का बजट 90 करोड़ से बढ़ाकर 900 करोड़ किया गया है। जिससे पुलिस को नए वाहन व नए उपकरण तथा अन्य मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हुई है। उन्होंने सरकारी कार्यो में सामुदायिक भागीदारी व पारदर्षिता बढ़ाने पर बल दिया तथा कहा कि सामुदायिक भागीदारी बढ़ाने व जन-जन तक सरकार की योजनाओं की जानकारी पहॅुचाने में मध्य प्रदेष जन अभियान परिषद का सहयोग भी लिया जा सकता है। 
राज्य योजना आयोग के प्रमुख सलाहकार श्री मंगेष त्यागी ने इस अवसर पर कहा कि प्रदेष लगातार 3-4 वर्षो से अपनी कृषि विकास दर के मामले में देष के सर्वोच्च स्थान पर रहकर कृषि क्रमण अवार्ड प्राप्त कर रहा है। प्रदेष में कृषि उत्पादन में सर्वोच्च होने के बावजूद दुग्ध उत्पादन में मध्य प्रदेष देष में 5 वें स्थान पर है। अतः प्रदेष में दुग्ध उत्पादन बढ़ाने की काफी संभावनाएं है। 
कलेक्टर डॉ. एम.के.अग्रवाल ने बैठक में सभी उपस्थित अतिथियों का स्वागत करने के बाद अपने संबोधन में कहा कि पूर्व में जिले के 50-60 अधिकारियों को लेकर 2-3 दिन के लिए भोपाल जाना पड़ता था, जिसमें काफी परेषानी होती थी। वर्तमान में राज्य योजना आयोग की नई नीतियों के कारण अब जिले स्तर पर ही योजनाओं की स्वीकृति संबंधी बैठक के आयोजन होने से काफी आसानी हो गई है। उन्होंने अपने प्रेजेटेषन में बताया कि लिंग अनुपात तथा साक्षरता प्रतिषत के मामले में खण्डवा जिला बेहतर स्थिति में है। बैठक में सभी कलेक्टर्स ने अपने - अपने जिले का प्रेजेटेषन प्रस्तुत किया। बैठक के अंत में मध्य प्रदेष जन अभियान परिषद के संभागीय समन्वयक श्री अमित शाह ने जन अभियान परिषद की कार्य प्रणाली व उपयोगिता विषय पर विस्तृत प्रेजेटेषन प्रस्तुत किया तथा सभी कलेक्टर्स से अनुरोध किया कि योजनाओं के क्रियान्वयन संबंधी फीड बेक लेने तथा योजनाओं के प्रचार-प्रसार के उद्देष्य से वे जन अभियान परिषद के जिला व विकासखण्ड स्तरीय समन्वयकों का सहयोग ले सकते है। 
बैठक में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के बजट स्वीकृत करते समय योजना आयोग के अधिकारियों द्वारा सभी आंगनवाड़ीयों में पेयजल व्यवस्था के लिए निर्देष दिए गए। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कार्यपालन यंत्रियों को निर्देष दिए गए कि आगामी 3 माह में चारों जिले के प्रत्येक आंगनवाड़ी के लिए एक-एक हेण्डपंप या अन्य कोई पेयजल स्त्रोत स्थापित कर लें। इसके लिए पर्याप्त बजट उन्हंे उपलब्ध कराया जायेगा। 
खण्डवा जिले में वर्ष 2016-17 के लिए कुल 35075.85 लाख रूपये की वार्षिक योजना स्वीकृत

खण्डवा जिले में वर्ष 2016-17 के लिए कुल 35075.85 लाख रूपये की वार्षिक योजना स्वीकृत की गई। जिसमें पषुपालन विभाग के लिए कुल 90.72 लाख रूपये, मत्स्य पालन विभाग के लिए 53.97 लाख रूपये, सहकारिता विभाग के लिए 30.48 लाख रूपये, खादी ग्रामोद्योग विभाग के लिए 49.46 लाख रूपये, हथकरघा विभाग के लिए 10 लाख रूपये, नगरीय प्रषासन विभाग के लिए 250 लाख रूपये, कौषल विकास विभाग के लिए 5 लाख रूपये, आयुष विभाग के लिए 60 लाख रूपये, उद्योग विभाग के लिए 213.20 लाख रूपये, राजस्व विभाग के लिए 100 लाख रूपये, खेल एवं युवा कल्याण विभाग के लिए 46 लाख रूपये, नगर सेना विभाग के लिए 100 लाख रूपये, आपदा प्रबंधन विभाग के लिए 50 लाख रूपये, जेल विभाग के लिए 50 लाख रूपये, नवीकृत ऊर्जा विभाग के लिए 25 लाख रूपये, आर्थिक एवं साख्यिकी विभाग के लिए 608 लाख रूपये, राज्य योजना आयोग विभाग के लिए 25 लाख रूपये, कृषि विभाग के लिए 802 लाख रूपये, उद्यानिकी विभाग के लिए 309.34 लाख रूपये, रेषम विकास विभाग के लिए 258.25 लाख रूपये, वन विभाग के लिए 1500 लाख रूपये, ग्रामीण विकास विभाग के लिए 8515.50 लाख रूपये, पंचायत विभाग के लिए 2115.91 लाख रूपये, पुलिस विभाग के लिए 526 लाख रूपये, लोक निर्माण विभाग के लिए 3000 लाख रूपये, जिला षिक्षा केन्द्र विभाग के लिए 4331.03 लाख रूपये, लोक षिक्षण विभाग के लिए 576.46 लाख रूपये, जल संसाधन विभाग के लिए 804.50 लाख रूपये, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के लिए 2193 लाख रूपये, सामाजिक न्याय विभाग के लिए 2731.30 लाख रूपये, महिला एवं बाल विकास विभाग के लिए 36.46 लाख रूपये, पिछड़ा वर्ग विभाग के लिए 580.30 लाख रूपये, अनुसूचित जाति विकास विभाग के लिए 1285.46 लाख रूपये, अनुसूचित जनजाति विकास विभाग के लिए 3743.51 लाख रूपये, की वार्षिक योजना स्वीकृत की गई। 
बुरहानपुर जिले में वर्ष 2016-17 के लिए कुल 31403.65 लाख रूपये की वार्षिक योजना स्वीकृत

बुरहानपुर जिले में वर्ष 2016-17 के लिए कुल 31403.65 लाख रूपये की वार्षिक योजना स्वीकृत की गई। जिसमें पषुपालन विभाग के लिए कुल 76.54 लाख रूपये, मत्स्य पालन विभाग के लिए 13.35 लाख रूपये, सहकारिता विभाग के लिए 19.92 लाख रूपये, खादी ग्रामोद्योग विभाग के लिए 37 लाख रूपये, नगरीय प्रषासन विभाग के लिए 250 लाख रूपये, कौषल विकास विभाग के लिए 5 लाख रूपये, उद्योग विभाग के लिए 551.20 लाख रूपये, राजस्व विभाग के लिए 100 लाख रूपये, खेल एवं युवा कल्याण विभाग के लिए 40.69 लाख रूपये, नगर सेना विभाग के लिए 147 लाख रूपये, आपदा प्रबंधन विभाग के लिए 50 लाख रूपये, नवीकृत ऊर्जा विभाग के लिए 25 लाख रूपये, आर्थिक एवं साख्यिकी विभाग के लिए 454 लाख रूपये, राज्य योजना आयोग विभाग के लिए 25 लाख रूपये, कृषि विभाग के लिए 536 लाख रूपये, उद्यानिकी विभाग के लिए 146.10 लाख रूपये, रेषम विकास विभाग के लिए 882.80 लाख रूपये, वन विभाग के लिए 2062 लाख रूपये, ग्रामीण विकास विभाग के लिए 8260.02 लाख रूपये, पंचायत विभाग के लिए 1334 लाख रूपये, पुलिस विभाग के लिए 820 लाख रूपये, लोक निर्माण विभाग के लिए 3000 लाख रूपये, जिला षिक्षा केन्द्र विभाग के लिए 2539 लाख रूपये, लोक षिक्षण विभाग के लिए 496.32 लाख रूपये, जल संसाधन विभाग के लिए 1789.85 लाख रूपये, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के लिए 1240 लाख रूपये, सामाजिक न्याय विभाग के लिए 2105 लाख रूपये, महिला एवं बाल विकास विभाग के लिए 18.36 लाख रूपये, पिछड़ा वर्ग विभाग के लिए 798.20 लाख रूपये, अनुसूचित जाति विकास विभाग के लिए 1104 लाख रूपये, अनुसूचित जनजाति विकास विभाग के लिए 2477.50 लाख रूपये, की वार्षिक योजना स्वीकृत की गई। 


बड़वानी जिले में वर्ष 2016-17 के लिए कुल 53033.93 लाख रूपये की वार्षिक योजना स्वीकृत

बड़वानी जिले में वर्ष 2016-17 के लिए कुल 53033.93 लाख रूपये की वार्षिक योजना स्वीकृत की गई। जिसमें पषुपालन विभाग के लिए कुल 52.91 लाख रूपये, मत्स्य पालन विभाग के लिए 20.60 लाख रूपये, सहकारिता विभाग के लिए 25.44 लाख रूपये, खादी ग्रामोद्योग विभाग के लिए 34.20 लाख रूपये, हथकरघा विभाग के लिए 16 लाख रूपये, नगरीय प्रषासन विभाग के लिए 390 लाख रूपये, कौषल विकास विभाग के लिए 5 लाख रूपये, आयुष विभाग के लिए 100 लाख रूपये, उद्योग विभाग के लिए 310.6 लाख रूपये, राजस्व विभाग के लिए 100 लाख रूपये, खेल एवं युवा कल्याण विभाग के लिए 36.10 लाख रूपये, नगर सेना विभाग के लिए 100 लाख रूपये, आपदा प्रबंधन विभाग के लिए 50 लाख रूपये, जेल विभाग के लिए 90 लाख रूपये, आर्थिक एवं साख्यिकी विभाग के लिए 908 लाख रूपये, राज्य योजना आयोग विभाग के लिए 25 लाख रूपये, कृषि विभाग के लिए 596 लाख रूपये, उद्यानिकी विभाग के लिए 224.50 लाख रूपये, रेषम विकास विभाग के लिए 11.50 लाख रूपये, वन विभाग के लिए 2959 लाख रूपये, ग्रामीण विकास विभाग के लिए 8400 लाख रूपये, पंचायत विभाग के लिए 1912 लाख रूपये, पुलिस विभाग के लिए 852 लाख रूपये, लोक निर्माण विभाग के लिए 3500 लाख रूपये, जिला षिक्षा केन्द्र विभाग के लिए 7554 लाख रूपये, जल संसाधन विभाग के लिए 2250 लाख रूपये, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के लिए 3876 लाख रूपये, सामाजिक न्याय विभाग के लिए 3603 लाख रूपये, महिला एवं बाल विकास विभाग के लिए 39.28 लाख रूपये, पिछड़ा वर्ग विभाग के लिए 875.30 लाख रूपये, अनुसूचित जाति विकास विभाग के लिए 570 लाख रूपये, अनुसूचित जनजाति विकास विभाग के लिए 13597.50 लाख रूपये, की वार्षिक योजना स्वीकृत की गई। 
खरगोन जिले में वर्ष 2016-17 के लिए कुल 57259.60 लाख रूपये की वार्षिक योजना स्वीकृत

खरगोन जिले में वर्ष 2016-17 के लिए कुल 57259.60 लाख रूपये की वार्षिक योजना स्वीकृत की गई। जिसमें पषुपालन विभाग के लिए कुल 61.42 लाख रूपये, मत्स्य पालन विभाग के लिए 35.83 लाख रूपये, सहकारिता विभाग के लिए 46.80 लाख रूपये, खादी ग्रामोद्योग विभाग के लिए 39.16 लाख रूपये, हथकरघा विभाग के लिए 6.90 लाख रूपये, नगरीय प्रषासन विभाग के लिए 500 लाख रूपये, कौषल विकास विभाग के लिए 5 लाख रूपये, आयुष विभाग के लिए 95 लाख रूपये, उद्योग विभाग के लिए 590.22 लाख रूपये, राजस्व विभाग के लिए 100 लाख रूपये, खेल एवं युवा कल्याण विभाग के लिए 27 लाख रूपये, नगर सेना विभाग के लिए 100 लाख रूपये, आपदा प्रबंधन विभाग के लिए 50 लाख रूपये, जेल विभाग के लिए 25 लाख रूपये, नवीकृत ऊर्जा विभाग के लिए 25 लाख रूपये, आर्थिक एवं साख्यिकी विभाग के लिए 1262 लाख रूपये, राज्य योजना आयोग विभाग के लिए 25 लाख रूपये, कृषि विभाग के लिए 1396.84 लाख रूपये, उद्यानिकी विभाग के लिए 307.74 लाख रूपये, रेषम विकास विभाग के लिए 20.94 लाख रूपये, वन विभाग के लिए 2470 लाख रूपये, ग्रामीण विकास विभाग के लिए 11350 लाख रूपये, पंचायत विभाग के लिए 3330 लाख रूपये, पुलिस विभाग के लिए 305 लाख रूपये, लोक निर्माण विभाग के लिए 2000 लाख रूपये, जिला षिक्षा केन्द्र विभाग के लिए 7887 लाख रूपये, लोक षिक्षण विभाग के लिए 271.64 लाख रूपये, जल संसाधन विभाग के लिए 875 लाख रूपये, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के लिए 2696 लाख रूपये, सामाजिक न्याय विभाग के लिए 3167.02 लाख रूपये, महिला एवं बाल विकास विभाग के लिए 90.04 लाख रूपये, पिछड़ा वर्ग विभाग के लिए 1065.30 लाख रूपये, अनुसूचित जाति विकास विभाग के लिए 1509 लाख रूपये, अनुसूचित जनजाति विकास विभाग के लिए 15523.50 लाख रूपये, की वार्षिक योजना स्वीकृत की गई। 

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