‘‘सफलता की कहानी‘‘
उद्यानिकी विभाग की मल्चिंग तकनीक से मलगांव का रघुनाथ बना लखपति
खण्डवा 16 अक्टूबर,2015 - छैगांवमाखन विकासखण्ड के ग्राम मलगांव निवासी रघुनाथ पिता छितर आठवीं कक्षा उत्तीर्ण किसान है। उसके पास 7 एकड़ कृषि भूमि है, जिस पर वह वर्षो से परम्परागत विधियों से खेती करता आ रहा था। पिछले दिनों रघुनाथ को अचानक उद्यानिकी विभाग के वरिष्ठ उद्यानिकी विकास अधिकारी मोहन डोडवे मिले। उन्हांेने रघुनाथ को मल्चिंग तकनीक के बारे में बताया तथा कहा कि इस पद्धति से कम भूमि में अधिक उत्पादन ले सकता है। साथ ही उद्यानिकी अधिकारी श्री डोंडवे ने रघुनाथ को ड्रिप सिंचाई पद्धति, फर्टिगेषन पद्धति व एकीकृत कीट व रोग प्रबंध प्रणाली के बारे में भी बताया। रघुनाथ ने इस बार श्री डोंडवे की सलाह मानकर अपनी 3 एकड़ भूमि में करेले की फसल ली, जिससे उसे लगभग 600 क्विंटल करेले का उत्पादन प्राप्त हुआ। रघुनाथ बताता है कि उसे करेले की फसल में कुल 3 लाख रूपये की आय प्राप्त हुई है। किसान रघुनाथ बताता है कि मल्चिंग पद्धति अपनाने पर कुल खर्चा लगभग 70 हजार रूपये आया। इस तरह 2.30 लाख रूपये का शुद्ध लाभ उसे करेले की एक फसल में प्राप्त हुआ है।
किसान रघुनाथ बताता है कि पूर्व में वह करेले की फसल लगाता था तो 1 एकड़ में 40 क्विंटल करेला का उत्पादन वह कर पाता था। लेकिन मल्चिंग तकनीक व ड्रिप सिंचाई पद्धति का उपयोग कर उसने इस बार एक एकड़ में 200 क्विंटल करेला अर्थात 5 गुना उत्पादन प्राप्त किया है। रघुनाथ बताता है कि उसे करेले की खेती से हुए लाभ को देखते हुए अब गांव के अन्य किसान भी उससे मल्चिंग तकनीक व ड्रिप सिंचाई पद्धति के बारे में पूछताछ करने लगे है।
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