श्रम मंत्री श्री आर्य ने अमलपुरा में किसानों की समस्याएं सुनी
खण्डवा 26 अक्टूबर,2015 - श्रम, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री श्री अंतर सिंह आर्य ने आज खण्डवा विकासखण्ड के ग्राम अमलपुरा में गांव की चौपाल पर ग्रामीण की समस्याएं सुनी तथा उनके निराकरण के लिए अधिकारियों को निर्देष दिए। उन्होंने इस अवसर पर उपस्थिति ग्रामीणों से कहा कि संकट की इस घड़ी में किसानों को हर संभव मदद उपलब्ध कराई जायेगी। मंत्री श्री आर्य ने किसानों से कहा कि मुख्यमंत्री श्री षिवराज सिंह चौहान ने सूखे से उत्पन्न परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए प्रदेष के सभी मंत्रियो, सचिवो व प्रमुख सचिवो, भारतीय पुलिस सेवा व भारतीय वन सेवा के वरिष्ठ अधिकारियों को सभी विकासखण्डों का दौरा कर वहां सूखे से उत्पन्न स्थिति का अध्ययन कर रिपोर्ट देने को कहा है। सभी अधिकारी व मंत्रीगण 25, 26 व 27 अक्टूबर को अपने अपने विकासखण्डों का दौरा कर शासन को अपनी रिपोर्ट सौंपेगे। मंत्री श्री आर्य ने कहा कि वे स्वयं भी एक किसान है , उन्होंने भी लगभग 7-8 एकड़ में सोयाबीन लगाई थी, जो कि पूर्णतः खराब हो गई है। इस वर्ष अल्प वर्षा के साथ - साथ पीला मोजाईक व सफेद मक्खी के कारण भी सोयाबीन की फसल पूर्णतः नष्ट हो गई है। खुद किसान होने के कारण वे किसानों का दर्द समझते है। उन्होंने कहा कि प्रदेष के मुख्यमंत्री श्री षिवराज सिंह चौहान चूकि खुद किसान के बेटे है, इसलिए वे किसानों के प्रति काफी संवेदनषील है तथा संकट की इस घड़ी में किसानों को अधिकतम मदद देने का प्रयास कर रहे है। उन्होंने एसडीएम व तहसीलदार को निर्देष दिए कि राजस्व पुस्तक परिपत्र के प्रावधानों के तहत किसानों को हरसंभव मदद दिलाई जाये। इस दौरान विधायक श्री देवेन्द्र वर्मा, विधायक श्रीमती योगिता बोरकर, महापौर श्री सुभाष कोठारी, जिला भाजपा अध्यक्ष श्री हरीष कोटवाले भी उपस्थित थे।
विधायक श्री वर्मा ने इस अवसर पर संबोधित करते हुए कहा कि पहले राजस्व पुस्तक परिपत्र के तहत किसानों को 200-300 रूपये के चेक राहत के रूप में मिलते थे, अब मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रावधानों में परिवर्तन कर राहत राषि की दर में काफी वृद्धि की है। इस दौरान किसान श्री पन्नालाल ने बताया कि उसने डेढ़ क्विटल सोयाबीन बोई थी, कम वर्षा के कारण केवल 1 क्विटल सोयाबीन ही उत्पादित हुई। इसीतरह भावसिंगपुरा के किसान श्री रमेष रावत ने बिजली कम्पनी से राहत दिलाने की मांग की। धरमपूरी के भगवान सिंह, श्रीराम तिरोले ने भी अपनी फसल खराब होने की जानकारी मंत्री श्री आर्य को दी। मांगीलाल पटेल ने इस दौरान बताया कि उसने दो बार सोयाबीन की फसल बोई और मात्र 10 प्रतिषत उत्पादन हुआ है। किसान कैलाष ने मंत्री श्री आर्य से मांग की कि आगामी फसल के लिए खाद पर्याप्त मात्रा मंे उपलब्ध हो यह व्यवस्था की जाये।
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